लखनऊः प्रवर्तन निदेशालय ने रिवरफ्रंट घोटाले को लेकर यूपी समेत दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा में छापेमारी की है. लखनऊ के विशाल खंड में भी ईडी ने छापा मारा है. कार्यवाई के तहत इंजीनियरों व ठेकेदारों के घरों की तलाश की गई. इससे हड़कंप मचा हुआ है.
Gomti riverfront case: Enforcement Directorate conducts raids in Rajasthan, Haryana and Uttar Pradesh(Lucknow and Noida)
— ANI UP (@ANINewsUP) January 24, 2019
ब्लैकलिस्ट कंपनियों को दिया ठेका और ज्याद भुगतान किया
गोमती रिवरफ्रंट प्रॉजेक्ट घोटाले में बीते सितंबर में छह बड़ी कंपनियों को समन किया गया था. ईडी के अधिकारियों के अनुसार जांच में पता चला है कि ब्लैकलिस्ट कंपनियों को ठेके दिए गए. इन्हें जितने में ठेका दिया गया उसके बदले ज्यादा भुगतान किया गया.
गैमन इंडिया जो कई राज्यों में ब्लैक लिस्टेड है उसे दो ठेके दिए गए. 665 करोड़ के सबसे ऊंचे रेट में. इसको भी काम से ज्यादा भुगतान मिला. जबकि केके स्पून कंपनी तो टेंडर के लायक ही नहीं थी. यहां तक कि कंपनी बेसिक योग्यताएं भी नहीं रखती. आश्चर्य की बात है कि कंपनी को ठेका पहले दिया गया और बाद में कंपनी सिंचाई विभाग में पंजीकृत की गई.
बता दें कि गोमती रिवरफ्रंट पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट था. प्रदेश में योगी सरकार बनी और उसने इसमें घोटाले की बात कहकर सीबीआई जांच की मांग की थी, जिसके बाद सीबीआई ने जांच की और इंजीनियरों के बयान दर्ज किए थे. इसके आधार पर ईडी कार्यवाई करते हुए यूपी समेत कई राज्यों में छापेमारी की है.