नई दिल्ली : दिसंबर में 100 से अधिक बच्चों की मौत के लिए सुर्खियों में रहने वाले कोटा के सरकारी अस्पताल में पिछले छह वर्षों के दौरान प्रति वर्ष औसत 1,100 शिशुओं की मौत हुई है. 2019 में अस्पताल में 963 बच्चों (ज़्यादातर शिशु) की मौत हुई, जोकि 2015 में हुई 1,260 मौतों के मुकाबले 24 प्रतिशत कम थी.
राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने राज्य में शिशुओं की मौतों का संज्ञान लिया, मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी गई. दिसंबर 2019 में बीकानेर में अस्पतालों में कम से कम 162, जोधपुर में 146, कोटा में 110 बच्चों की मौत हुई है.
अस्पताल की बदहाली पर तस्वीरों के माध्यम से नज़र डाल रहे हैं दिप्रिंट के प्रवीन जैन.
जेके लोन अस्पताल में वेंटिलेटर पर लेटे हुए बच्चे को देखते हुए उसकी मां । फोटो : प्रवीन जैन
जेके लोन अस्पताल के बाहर की तस्वीर. अस्पताल के आस-पास पसरी गंदगी में टहलते हुए सूअर । फोटो : प्रवीन जैन
अपने बीमार बच्चों को डॉक्टर से दिखाने के लिए लाइन में खड़ी माएं अपनी बारी का इंतज़ार करते हुए । फोटो : प्रवीन जैन
राजस्थान के जेके लोन अस्पताल में बीमार बच्चों के परिजन खाने की लाइन में लगे हुए । फोटो : प्रवीन जैन
जेके लोन अस्पताल में ख़राब पड़े हॉट वार्मर। फोटो : प्रवीन जैन
लोकसभा स्पीकर और कोटा के सांसद ओम बिरला से मिलते हुए मृत बच्चों के परिजन । फोटो : प्रवीन जैन
बीमार बच्चों के परिजन प्रार्थना करते हुए । फोटो : प्रवीन जैन