scorecardresearch
Saturday, 2 November, 2024
होमदेश'हमेशा किसानों के हित में समर्पित रहे'- RLD अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह का कोरोना से निधन

‘हमेशा किसानों के हित में समर्पित रहे’- RLD अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह का कोरोना से निधन

अपने लंबे राजनीतिक सफर में चौधरी अजित सिंह ने केंद्र में काफी अहम भूमिका निभाई और कई प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया.

Text Size:

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह का गुरुवार को 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनके बेटे जयंत चौधरी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

चौधरी अजित सिंह कोरोनावायरस से संक्रमित थे. 20 अप्रैल को वह संक्रमित हुए थे जिसके बाद गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.

जयंत चौधरी ने ट्वीट कर कहा, ‘चौधरी साहब नहीं रहे!’

उन्होंने कहा, ’20 अप्रैल को चौधरी अजित सिंह के कोरोना संक्रमित होने का पता चला. वो अंतिम समय तक लड़ते रहे और आखिरकार 6 मई 2021 की सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली.’

जयंत ने कहा, ‘अपने पूरे सफर में चौधरी साहब को काफी लोगों का सम्मान और प्यार मिला और उन्होंने भी लोगों के कल्याण के लिए खूब प्रयास किए.’

जयंत चौधरी ने लोगों से अपील की कि जब देश इस महामारी से जूझ रहा है तब लोग घर से ही उन्हें श्रद्धांजलि दें.


यह भी पढ़ें: पेरेंट्स की मौत के बाद बच्चों को किसे सौंपा जाए? सरकार चाहती है कि अस्पताल में भर्ती कोविड मरीज इसे बताएं


‘हमेशा किसानों के हित में समर्पित रहे’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘राष्ट्रीय लोक दल प्रमुख अजित सिंह जी के असमय निधन का समाचार दुखद है. उनके परिवार व प्रियजनों को मेरी संवेदनाएं.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. वे हमेशा किसानों के हित में समर्पित रहे. उन्होंने केंद्र में कई विभागों की जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति!’

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘चौधरी अजीत सिंह के निधन का समाचार बेहद पीड़ादायक हैं. अपने लम्बे सार्वजनिक जीवन में वे हमेशा जनता और ज़मीन से जुड़े रहे. साथ ही किसानों, मज़दूरों एवं अन्य निर्बल वर्गों के हितों के लिए संघर्ष भी करते रहे. उनके शोकाकुल परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ॐ शान्ति!’

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं जुझारू किसान नेता चौधरी अजीत सिंह जी का निधन अत्यंत दुःखद है. उन्हें विनम्र श्रद्धाजंलि. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने परम धाम में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति.’

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख और पूर्व केन्द्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह के निधन की सूचना से दुख‌ हुआ. उन्होंने किसानों के हित में हमेशा आवाज उठायी. जनप्रतिनिधि व मंत्री के रूप में उन्होंने देश की राजनीति पर अलग छाप छोड़ी. उनके परिवार और शुभचिंतकों के प्रति मेरी शोक संवेदनाएं.’

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता जितिन प्रसाद ने चौधरी अजित सिंह की मृत्यु पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा, ‘किसानों के अधिकारों के संरक्षक और जनता के नेता अजित सिंह के जाने से भारतीय राजनीति में एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है.’

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, ‘पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं रालोद प्रमुख चौ. अजीत सिंह जी के निधन का दुःखद समाचार मिला. उनका जाना उत्तर प्रदेश सहित देश की एक बड़ी राजनीतिक क्षति है. मेरी संवेदनाएं
@jayantrld जी और पूरे परिवार के साथ हैं. ईश्वर हिम्मत दें. ॐ शांति:’


यह भी पढ़ें: SC के मराठा कोटा आदेश के बाद MVA-BJP में दोषारोपण का खेल शुरू, उद्धव का PM से ‘जल्द निर्णय’ लेने का अनुरोध


राजनीतिक सफर

1986 में अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बीमार पड़ने के बाद अजित सिंह ने राजनीति में कदम रखा था. 1986 में वो पहली बार राज्य सभा के सदस्य बने.

1989 में बागपत से वो लोकसभा का चुनाव जीते और वीपी सिंह की सरकार में उद्योग मंत्री बनाए गए थे. 1991 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की और पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में भी मंत्री बनाए गए थे.

2001 से 2003 के बीच अजित सिंह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कृषि मंत्री थे.

2011 में उनकी पार्टी तत्कालीन सत्तारूढ़ यूपीए में शामिल हो गई और उन्हें नागरिक उड्डयन मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था.

2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उनको भाजपा के उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा. वर्तमान में उनके बेटे जयंत चौधरी पार्टी का जिम्मा संभाल रहे हैं.


यह भी पढ़ें: पश्चिम महाराष्ट्र में कोरोना ने इस साल फिर बिगाड़ा कुश्ती का खेल, पहलवानों का बुरा हाल


 

share & View comments