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Thursday, 21 November, 2024
होमदेशपैनकेक की तरह गिरी महाराष्ट्र के रायगढ़ की वो बिल्डिंग, 4 साल के बच्चे को ऐसे बचाने में कामयाब रही NDRF

पैनकेक की तरह गिरी महाराष्ट्र के रायगढ़ की वो बिल्डिंग, 4 साल के बच्चे को ऐसे बचाने में कामयाब रही NDRF

सोमवार देर शाम महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में पांच मंजिला आवासीय इमारत के ढहने से करीब 25 लोग इसमें फंसे रह गए थे जबकि 60-70 लोग बिल्डिंग के हिलने के साथ ही भागने में कामयाब हो गए थे.

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नई दिल्ली: एकबार फिर एनडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंच कर पांच मंजिला इमारत के ढहने से मलबे में फंसे लोगों को निकालने में सफलता पाई है. पैन केक की तरह गिरी इस बिल्डिंग से टीम ने एक साठ वर्षीय महिला और चार साल के बच्चे को सुरक्षित निकाला है. जबकि सात लोग बुरी तरह से जख्मी हैं जिनका इलाज चल रहा है. हालांकि इस बिल्डिंग के गिरने से करीब 15 लोगों की मौत भी हुई है.

चार साल के बच्चे का नाम मोहम्मद बंगी है.

मंगलवार देर शाम चार साल के एक बच्चे को जीवित बचाए जाने का वीडियो एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने ‘भगवान का बच्चा’ लिखते हुए शेयर किया है.

डीजी प्रधान कहते हैं, ‘ बिल्डिंग पैन केक की तरह गिरी यानी एक छत के ऊपर दूसरी छत गिरती चली गई जिसकी वजह से जो लोग इस इमारत के अंदर थे वो बुरी तरह से फंस गए. इस घटना में मारे गए लोगों की वजह सफोकेशन, चोट और दबना ही है. ‘

सोमवार देर शाम महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में पांच मंजिला आवासीय इमारत के ढहने से करीब 25 लोग इसमें फंसे रह गए थे जबकि 60-70 लोग बिल्डिंग के हिलने के साथ ही भागने में कामयाब हो गए थे. मलबे से बचाव कार्य लगातार जारी है.


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कैमरा जो देख सकता है 15 फीट अंदर, उससे नजर रखी

प्रधान ने रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में बताया कि हमारी टीम इस बिल्डिंग में फंसे लोगों को बचाने के लिए अपने हर आधुनिक यंत्रों के साथ वहां मौजूद थी. उन्होंने बताया, ‘हमारे टीम ने बच्चे की सांस की आवाज और विक्टिम लोकेशन कैमरा की मदद से ही कुछ लोगों को बचाने में सफलता हासिल की है.’

बच्चे की आवाज सुनने के बाद पूरी टीम ने बहुत ही सावधानी से मलबा हटाने का काम किया…बच्चे के आसपास की स्थिति को समझने के लिए पहले वीएलसी को डालकर और ब्रीदिंग सेंसर की मदद से बच्चे की लोकेशन को तलाशा गया. फिर टीम ने बहुत संभलकर मलबे को काटने और हटाने का काम शुरू किया.

प्रधान ने बताया कि हमारी कोशिश मलबे में फंसी हर एक जान को सुरक्षित निकालना था. इसलिए बच्चे को कोई हानी न हो इसलिए इसका पूरा ध्यान रखा गया.

विक्टिम लोकेटिंग कैमरा 15 फीट तक एक छोटे से छेद से जाकर बिल्डिंग में फंसे लोगों को ढूंढने की क्षमता रखता है जबकि टीम ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन में ऑडियो और ब्रीदिंग सेंसर का भी सहारा लिया है.

हालांकि, बच्चे के जीवित मिलने की खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक सकी और आधे घंटे से भी कम समय में उसी जगह से उसकी 30 वर्षीय मां नौशीन नदीम बंगी का शव बरामद किया गया. बच्चा मलबे में करीब 19 घंटे तक दबा रहा. एनडीआरएफ के जवानों ने उसे एम्बुलेंस तक पहुंचाया. यही नहीं एक अधिकारी ने यह भी बताया कि इस दुर्घटना में बच्चे की दो बहनों आयशा (सात) और रुकैया (दो) के शव भी कुछ देर बाद बरामद किए गए.

इसपर प्रधान ने बताया कि मां ने बच्चे को सीढ़ी वाली जगह पर ढकेला होगा तभी बच्चा बच गया लेकिन मां बिल्डिंग के मलबे में दब गई.

प्रधान ने एक और वीडियो शेयर किया है जिसमें उन्होंने 60 साल की महिला के सुरक्षित निकालते हुए दिखाया है. वह लिखते हैं जाको राखे साइयां और महिला के बचने को चमत्कार बताया है. वह कहते हैं जिस तरह से बिल्डिंग गिरी है उसमें किसी के बचने की संभावना कम ही रह जाती है.

बिल्डिंग के गिरने के कारणों के विषय में उन्होंने दिप्रिंट से कहा, ‘कई वजहें हो सकती हैं. या तो दीवार कमजोर थी या फिर जिस धरती पर वो इमारत बनी थी उसमें ही खामी थी. ये तो रिसर्च से ही पता चलेगा.’

बुधवार को दो और शव बरामद होने के बाद मृतकों की संख्या 15 हो गई. अभी तक इस इमारत के ढहने से 7 पुरुष और 9 महिलाओं के मरने की खबर है. यह इमारत सोमवार देर शाम ढह गई थी.

बिल्डिंग ढहने के कुछ ही घंटों के बाद एनडीआरएफ की टीम ने मलबे में फंसे लोगों को निकालने का जिम्मा संभाल लिया था.

रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक अनिल परासकर ने बताया, ‘तड़के 70 वर्षीय एक पुरुष और 60 वर्षीय एक महिला का शव निकाला गया. इसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 15 हो गई.’

महाराष्ट्र के मंत्री विजय ने घोषणा की है कि इस दुर्घटना में मरने वालों के परिवार को 5 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी जबकि घायलों को 50,000 रुपये तक की सहायता दी जाएगी. महाराष्ट्र की इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अफसोस जताया है.

मुंबई से करीब 170 किलोमीटर दूर स्थित महाड कस्बे में ‘तारिक गार्डन’ नाम की पांच मंजिला इमारत सोमवार देर शाम ढह गयी थी.

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