रतलाम: रतलाम अब सिर्फ सेव, नमकीन और साड़ियों के लिए नहीं, बल्कि औद्योगिक और निवेश हब के तौर पर भी अपनी पहचान बना रहा है. 27 जून को रतलाम में आयोजित एमपी रीजनल इंडस्ट्री स्किल एंड एम्पलॉयमेंट (राइज) कॉन्क्लेव-2025 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवेश, रोजगार, कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कई बड़ी घोषणाएं कीं. उन्होंने कहा कि रतलाम की भौगोलिक स्थिति इसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती है और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के कारण यहां से दोनों महानगर महज छह घंटे की दूरी पर हैं. उन्होंने एलान किया कि आने वाले समय में रतलाम में बड़ी हवाई पट्टी बनाई जाएगी, जहां जेट विमान उतर सकेंगे, जिससे रतलाम को एयर कनेक्टिविटी भी मिलेगी और यह निवेशकों के लिए और आकर्षक बन जाएगा.
इस कॉन्क्लेव में उद्योग, एमएसएमई और अन्य क्षेत्रों से कुल 30,402 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 35 हज़ार से अधिक लोगों को रोज़गार मिलने की संभावना है. मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कई विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया. कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई, इसके बाद ‘एमपी राइज’ फिल्म दिखाई गई और फिर डॉ. यादव ने स्वरोजगार लाभार्थियों से संवाद कर उन्हें ऋण और अनुदान राशि वितरित की. हितग्राहियों को डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी और प्रोत्साहन राशि भी ट्रांसफर की गई. कार्यक्रम के दौरान वॉलमार्ट और एमएसएमई विभाग के बीच एमओयू पर भी हस्ताक्षर हुए. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि व्यापारियों को माल परिवहन के लिए भविष्य में एयर कार्गो सेवा उपलब्ध कराई जाएगी और महाराष्ट्र सरकार से पोर्ट सुविधाओं को लेकर बातचीत की जा रही है.
आज रतलाम में आयोजित MP RISE Conclave 2025 में सहभागिता की, जिसमें प्रदेश को लगभग ₹30 हजार 402 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनसे लगभग 35 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
व्यापारियों के व्यापार-व्यवसाय के लिए प्रदेश में एयर कार्गो की शुरुआत और रतलाम में बड़ी हवाई पट्टी… pic.twitter.com/eBjaKjzGxk
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) June 27, 2025
मुख्यमंत्री ने रतलाम में पर्यटन विभाग के अंतर्गत कालका माता प्रोजेक्ट शुरू करने, 5 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर का हॉकी एस्ट्रो टर्फ बनाने और नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश पर 20 प्रतिशत सब्सिडी देने की भी घोषणा की. इसके अलावा रतलाम जिले की छह ग्राम पंचायतों—पिपलोद, पलसोढ़ी, रामपुरिया, सरवनी खुर्द, जामखुर्द और जुलवानिया—को 50-50 लाख रुपये की राशि दी जाएगी. निवेश स्मार्ट नेशनल पार्क की स्थापना की जाएगी जिसमें 220 केवी विद्युत लाइन की व्यवस्था भी होगी.
मुख्यमंत्री ने एक क्लिक के जरिए 140 औद्योगिक इकाइयों को 425 करोड़ और 880 इकाइयों को 269 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी. कुल मिलाकर 1020 इकाइयों को 694 करोड़ रुपये की सहायता दी गई. एमपीआईडीसी के तहत 1674 करोड़ रुपये के निवेश और 3787 रोजगार देने वाली 47 इकाइयों का भूमि पूजन और लोकार्पण भी हुआ. इसी के साथ 16 नए औद्योगिक क्षेत्रों, 10 राज्य क्लस्टर्स, नए डीटीआईसी कार्यालयों और मंदसौर जिले में सेमरी कांकड़ नामक नए औद्योगिक क्षेत्र की भी घोषणा की गई, जिन पर कुल मिलाकर सैकड़ों करोड़ रुपये की लागत आएगी. लोक निर्माण विभाग द्वारा रतलाम जिले में 222 करोड़ रुपये के 8 विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया गया.
