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Friday, 10 May, 2024
होमदेशआरएसएस ने JEE, NEET में शामिल होने वाले छात्रों को परिवहन, भोजन और आर्थिक सहयोग देने की योजना बनाई

आरएसएस ने JEE, NEET में शामिल होने वाले छात्रों को परिवहन, भोजन और आर्थिक सहयोग देने की योजना बनाई

हालांकि, संघ ने आधिकारिक स्तर पर कोई अभियान शुरू नहीं किया है, लेकिन इसकी स्थानीय इकाइयों को छात्रों के लिए हेल्पलाइन स्थापित करने, आने-जाने और ठहरने की व्यवस्था करने और यहां तक कि भोजन के पैकेट वितरित करने के लिए सक्रिय कर दिया गया है.

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नई दिल्ली: जेईई और नीट परीक्षा आयोजित कराए जाने को लेकर मोदी सरकार की आलोचना के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस मामले में आगे आकर परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की मदद करने का फैसला किया है.

आरएसएस से जुड़े सूत्रों के अनुसार, हालांकि संघ ने आधिकारिक तौर पर कोई अभियान शुरू नहीं किया है लेकिन इसकी स्थानीय इकाइयों को सक्रिय कर दिया गया है और मौजूदा स्थिति पर नजर रखी जा रही है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आरएसएस ने अपनी राज्य और जिला इकाइयों को छात्रों के ठहरने, आने-जाने की व्यवस्था करने के अलावा भोजन के पैकेट वितरित करने तक की जिम्मेदारी निभाने के लिए तैयार रहने को कहा है.

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) आगामी 1 सितंबर से 6 सितंबर के बीच जेईई मेन 2020 का आयोजन करेगी जबकि नेशनल एंट्रेंस कम एलिजिबिलिटी टेस्ट (नीट) का आयोजन 13 सितंबर को किया जाना है.

वरिष्ठ संघ के पदाधिकारी ने कहा, ‘हमारी स्थानीय इकाइयां मौजूदा स्थिति पर नजर बनाए हैं. कई क्षेत्रों में बाढ़ के कारण छात्रों के लिए यात्रा करना मुश्किल हो रहा है. स्थानीय इकाइयां उनकी मदद कर रही हैं. कई छात्र लॉकडाउन के कारण अपने गांव या कस्बों में लौट गए थे, हम उनकी भी मदद कर रहे हैं. इसके अलावा हमारी इकाइयां आर्थिक स्तर पर होने वाली समस्या पर भी ध्यान दे रही हैं.’

इस काम को लेकर सक्रिय ज्यादातर स्थानीय इकाइयां बिहार, मध्य प्रदेश और गुजरात के बाढ़ प्रभावित इलाकों में हैं.

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कोरोनावायरस महामारी और देश के कई हिस्सों के बाढ़ प्रभावित होने के कारण तमाम छात्र नीट और जेईई परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग कर रहे हैं.

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (सपा) सहित कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर महामारी के बीच छात्रों की जान जोखिम में डालने का आरोप लगाते हुए परीक्षा के आयोजन का विरोध किया है. ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और कांग्रेस से जुड़े नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) सहित कई छात्र संगठनों ने भी दोनों परीक्षाएं स्थगित करने की मांग की है.


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भाजपा शासित राज्य विस्तृत योजनाओं के साथ परीक्षा को तैयार

भाजपा शासित राज्यों को यह सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत योजना भेजने को कहा गया है कि छात्रों को ठहरने और आने-जाने में कोई समस्या न आए.

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘सरकार को इस कदम पर बहुत आलोचना का सामना करना पड़ रहा है और सभी भाजपा शासित राज्यों से पूरी तरह तैयार रहने और परीक्षा सुचारू रूप से सुनिश्चित करने को कहा गया है. सभी मुख्यमंत्री आज अपनी तैयारियों की समीक्षा भी कर रहे हैं.’

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को घोषणा की थी कि सरकार जेईई और नीट में बैठने वाले उम्मीदवारों के लिए मुफ्त परिवहन सुविधा देगी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मध्य प्रदेश सरकार जेईई/नीट परीक्षा में हिस्सा लेने वाले छात्रों को मुफ्त परिवहन सुविधा मुहैया कराएगी. परीक्षा केंद्र के ब्लॉक मुख्यालय से जिला मुख्यालय तक यह व्यवस्था की जाएगी. इसके लिए परीक्षार्थी 31 अगस्त से 181 पर कॉल कर सकते हैं या http://mapit.gov.in/covid-19 पर क्लिक करके आवेदन कर सकते हैं.’

संघ की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को भी अपनी गतिविधियां तेज करने और छात्रों की कोई भी समस्या सुलझाना सुनिश्चित करने को कहा गया है. एबीवीपी पहले ही नीट, जेईई और यूनिवर्सिटी परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए देशव्यापी हेल्पलाइन शुरू कर चुका है.

एबीवीपी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक राहुल चौधरी ने कहा, ‘हम यह सुनिश्चित करेंगे कि छात्र बिना किसी मुसीबत समय पर परीक्षा केंद्रों तक पहुंच सकें. इसके अलावा हम उस समय जरूरत पड़ने को ध्यान में रखकर भोजन के पैकेट भी तैयार कर रहे हैं.’ साथ ही कहा कि हेल्पलाइन नंबरों के जरिये ठहरने और भोजन की व्यवस्था करने की भी कोशिश की जाएगी.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने तैयारियों की समीक्षा के लिए हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड, त्रिपुरा, मणिपुर, गुजरात सहित कई भाजपा शासित कई राज्यों के साथ बैठकें की हैं. पोखरियाल ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपील की है कि वे छात्रों की सुविधा का खयाल रखें और सुनिश्चित करें कि मंगलवार को उन्हें किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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