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Friday, 22 November, 2024
होमदेशRJD नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन, पीएम मोदी ने कहा- बिहार की राजनीति में गहरा शून्य पैदा हुआ है

RJD नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का निधन, पीएम मोदी ने कहा- बिहार की राजनीति में गहरा शून्य पैदा हुआ है

करीबी ने कहा कि 74 साल के सिंह के पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए पटना लाया जाएगा. उनके दो पुत्र और एक पुत्री हैं. पत्नी का निधन पहले ही हो चुका है.

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नई दिल्ली: राजद नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद का रविवार को एम्म दिल्ली में निधन हो गया. उनकी करीबी सहयोगी ने यह जानकारी दी है. वह गंभीर रूप से बीमार थे और वेंटिलर पर थे.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन से बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में गहरा शून्य पैदा हुआ है.

एम्स में इलाज के दौरान रघुवंश प्रसाद सिंह के साथ रहे केदार यादव ने फोन पर बताया कि सिंह का सुबह करीब 11 बजे सांस लेने में कठिनाई और अन्य जटिलताओं के कारण निधन हो गया.

यादव ने बताया कि सिंह के परिवार में दो पुत्र और एक पुत्री हैं. सिंह की पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है. उन्होंने कहा कि सिंह (74) का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए पटना लाया जाएगा.

यादव के अनुसार सिंह शुक्रवार रात को गंभीर रूप से बीमार हो गये थे और उन्हें एम्स के आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया था.

इससे पहले जून में सिंह को कोरोना वायरस संक्रमित पाया गया था और उन्हें पटना के एम्स में भर्ती कराया गया था. कोविड-19 से उबरने के बाद की जटिलताओं को देखते हुए उन्हें हाल ही में राष्ट्रीय राजधानी के एम्स में भर्ती कराया गया था.

हाल ही में बिहार में होने जा रहे विधानसभा चुनाव के बीच ही उन्होंने राजद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने नीतीश कुमार को पत्र लिखककर उनके पक्ष में कई बयान दिए और लालू प्रसाद की आलोचना की थी.

लालू प्रसाद ने कहा है कि मैंने परसों कहा था कि आप कहीं नहीं जा रहे लेकिन आप इतनी दूर चले गए. नि:शब्द हूं, दुखी हूं, बहुत याद आएंगे.

तेजस्वी यादव ने उनसे एम्स में मुलाकात को याद करते हुए लिखा है कि जल्द ही स्वस्थ होकर संघर्ष करने की बात कहे थे, और आप अकेला छोड़ गए.

उपराष्ट्रपति वेकैंया नायडू ने ट्वीट में लिखा है कि वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद के निधन से स्तब्ध हूं. उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री के दुर्बल वर्गों और ग्रामीणों के लिए काम की तारीफ की है. उन्होंने लिखा है. ‘ग्रामीण विकास के लिए मनरेगा जैसे कार्यक्रमों के कार्यन्वयन में रघुवंश बाबू का योगदान सदैव याद किया जाएगा. शोक संतप्त परिजनों, समर्थकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थन…ओम शांति!’

वेंटिलेटर पर थे

पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह गंभीर रूप से बीमार होने पर दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था. वह जीवनरक्षक प्रणाली पर थे. उनके एक सहयोगी ने शनिवार को यह जानकारी दी थी.

रघुवंश प्रसाद सिंह ने बृहस्पतिवार को राजद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था और उसके बाद प्रसाद के चिर प्रतिद्वंद्वी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुला पत्र लिखा था जिससे उनके भावी कदमों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया. कोविड-19 संक्रमण से उबरने के बाद उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होने पर करीब एक सप्ताह पहले दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थाान(एम्स) में भर्ती कराया गया था.

अस्पताल में उनके साथ रह रहे उनके एक सहयोगी ने फोन पर कहा था, ‘सिंह साहिब की स्थिति पिछली रात बहुत बिगड़ गयी. रात 11 बजकर 56 मिनट पर उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया. हम उनके कल्याण के लिए प्रार्थना कर रहे हैं.’

अच्छे और बुरे दोनों समय में लालू के साथ चट्टान की तरह खड़े रहे

अच्छे और बुरे दोनों ही दौर में राजद सुप्रीमो के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह की कुछ महीने पहले पार्टी से तब अनबन हो गयी जब, चर्चा होने लगी कि माफिया डॉन से नेता बने एवं वैशाली लोकसभा क्षेत्र में उनके प्रतिद्वंद्वी रमा सिंह के चलते उन्हें पार्टी के उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

मनमोहन सिंह सरकार में प्रसाद के मंत्रिमंडल सहयोगी रहे रघुवंश प्रसाद सिंह ने रमा सिंह को राजद में नहीं आने दिया था. उपाध्याक्ष पद से इस्तीफा देते समय उन्होंने राजद की प्राथमिक सदस्यता तो नहीं छोड़ी लेकिन वह पार्टी के रोजमर्रा के कामकाज से दूर रहने लगे. इसके लिए उनके खराब स्वास्थ्य को कारण बताया गया था.

बृहस्पतिवार को प्रसाद को भेजे हस्तलिखित पत्र में रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी छोड़ने की घोषणा की और उनका यह पत्र सोशल मीडिया में आ गया था.

उसके अगले ही दिन रघुवंश प्रसाद सिंह ने अस्पताल से दूसरा पत्र लेकिन इस बार यह नीतीश कुमार को लिखा गया. इसे उनके मुख्यमंत्री के करीब जाने के उनके प्रयास के रूप में देखा गया. नीतीश कुमार सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड के प्रमुख हैं.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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