प्रदेशभर के 4 लाख से अधिक हितग्राहियों को 3861 करोड़ रुपये का ऋण ट्रांसफर किया गया. एमएसएमई विभाग के माध्यम से 538 औद्योगिक इकाइयों को लगभग 54 हेक्टेयर भूमि आवंटित की गई जिससे 250 करोड़ रुपये से अधिक निवेश और 10,000 से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है. डीआईपीआईपी विभाग द्वारा 35 इकाइयों को लगभग 186 हेक्टेयर भूमि के आशय पत्र दिए गए जिससे अनुमानित 6000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश और 17,600 से ज्यादा रोजगार अवसर सृजित हो सकते हैं. कौशल विकास विभाग के तहत 263 युवाओं को रोजगार ऑफर लेटर भी दिए गए.
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कॉन्क्लेव में मौजूद एमएसएमई मंत्री चैतन्य कश्यप ने इसे रतलाम के लिए ऐतिहासिक दिन बताया. उन्होंने कहा कि उद्योग के साथ कौशल विकास भी उतना ही जरूरी है और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में उद्योग और रोजगार से जुड़े सम्मेलन हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि मई 2025 तक 828 उद्यमियों को 400 करोड़ रुपये की सब्सिडी ट्रांसफर की जाएगी, जबकि अब तक 2100 करोड़ रुपये की सब्सिडी बांटी जा चुकी है. राज्य सरकार के सहयोग से 4.85 लाख युवाओं को बैंक ऋण मिल चुका है और 27 हजार युवाओं को निजी कंपनियों से नौकरी के ऑफर मिले हैं.
इस दौरान कई बड़े उद्योगपतियों ने भी रतलाम और मध्यप्रदेश में निवेश की घोषणा की. जील ग्रुप के संस्थापक दीनबंधु त्रिवेदी ने रतलाम में टैक्सटाइल यूनिट लगाने का ऐलान किया. उन्होंने बताया कि ग्रुप ने अब तक 20,000 युवाओं को प्रशिक्षित किया है, जिनमें से 10,000 को उनकी कंपनियों में रोजगार मिला है. इप्का लैबोटेरीज के एमडी अजीत जैन ने बताया कि मध्यप्रदेश में पहले से 2500 करोड़ रुपये का निवेश है और अब 1000 करोड़ रुपये का नया निवेश किया जाएगा. पीथमपुर में 250 करोड़ की लागत से बायोटेक यूनिट भी स्थापित की जा रही है, जहां 6 ड्रग्स पर क्लीनिकल रिसर्च होगा. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब बीमारू नहीं, बल्कि निवेशकों के लिए सबसे उपयुक्त राज्य बन चुका है.
एसआरएफ (रतलाम) के प्रेसिडेंट और सीईओ प्रशांत जैन ने कहा कि कंपनी को सरकार से हर कदम पर सहयोग मिला है. राज्य में उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल है और कंपनी ने मध्यप्रदेश में 9500 करोड़ रुपये निवेश करने का निर्णय लिया है, जिससे 4000 लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने बताया कि राज्य में युवाओं को प्रशिक्षण, तकनीकी कौशल और रोजगार देने की दिशा में भी काम किया जा रहा है. कंपनी की देशभर में 16 यूनिट हैं जिनमें से पांच मध्यप्रदेश में हैं.
कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शक्ति पंप्स के एमडी दिनेश पाटीदार, जैक्सन ग्रुप (सोलर) के संस्थापक संदीप गुप्ता, ओरियाना पावर के डायरेक्टर ओमकार पांडे, एसआरएफ के सीईओ प्रशांत मेहरा और बीबा फैशन के एमडी सिद्धार्थ बिंद्रा सहित 15 से ज्यादा निवेशकों से अलग से मुलाकात कर मध्यप्रदेश में संभावनाओं और योजनाओं पर बातचीत की.