नई दिल्ली: सूचना और प्रसारण (आईबी) मंत्रालय ने भारत सरकार की प्रमुख योजनाएं, पहल और उपलब्धियां सामने लाने के लिए शनिवार को न्यू इंडिया समाचार नामक एक पत्रिका शुरू की.
दिप्रिंट ने ही सबसे पहले यह रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि नरेंद्र मोदी सरकार अंग्रेजी और हिंदी सहित 13 भाषाओं में पाक्षिक पत्रिका निकालने की योजना बना रही है और इसे 15 अगस्त को लॉन्च किया जाएगा.
ब्यूरो ऑफ आउटरीच कम्युनिकेशन, जो सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की मीडिया इकाई है और पत्रिका की प्रकाशक भी है, के महानिदेशक सत्येंद्र प्रकाश ने शनिवार को कुछ जानी-मानी हस्तियों, स्कूलों और पंचायतों के सदस्यों को भेजे ईमेल में कहा कि यद्यपि न्यू इंडिया समाचार पत्रिका सरकार का मुखपत्र नहीं है, ‘यह पाठकों को कैबिनेट के फैसलों, मन की बात आदि के बारे में जानकारी मुहैया कराएगी और समसामयिक मुद्दों पर अपने अनूठे तरीके से अंतर्दृष्टि देगी.’
उन्होंने कहा कि यह पाठकों को आम लोगों के हितों को ध्यान में रखकर भारत सरकार की तरफ से की जानी वाली विभिन्न पहल के बारे में सही जानकारी मुहैया कराने का एक प्रयास है.
सरकार की आधिकारिक संचार इकाई प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) पत्रिका की संपादकीय सामग्री का प्रभारी है और पीआईबी के प्रधान महानिदेशक के.एस. धतवालिया इसके संपादक हैं.
पहले पत्रिका को एक जून को शुरू करने की योजना थी लेकिन महामारी की वजह से इसमें देरी हो गई और इसके अलावा नई पाक्षिक पत्रिका और इसकी उपयोगिता को लेकर सरकार के भीतर भी कुछ वर्गों की आपत्ति थी कि इसकी क्या जरूरत है.
40 पेज की यह पत्रिका देशभर में मुफ्त वितरित की जाएगी जिसमें पंचायत और शिक्षण संस्थान शामिल हैं.
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एनईपी बनी पहले संस्करण की कवर स्टोरी
सूत्रों ने बताया कि इस पाक्षिक पत्रिका के कम से कम तीन डमी संस्करण तैयार किए गए थे जिन पर पत्रिका के लॉन्च से पहले मंथन किया गया.
जैसा कि इस हफ्ते के शुरू में दिप्रिंट ने प्रकाशित किया था, पत्रिका के पहले संस्करण की कवर स्टोरी हाल ही में जारी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति है, जिसकी आज दिन में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन के दौरान काफी सराहना की थी.
इस संस्करण में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के बदलते परिदृश्य को ‘जेएंडके, लद्दाख अशर इन न्यू ग्लोरी’ शीर्षक के तहत प्रकाशित किया गया है.
लेख में बताया गया है कि इस कदम ने कैसे ‘महिलाओं, वाल्मीकियों और गोरखाओं’ को सशक्त बनाया है और इस क्षेत्र को तेजी से विकास की राह पर मोड़ दिया है.
मोदी सरकार ने 26 मार्च को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी, पत्रिका में आर्थिक पुनरुद्धार और डिजिटल इंडिया के संदर्भ में आत्मनिर्भर भारत को लेकर एक विशेष लेख और कोविड-19 के खिलाफ भारत की जंग के अलावा राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू का इंटरव्यू भी शामिल है.
प्रधानमंत्री मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की पिछले महीने की लद्दाख यात्राओं को भी ‘इरा ऑफ एक्सपैंसनिज्म इज ओवर, इरा ऑफ डेवलपमेंट बिगेन्स’, जैसा मोदी ने अपनी यात्रा के दौरान कहा था, शीर्षक के साथ विस्तार से प्रकाशित किया गया है.
पहले संस्करण में वैश्विक स्तर पर प्रधानमंत्री के बढ़ते कद पर एक विशेष लेख भी है जिसे उनके उस भाषण पर केंद्रित किया गया है जिसमें उन्होंने कहा था कि बहुपक्षीय आधार पर ही स्थायी शांति और समृद्धि का मार्ग निकलता है.
पत्रिका में ‘ए ड्रीम बिलियन’ शीर्षक के तहत अयोध्या में 5 अगस्त को हुए राम मंदिर के भूमि पूजन (शिलान्यास समारोह) कार्यक्रम में दिए मोदी के भाषण के अंशों के साथ प्रमुखता से प्रकाशित किया गया. लेख में बताया गया है कि ‘दुनिया भर में समारोहों’ के साथ यह घटना कैसे प्रतिध्वनित हुई.
भारत सरकार अन्य पत्रिकाएं भी प्रकाशित कराती है जिसमें सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर मासिक पत्रिका योजना, ग्रामीण विकास और कृषि से संबंधित मुद्दों को कवर करने वाली कुरुक्षेत्र, अंग्रेजी और हिंदी दोनों में और हिंदी व उर्दू में आजकल और बच्चों के लिए बाल भारती आदि शामिल हैं.
अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू में एक साथ प्रकाशित एक अन्य सरकारी पत्रिका रोजगार समाचार साप्ताहिक है, जो सार्वजनिक क्षेत्र समेत केंद्र सरकार में नौकरियों के बारे में जानकारी मुहैया कराती है लेकिन पत्रिका की ‘घटती सर्कुलेशन’ के कारण इसका भविष्य अधर में नज़र आ रहा है.
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