नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार, अमेरिका में भारतीय अधिकारी पर खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोप लगाए जाने के बाद बयान देते हुए कहा कि अगर भारतीय साजिश के बारे में कोई भी सबूत दिया जाता है तो वह इस पर निश्चित रूप से ‘विचार’ करेंगे.
प्रधानमंत्री ने कहा, “अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी अच्छा या बुरा किया है, तो हम उस पर गौर करने के लिए तैयार हैं. हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है.”
यूके स्थित अखबार फाइनेंशियल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि ‘कुछ घटनाओं’ के कारण भारत और अमेरिका की दोस्ती पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. अगर हमारे किसी नागरिक ने कुछ भी गलत किया है तो हम उस पर विचार करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने विदेशों में मौजूद कुछ अतिवादी गुटों की गतिविधियों पर भी गंभीर चिंता जताई है.
गुरपतवंत सिंह पन्नून को1 जुलाई, 2020 को भारत सरकार द्वारा ‘नामित व्यक्तिगत आतंकवादी’ घोषित किया गया था. एनआईए की जांच से पता चला है कि वह सोशल मीडिया पर पंजाब स्थित गैंगस्टरों और युवाओं को देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा को चुनौती देते हुए, खालिस्तान के स्वतंत्र राज्य के लिए लड़ने के लिए सक्रिय रूप से उकसा रहा है.
पन्नून 2019 से एनआईए की नजर में है जब आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने उसके खिलाफ अपना पहला मामला दर्ज किया था.
इस बीच, प्रधानमंत्री मोदी ने भी चरमपंथी गतिविधियों पर चिंता जताई और कहा, “भारत ‘विदेश में स्थित कुछ चरमपंथी समूहों की गतिविधियों’ के बारे में गहराई से चिंतित है. ये तत्व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में डराने-धमकाने और हिंसा भड़काने में लगे हैं.”
पीएम मोदी ने कहा कि “मुझे नहीं लगता कि कुछ घटनाओं को दोनों देशों के राजनयिक संबंधों से जोड़ना उचित है.”
गौरतलब है कि अमेरिकी न्याय विभाग ने दावा किया था कि एक भारतीय सरकारी कर्मचारी, जिसकी मैनहट्टन में एक संघीय अदालत में दायर अभियोग में पहचान नहीं की गई थी, ने पन्नून की कथित तौर पर हत्या करने के लिए एक हिटमैन को नियुक्त करने के लिए निखिल गुप्ता नाम के एक भारतीय को हायर किया था.
इसमें कहा गया कि कथित साजिश को अमेरिकी अधिकारियों ने नाकाम कर दिया.
न्याय विभाग ने दावा किया कि सीसी-1 (एक अज्ञात व्यक्ति जिसने कथित साजिश का निर्देशन किया था) के सहयोगी गुप्ता ने सीसी-1 के साथ अपने संचार में अंतरराष्ट्रीय नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी में अपनी भागीदारी का वर्णन किया.
पन्नून ने हाल ही में भारत की संसद पर हमले की धमकी दी थी.
बता दें कि कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी सितंबर में दावा किया था कि उनके प्रशासन के पास यह मानने के कारण हैं कि कनाडाई क्षेत्र में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे भारत का हाथ था. हालांकि, इन आरोपों को विदेश मंत्रालय ने सिरे से खारिज कर दिया और इन्हें बेतुका और प्रेरित करार दिया.
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