scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमदेशअर्थजगत'महंगाई के खिलाफ लड़ाई जारी है', RBI का 2023-24 के लिए 6.5% वास्तविक GDP वृद्धि का अनुमान

‘महंगाई के खिलाफ लड़ाई जारी है’, RBI का 2023-24 के लिए 6.5% वास्तविक GDP वृद्धि का अनुमान

अपने वक्तव्य के दौरान गवर्नर ने कहा कि आरबीआई ने 2024 वित्त वर्ष के लिए पहली तिमाही में 7.8%, दूसरी तिमाही में 6.2%, तीसरी तिमाही में 6.1% और चौथी तिमाही में 5.9% जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है.

Text Size:

मुंबई (महाराष्ट्र) : भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के तीन दिवसीय विचार-विमर्श के बाद बृहस्पतिवार को गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि सेंट्रल बैंक ने 2023-24 के लिए 6.5 फीसदी की वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है.

अपने वक्तव्य के दौरान गवर्नर ने कहा कि आरबीआई ने 2024 वित्त वर्ष के लिए पहली तिमाही में 7.8%, दूसरी तिमाही में 6.2%, तीसरी तिमाही में 6.1% और चौथी तिमाही में 5.9% जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया है. आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि, ‘हमारा काम अभी खत्म नहीं हुआ है और महंगाई के खिलाफ लड़ाई जारी है जब तक कि हम लक्ष्य के करीब मुद्रास्फीति में टिकाऊ गिरावट नहीं देखते.’

बृहस्पतिवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति कमेटी ने घोषणा की कि तीन दिन के विचार-विमर्श के बाद रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया गया है. ज्यादातर विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई की आरबीआई बेंचमार्क ब्याज दर में 25 बीपीएस की बढ़ोतरी करेगा. गवर्नर ने वक्तव्य के दौरान, 2024 वित्त वर्ष के लिए वास्तविक जीडीपी और महंगाई के पूर्वानुमान पर भी प्रकाश डाला.

गवर्नर के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के साथ 2023-24 में महंगाई के 5.2 फीसदी का अनुमान है. जो कि पहली तिमाही में 5.1 फीसदी, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.4 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.2 फीसदी पर रहेगी.

शक्तिकांत दास ने कहा, ‘हाल के अवधि में हमारी मौद्रिक नीति ने महामारी के वक्त किए गए प्रोत्साहन उपायों से बिना बाधा के सामान्य रखने का लक्ष्य रखा है. भले ही मौद्रिक नीति निर्णायक रूप से समायोजन की वापसी, वित्तीय हालात अर्थव्यवस्था की प्रोडक्टिव जरूरतों के अनुरूप बढ़ी.’

गवर्नर ने कहा कि एक साल के पहले के ऊंचे स्तर से महंगाई नरमी पर आई है; हालांकि, यह अभी भी उंची बनी हुई है.

शक्तिकांत दास के मुताबिक, 2023-24 के अनुमान मुद्रस्फीति की नरमी की तरफ इशारा करते हैं, हालांकि कोर या इसमें मुद्रास्फीति दबावों की तीव्रता को देखते हुए, इसके धीरे-धीरे बढ़ने की संभावना है.

गवर्नर ने कहा कि इस स्टेज पर, व्यापक तौर से पिछले वर्ष अर्थव्यवस्था पर हमारे द्वारा किए गए कार्यों के असर को देखते हुए आरबीआई बदलते परिदृश्य पर नजर रखे हुए है.

उन्होंने कहा कि हमने पॉलिसी रेट को अपरिवर्तित रखा है, यह ध्यान रखना अहम है कि यह निर्णय उपलब्ध जानकारी के संदर्भ में व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थितियों के हमारे आकलन के आधार पर लिया गया था.

गवर्नर ने कहा, ‘हमें भरोसा है कि मध्यम अवधि में मुद्रास्फीति को लक्ष्य दर पर लाने के लिए हम सही ट्रैक पर हैं.’


यह भी पढ़ें : कर्नाटक में हार के साथ शुरू हो सकता है दक्षिण भारत से BJP के निकलने का सिलसिला, तय करेगा 2024 का रोडमैप


 

share & View comments