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Sunday, 3 November, 2024
होमदेशरॉयटर का खुलासा, दिल्ली का एक छोटा आईटी फर्म दुनिया के सबसे 'बड़े' 'हैकर-फॉर-हायर' को चला रहा है

रॉयटर का खुलासा, दिल्ली का एक छोटा आईटी फर्म दुनिया के सबसे ‘बड़े’ ‘हैकर-फॉर-हायर’ को चला रहा है

पश्चिम दिल्ली में स्थित, सुमित गुप्ता की कंपनी बेलट्रॉक्स इन्फोटेक सर्विसेज की अमेरिकी कानून प्रवर्तन अधिकारी जांच कर रहे हैं. आरोप है कि इसने न्यायाधीशों, राजनेताओं और यहां तक की निवेशकों की भी जासूसी की है.

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नई दिल्ली: रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, बेलट्रोक्स इन्फोटेक सर्विसेज, पश्चिम दिल्ली की एक छोटा आईटी फर्म है, जो कथित तौर पर दुनिया भर के निवेशकों, राजनेताओं, वकीलों और पर्यावरण समूहों का पिछले सात साल से जासूसी कर रहा है.

समाचार रिपोर्ट में कहा गया है कि बेलट्रॉक्स ने 10,000 से अधिक ईमेल की जासूसी की है जिसमें प्रोफेशनल्स, दक्षिण अफ्रीका के न्यायाधीशों, मेक्सिको में राजनेताओं, फ्रांस में वकीलों, पर्यावरण समूहों और अमेरिका में पत्रकारों और बहामास में जुआघरों के ईमेल शामिल हैं.

टोरंटो स्थित इंटरनेट वॉचडॉग सिटीजन लैब ने ‘हैक-फॉर-हायर ऑपरेशन ’की जांच में दो साल लगाए और पूरे ऑपरेशन की संरचना को समझने की कोशिश की. रॉयटर्स के अनुसार, मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में, उन्होंने कहा कि बेलट्रॉक्स ‘सबसे बड़ी जासूसी-भाड़े के संचालन में से एक है’ जिसका भांडा फोड़ किया गया है.

हालांकि, ये रिपोर्ट विशेषतौर पर भारत को टार्गेट नहीं कर रही है.


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कई वर्षों से अमेरिका के रडार पर

2015 में, बेलट्रॉक्स के मालिक और निदेशक सुमित गुप्ता को अमेरिका ने हैंकिग के मामले में आरोपित किया है. अमेरिकी निजी जांचकर्ताओं ने कहा कि उन्होंने गुप्ता को दो मार्केटिंग एक्ज़क्यूटिव्स के ईमेल एकाउंट को हैक करने के लिए भुगतान भी किया था. गुप्ता को 2017 में भगोड़ा भी घोषित किया गया था, हालांकि अभी इस मामले क्या चल रहा है इसकी जानकारी नहीं मिल सकी है.

अमेरिकी कानून प्रवर्तन वर्तमान में दिल्ली की फर्म की हैकिंग और अमेरिकी उपयोगकर्ताओं पर जासूसी करने के मामले में जांच कर रहा है. सिटीजन लैब की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी न्याय विभाग सुमित विश्नोई को गुप्ता के लिए एक उपनाम के रूप में सूचीबद्ध किया है.

गुप्ता ने हैकिंग के किसी भी मामले से इनकार किया है और कहा है कि उनसे अभी तक किसी भी अधिकारी से संपर्क नहीं साधा है.

गुप्ता ने रॉयटर्स से कहा, ‘मैंने उन्हें कुछ भी एक्सेस करने में मदद नहीं की, मैंने सिर्फ मेल डाउनलोड करने में उनकी मदद की और उन्होंने मुझे सारी जानकारी मुहैया कराई.’

हाल ही में हुए हैकिंग की रिपोर्टों के अनुसार, ऐसा कहा जा रहा है कि बेलट्रॉक्स को अमेरिकी निजी इक्विटी फर्म केकेआर, और इक्विटी रिसर्च फर्म मड्डी वाटर्स रिसर्च जैसे फर्म की जासूसी का ठेका दिया गया. हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि इसे नौकरी के लिए किराए पर लिया गया हो सकता है

फाइनेंशियल टाइम्स में एक लेख का हवाला देते हुए, जो सिटीजन लैब की रिपोर्ट का हवाला देते हुए, मड्डी वाटर्स रिसर्च ने ट्वीट किया कि एक जर्मन पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनी वायरकार्ड बेलट्रॉक्स की ग्राहक थी.

रायटर ने कहा कि उसने हैकरों द्वारा प्राप्त ईमेल के साथ हैकरों द्वारा उपयोग किए जाने वाले इंटरनेट सेवा प्रदाताओं से प्राप्त क्रॉस रेफरेंसिंग डेटा द्वारा हैकिंग के प्रयासों को जांचने की कोशिश की है. हालांकि, यह सत्यापित नहीं कर सका कि प्रयास कितने सफल रहे. यह 2013 और 2020 के बीच भेजे गए ईमेल के माध्यम से मिलाया गया था.

बेलट्रॉक्स का एमओ एक ऐसा ईमेल भेजना होता था जिसके झांसे में आकर पीड़ित धोखे से अपना पासवर्ड दे दे. इनमें हॉरस्कोप से लेकर पोर्न के स्पैम तक शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक मामले में, फर्म ने साथ काम कर रहे सहयोगियों और यहां तक कि न्यूयॉर्क में एक टार्गेट की बहन तक को भी इस मामले में फंसाने की कोशिश की थी.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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1 टिप्पणी

  1. जेन्युन पत्रकारिता को बढ़ावा दे । समता एव न्याय Journalism की लाइफ लाइन है ।

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