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Friday, 19 April, 2024
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कल्याण सिंह के नाम पर होगी अयोध्या में राम मंदिर तक जाने वाली सड़क

कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने उनके गांव पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह ने कहा सिंह का इस दुनिया से जाना भाजपा के लिए बहुत बड़ी क्षति है. देशभर और विशेषकर उत्तर प्रदेश के दबे-कुचलों और पिछड़ों ने अपना एक हित चिंतक गंवाया है.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह के नाम पर सूबे के छह जिलों की सड़कों का नामकरण करेगी.

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पत्रकारों को बताया कि अयोध्या, लखनऊ, प्रयागराज, अलीगढ़, बुलंदशहर और एटा की एक-एक सड़कों का नामकरण कल्‍याण सिंह के नाम पर किया जाएगा.

इस संबंध में केशव मौर्या ने अपने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को प्रस्ताव देने के लिए निर्देश दिया है. संभावना जताई जा रही है जल्द ही पीडब्ल्यूडी इस मामले में प्रस्ताव तैयार करेगा.

उन्होंने कहा, ‘राम मंदिर के लिए उनके योगदान को आने वाली और वर्तमान पीढ़ी कभी भुला नहीं पाएगी. उन्होंने राम और राम भक्तों के लिए अपनी सत्ता कुर्बान कर दी लेकिन किसी राम भक्त पर कोई आंच नहीं आने दी, ऐसे बाबूजी के नाम पर सड़कों का नामकरण किया जाएगा. इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दे दिये गये हैं.’

कल्‍याण सिंह का शनिवार रात लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआई) में निधन हो गया. वह 89 वर्ष के थे.

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सिंह को पिछली चार जुलाई को संक्रमण तथा स्वास्थ्य संबंधी कुछ अन्य समस्याएं होने पर एसजीपीजीआई के आईसीयू में भर्ती कराया गया था. उनके शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था और शनिवार रात उनका निधन हो गया.

यादों को ऐसे सजोएगी

मीडिया से बातचीत में केशव मौर्या ने सड़कों के नामकरण के बारे में बताया कि कल्याण सिंह का जन्म अलीगढ़ में हुआ था. लिहाजा, अलीगढ़ की एक सड़क का नाम बाबू जी के नाम पर होगी. वहीं एटा और बुलंदशहर उनकी कर्मभूमि रही है. यहां से वो चुनाव भी लड़े है, आज भी लोगों की स्मृतियों में है. इन दो जिलों ने उनकी याद को संजोये रखने की कोशिश है.

वहीं प्रयागराज में सड़क का नाम इसलिए उनके नाम पर होगा क्योंकि जब प्रयागराज से चित्रकूट जा रहे थे तब उन्हें गिरफ्तार किया गया था.

लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी है और वह यहां सीएम के कार्यकाल में रहे थे इसलिए एक सड़क लखनऊ में भी उनके नाम पर होगी.

जबकि अयोध्या में मार्ग का नाम कल्याण मार्ग करने की पीछे वजह है, की हम चाहते है कि जब तक राम मंदिर रहेगा तब तक देश और दुनिया के राम भक्त बाबूजी को याद करेंगे. वह बोले-  ‘यह मेरी तरफ से बाबूजी को पुष्पांजलि है.’

बीजेपी के लिए बड़ी क्षति

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का अंतिम संस्कार सोमवार को सूबे के बुलंदशहर जिले के राजघाट, नरोरा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जा रहा है.

इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को उनके गृह निवास अतरौली, अलीगढ़ में श्रद्धांजलि दी. इस दौरान, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश की सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय प्रह्लाद पटेल और वीके सिंह व अन्य भाजपा नेताओं ने भी सिंह श्रद्धांजलि दी. अमित शाह ने कहा कि दबे-कुचलों और पिछड़ों ने अपना हित चिंतक खोया है.

अतरौली में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘कल्याण सिंह जी का इस दुनिया से चले जाना भाजपा के लिए बहुत बड़ी क्षति है. उनके जाने के साथ भाजपा ने अपना एक दिग्गज और हमेशा संघर्षरत रहने वाला नेता खोया है. देशभर और विशेषकर उत्तर प्रदेश के दबे-कुचलों और पिछड़ों ने अपना एक हित चिंतक गंवाया है.

शाह ने कहा कि कल्याण सिंह जी रामजन्मभूमि आंदोलन के बड़े नेता रहे और रामजन्मभूमि आंदोलन के लिए सत्ता त्यागने में उन्होंने ज़रा नहीं सोचा. श्री रामजन्मभूमि के शिलान्यास के दिन उन्होंने बड़े हर्ष और संतोष से बताया कि मेरे जीवन का लक्ष्य आज पूरा हो गया.

गृहमंत्री ने कहा, ‘बाबूजी का जाना बीजेपी के लिए बड़ी क्षति है. वह जो शून्य बना गए हैं उसे भरना आसान नहीं.

सिंह का पार्थिव शरीर आज सुबह साढ़े नौ बजे अलीगढ़ के अहिल्‍याबाई होल्‍कर स्टेडियम से उनके पैतृक गांव मढौली पहुंचा जहां उनके अंतिम दर्शन के बाद उन्हें बुलंदशहर के राजघाट नरोरा ले जाया जाएगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के कई प्रमुख नेताओं ने रविवार को लखनऊ पहुंचकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार किए जाने वाले कल्याण सिंह के अंतिम दर्शन कर उन्हें श्रद्धांजलि दी .

रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए विधान भवन और प्रदेश भाजपा कार्यालय में भी रखा गया था .

कल्‍याण सिंह का पार्थिव शरीर रविवार की शाम अलीगढ़ के धनीपुर हवाई पट्टी पर एयर एंबुलेंस से पहुंचा और उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह तथा एटा से भाजपा सांसद और कल्‍याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह दूसरे विमान से पहुंचे.

अलीगढ़ में रविवार की रात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मुख्यमंत्री को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें भारत माता का सच्चा सपूत बताया. उन्होंने कहा कि कल्‍याण सिंह ने उनके दौर की भारतीय राजनीति को गहराई से प्रभावित किया.

यहां अहिल्‍याबाई होल्‍कर स्टेडियम में दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान राम के प्रति कल्‍याण सिंह में ऐसा प्रेम था कि उन्‍होंने सत्ता की परवाह नहीं की . उन्होंने कहा कि राम और सत्ता में एक को चुनना पड़ा तो उन्होंने राम के लिए सत्‍ता को त्याग दिया.

योगी ने कहा कि हजारों लोग अपने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने उमड़ रहे हैं वह एक सच्चे राष्ट्रभक्त और अपनी धरती के बेटे के प्रति उनके प्यार का सबूत है.

उन्होंने कहा कि सिंह ने अपने शासन के दौरान राज्य को एक आपराधिक माफिया के वर्चस्व वाली राजनीतिक बेड़ियों से मुक्त करके ‘दंगा मुक्त और भयमुक्त समाज’ का शासन स्थापित किया.

रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य नेताओं ने लखनऊ में सिंह को श्रद्धांजलि दी. कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेताओं में शुमार थे और छह दिसंबर 1992 को अयोध्या स्थित विवादित ढांचा गिराये जाने के वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. इस घटना के बाद सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

पिछले साल सितंबर में भाजपा के दिग्गजों लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ वह विध्वंस के मामले में बरी किए गए जिसमें उनके समेत 32 अन्‍य लोगों पर ढांचा ध्‍वंस का आरोप था.

उन्‍होंने 1990 के दशक में उत्तर प्रदेश में भाजपा को सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

(प्रशांत श्रीवास्तव के इनपुट्स के साथ)


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