भोपाल: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार को राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे अंतर्राष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर में ‘ग्रामीण रंग, पर्यटन संग’ राज्य स्तरीय उत्सव का आयोजन किया जाएगा. यह आयोजन ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और रोज़गार के नए अवसरों को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.
संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि होंगे. कार्यक्रम में ग्रामीण पर्यटन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले हितधारकों, संस्थाओं और पंचायत प्रतिनिधियों को सम्मानित किया जाएगा.
उत्सव के दौरान चार महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसमें पहला एमओयू मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड और दिव्य योग मंदिर ट्रस्ट (पतंजलि) के बीच ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और महिलाओं-वंचित वर्गों को सशक्त बनाने के लिए किया जाएगा. दूसरा एमओयू 61 पर्यटक गांवों में ऊर्जा दक्ष स्ट्रीट लाइट्स लगाने हेतु सिग्निफाई इनोवेशंस इंडिया लिमिटेड से होगा. तीसरा एमओयू स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के साथ पर्यटन, फिल्म और कौशल विकास के क्षेत्र में सहयोग के लिए होगा, जबकि चौथा एमओयू MPSTDC के साथ ग्रामीण होमस्टे को डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से जोड़ने के लिए होगा.
प्रमुख सचिव पर्यटन व संस्कृति शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि प्रदेश के 37 जिलों में चल रही ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत 100 गांव चिन्हित किए गए हैं, जिनमें 63 गांवों में कार्य प्रारंभ हो चुका है. अब तक 294 होमस्टे बन चुके हैं, जिनमें से 241 सक्रिय रूप से संचालित हो रहे हैं.
इस मौके पर राज्य की रिस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन वेबसाइट का ई-लॉन्च किया जाएगा. साथ ही ग्रामीण और नगरीय श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ छह होमस्टे को पुरस्कृत किया जाएगा. 16 पर्यटन ग्रामों के सरपंचों, 10 जिलों के कलेक्टरों और 8 परियोजना सहयोगी संस्थाओं को भी सम्मानित किया जाएगा. 14 नए होमस्टे का उद्घाटन किया जाएगा और 60 होमस्टे संचालकों को आवश्यक किट भी वितरित की जाएगी.
उत्सव के दौरान सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक एक विशेष कला एवं शिल्प प्रदर्शनी भी आमजन के लिए आयोजित की जाएगी, जिसमें गोंड पेंटिंग, माड़ना, चितेरा, बैम्बू शिल्प, हैंडलूम और हस्तशिल्प उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा.
‘ग्रामीण रंग, पर्यटन संग’ उत्सव का उद्देश्य न केवल ग्रामीण संस्कृति को सामने लाना है, बल्कि आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार के नए रास्ते भी खोलना है. ग्रामीण पर्यटन अब प्रदेश के विकास का सशक्त जरिया बन रहा है.