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Friday, 17 May, 2024
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छह दिसंबर को शौर्य दिवस नहीं मनाएगी वीएचपी, अयोध्या में मंदिरों और घरों में जलाए जाएंगे दीप

विश्व हिंदू परिषद आगामी 6 दिसंबर को शौर्य या विजय दिवस मनाने की जगह मठ, मंदिरों और घरों में दीप जलाएगी.

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लखनऊ: अयोध्या मुद्दे पर फैसला आने के बाद इस बार विश्व हिंदू परिषद छह दिसंबर को शौर्य दिवस नहीं मनाएगा. इसके बजाय अयोध्या में मंदिरों व घरों में दीपक जलाए जाएंगे. इस बात की जानकारी अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने दी. बता दें कि अयोध्या मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे जुड़े संगठन खासतौर से विश्व हिंदू परिषद अब भी काफी सावधानी से आगे बढ़ना चाहते हैं. संघ व विहिप का प्रयास है कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से पहले और बाद में जिस तरह माहौल तनावमुक्त, सद्भाव और सौहार्द्रपूर्ण रहा है वैसा ही बने रहना चाहिए.

दिप्रिंट से बातचीत में शरद शर्मा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद अब शौर्य व विजय दिवस मनाने का कोई औचित्य नहीं है. न्यायालय के फैसले से अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया है. अब मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होनी है जिसकी हम सभी को धैर्य के साथ प्रतीक्षा करनी है. हिंदू समाज की एक इच्छा पूरी हुई. अब भव्य राम मंदिर का निर्माण भी पूरा होगा.


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उन्होंने कहा, ‘विहिप नहीं चाहती कि कोर्ट के इतने बड़े निर्णय को हम दो-चार घंटों में ही सीमित कर दें. छह दिसंबर की घटना हिंदुओं में हमेशा स्वाभिमान और सम्मान का स्मरण कराती रहेगी. श्रीरामलला के पक्ष में निर्णय देने का देश भर के रामभक्तों ने समर्थन किया है.’

अयोध्या में जलाए जाएंगे दीपक

विश्व हिंदू परिषद आगामी 6 दिसंबर को शौर्य या विजय दिवस मनाने की जगह मठ मंदिरों और घरों में दीप जलाएगी. विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मामले पर निर्णय देने के बाद संगठन पदाधिकारियों ने देश भर में मनाए जाने वाले विजय दिवस कार्यक्रम को स्थगित कर दीप प्रज्जवलन द्वारा शांति व सद्भाव का संदेश देने का फैसला किया है.’

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वीएचपी से जुड़े अन्य सूत्रों की माने तो कुछ भी ऐसा न होने पाए, जिससे कोई नया विवाद खड़ा हो और उसमें उसे अकारण उलझना पड़े तथा श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण की प्रक्रिया फिर खटाई में पड़े इसीलिए सावधानी बरतते हुए विश्व हिंदू परिषद ने इस बार 6 दिसंबर को शौर्य व विजय दिवस जैसे आयोजनों को न करने का फैसला किया है. साथ ही तय किया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की तरफ से दायर होने वाली पुनर्विचार याचिका पर भी केवल अधिकृत व्यक्ति ही कुछ बोलेंगे.


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बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय आने के तुरंत बात यह साफ कर दिया कि काशी और मथुरा का मुद्दा उनके एजेंडे में नहीं है. ऐसे में आरएसएस इस फैसले के बाद काफी सतर्कता बरत रहा है.

सुन्नी वक्फ बोर्ड के फैसले का स्वागत

राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका न दाखिल करने के सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के ऐलान का अयोध्या के संतों ने स्वागत किया है. अयोध्या के संत-धर्माचार्यों ने मुस्लिम पक्ष के रुख की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक बार फिर अयोध्या से सौहार्द का संदेश पूरे विश्व को गया है.

मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने भी बोर्ड के फैसले का स्वागत किया है, हालांकि दूसरे पक्षकार हाज़ी महबूब ने कहा कि वे पुनर्विचार याचिका करने के ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के निर्णय के साथ हैं.

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