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Monday, 22 September, 2025
होमदेशबारिश से तबाह मंडी में गूंजा ‘कंगना गो बैक’, सांसद बोलीं—‘रेस्टोरेंट ने 50 रुपये कमाए...मेरा दर्द भी समझो’

बारिश से तबाह मंडी में गूंजा ‘कंगना गो बैक’, सांसद बोलीं—‘रेस्टोरेंट ने 50 रुपये कमाए…मेरा दर्द भी समझो’

बीजेपी सांसद ने मनाली के बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों से बातचीत की. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने केंद्र से मिले राहत फंड को दूसरी ओर मोड़ दिया.

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शिमला: अभिनेत्री से नेत्री बनीं भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद कंगना रनौत बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर मनाली पहुंचीं, लेकिन यहां उन्होंने अपने रेस्टोरेंट को हुए नुकसान की बात उठाकर विवाद खड़ा कर दिया. साथ ही उन्होंने कांग्रेस सरकार पर केंद्र से मिले राहत फंड को दूसरी जगह खर्च करने का आरोप भी लगाया.

मंडी लोकसभा सांसद कंगना गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र में आने वाले मनाली पहुंचीं, लगभग तीन हफ्ते बाद जब बाढ़ और भूस्खलन ने शहर और हिमाचल प्रदेश के अन्य इलाकों को तबाह कर दिया.

जब रिपोर्टर्स और स्थानीय लोगों ने प्रभावित इलाकों में उनकी देरी से पहुंचने पर सवाल किया, तो उन्होंने मनाली में अपने रेस्टोरेंट को हुए नुकसान की बात कही.

उन्होंने कहा, “आप हमें ही नोचने आएंगे तो हम कैसे काम करेंगे? पहले तो शांत हो जाइए. ये जान लीजिए कि मेरा भी घर यहीं है. मुझ पर क्या बीतती होगी. मेरा भी रेस्टोरेंट यहीं है जिसमें कल सिर्फ 50 रुपये का बिज़नेस हुआ है. 15 लाख की तनख्वाह देनी है…मेरा भी दर्द समझिए न, मैं भी इंसान ही हूं.”

मनाली में रनौत का रेस्टोरेंट The Mountain Story इसी साल शुरू हुआ था, जहां आम तौर पर पर्यटकों की भारी भीड़ रहती है.

उन्होंने आगे कहा, “आप जैसे मैं भी सिंगल औरत हूं. मुझे ऐसे अटैक मत करिए जैसे मैं इंग्लैंड की क्वीन हूं और यहां कुछ कर ही नहीं रही हूं…मैं भी यहीं की निवासी हूं. अगर आप हमें ही नोचेंगे तो हम आपके लिए कैसे काम करेंगे?”

बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत के दौरान उनके ये बयान इस वजह से आलोचना में आ गए कि वह जनता की तकलीफ पर बात करने के बजाय अपने निजी नुकसान पर ज़ोर दे रही थीं—वो भी तब, जब वह आपदा प्रभावित इलाकों में हफ्तों बाद पहुंचीं.

लगातार मानसून बारिश से आई बाढ़ और भूस्खलन ने कुल्लू और मनाली में भारी तबाही मचाई है. घर, सड़कें और रोज़गार तबाह हो गए.

मनाली के पतलीकूहल निवासी गीतेश ठाकुर ने नाराज़गी जताई, “उन्हें अपने दुःख की बजाय राहत लानी चाहिए थी. हमारी प्रतिनिधि होने के नाते हम उम्मीद करते हैं कि संकट की घड़ी में वो हमारे साथ खड़ी होंगी, न कि सिर्फ स्थानीय सरकार पर हमले करेंगी.”

देरी से पहुंचने पर सवाल

तबाही के हफ्तों बाद मनाली पहुंचने पर कांग्रेस ने कंगना रनौत की कड़ी आलोचना की. पार्टी बार-बार उनकी गैरहाज़िरी पर सवाल उठा रही थी, जबकि लोग हालात से जूझ रहे थे. जवाब में कंगना ने केंद्र के राहत फंड में गड़बड़ी का आरोप लगाया और कहा कि वह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को चिट्ठी लिखेंगी ताकि राहत वितरण में हुई देरी की जांच हो.

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है फंड डायवर्ट हो रहे हैं. केंद्र से आए आपदा राहत फंड के इस्तेमाल में भ्रष्टाचार दिख रहा है.” कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में हिमाचल प्रदेश को 10,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा मिले हैं, फिर भी कई परिवार जिनके घर टूट गए, अब तक मदद से वंचित हैं.

पतलीकूहल जाते वक्त उनके काफिले को विरोध का सामना करना पड़ा. स्थानीय लोगों ने काले झंडे दिखाए और “गो बैक” के नारे लगाए.

साथ चल रहे पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने आरोप लगाया, “कांग्रेस कार्यकर्ता माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.”

कुल्लू में कंगना ने अपने आरोप और तेज़ किए. उन्होंने कहा, “पहले भी केंद्र से राशि आती रही है. दुख की बात है कि अंदेशा लगाया जा रहा है कि यहां से फंड डायवर्ट हो रहे हैं. कांग्रेस पार्टी यहां से फंड डायवर्ट कर रही है. उन पर भ्रष्टाचार के बहुत आरोप लग रहे हैं. ये चिंता का कारण है. कहीं भी काम नहीं हो रहा है.”

क्षेत्र के एक वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री ने नाम न बताने की शर्त पर दिप्रिंट से कहा, “सांसद होने के नाते कंगना को पहले ही पहुंच जाना चाहिए था. लोगों को पैसों की नहीं, सहारे की उम्मीद थी. उनके बयान असंवेदनशील लगते हैं और इन्हें टाला जाना चाहिए था.”

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने भी कंगना पर निशाना साधा, “जब लोग अपनी प्रतिनिधि के तौर पर उन्हें सबसे ज़्यादा चाहते थे, तब वो नदारद थीं. अब जब आई हैं तो उन्हें लोगों की मदद पर ध्यान देना चाहिए और केंद्र नेतृत्व से अपील करनी चाहिए कि राहत कार्यों के लिए जल्दी से जल्दी अनुदान जारी किया जाए.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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