नई दिल्ली : दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नया ‘साधारण पासपोर्ट’ जारी करने के लिए एनओसी की मांग वाली याचिका आंशिक रूप से स्वीकार कर ली है. कोर्ट ने उन्हें 3 साल के लिए एनओसी दे दी है. राज्यसभा सांसद और भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने नया पासपोर्ट जारी करने का विरोध किया था.
Delhi's Rouse Avenue Court partly allows Congress leader Rahul Gandhi's plea seeking NOC for issuance of a fresh ordinary passport. The court has granted NOC for 3 years. pic.twitter.com/laElsJqELR
— ANI (@ANI) May 26, 2023
वहीं इससे पहले दिल्ली राउज एवेन्यु कोर्ट ने शुक्रवार को नये पासपोर्ट के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था, गांधी ने नया पासपोर्ट जारी करने पर एनओसी की मांग की थी. इसके खिलाफ बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कोर्ट में गांधी को नया पासपोर्ट जारी न करने के लिए अपील दायर की थी और इससे हेराल्ड मामले में जांच पर असर पड़ने की दलील दी थी.
Rahul Gandhi's fresh passport matter | Delhi Court reserves order on the matter. Order will be passed at 1 pm.
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— ANI (@ANI) May 26, 2023
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता ने शुक्रवार को दोनों पक्षों के दलील दर्ज की और कहा था कि वह आज 1 बजे तक उचित आदेश पारित करेगी.
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जवाब दाखिल कर दी ये दलीलें
पूर्व राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अदालत में जवाब दाखिल करते हुए राहुल गांधी की याचिका का विरोध किया और कहा कि आवेदक (राहुल गांधी) को 10 साल के लिए पासपोर्ट जारी करने का कोई वैध या प्रभावी कारण नहीं है.
अपने जवाब में कहा कि, ’10 साल के लिए पासपोर्ट जारी करने के लिए आवेदन में कोई मेरिट नहीं है.’
स्वामी ने अपने जवाब में कहा है कि अदालत न्याय और कानून के व्यापक दायरे में आवेदक की मुकदमेबाजी पर निर्णय लेने में अन्य सभी जुड़े मामलों की जांच और विश्लेषण के बाद अनुमति देने के विवेक का इस्तेमाल कर सकती है.
स्वामी ने कहा कि आवेदक को पासपोर्ट के लिए एनओसी एक साल से ज्यादा की न दी जाए और वार्षिक रूप से या इस न्यायालय द्वारा जैसा उचित समझा जाए समीक्षा की जा सकती है.
स्वामी ने कहा, ‘सरकार द्वारा लगाए गए वाजिब प्रतिबंधों के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था, नैतिकता और अपराध की रोकथाम के हित में पासपोर्ट रखने का अधिकार, अन्य सभी मौलिक अधिकारों की तरह, पूर्ण अधिकार नहीं है.’
राहुल गांधी की तरफ से पेश हुए एडवोकेट तरन्नुम चीमा ने कहा कि आवेदक को मिली जमानत में कोई शर्त नहीं दी गई है. एडवोकेट चीम ने कहा, ‘जो लोग गंभीर अपराधों में शामिल हैं उन्हें 10 साल के लिए पासपोर्ट दिया गया है. इसमें 2जी और कोल घोटाला वगैरह शामिल है. 10 साल के लिए पासपोर्ट जारी करना रूटीन मामला है.
ये रहा मामला
24 मई को, दि राउज एवेन्यु कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड माममले में आरोपी राहुल गांधी को नया पासपोर्ट जारी करने को लेकर सुनवाई के दौरान सुब्रह्मण्यम स्वामी को शुक्रवार तक लिखित जवाब पेश करने को कहा था.
गांधी एक सांसद के तौर पर डिस्क्वालीफाइड किए जाने के बाद अपना डेप्लोमैटिक यात्रा दस्तावेज सरेंडर कर चुके हैं, जिसके बाद उन्होंने एक ‘साधारण पासपोर्ट’ के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
गांधी के ओर से एडवोकेट निखिल भल्ला और सुमित कुमार के साथ पेश हुए अधिवक्ता तरन्नुम चीमा ने यह कहते हुए एनओसी देने की मांग की थी कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है.
उन्होंने दलील दी कि, ‘आवेदक मार्च 2023 से संसद के सदस्य नही है और जैसा कि वह अपने राजनयिक पासपोर्ट को सरेंडर कर दिया है और नए साधारण पासपोर्ट के लिए आवेदन कर रहा है. वर्तमान आवेदन के जरिए, आवेदक नया साधारण पासपोर्ट जारी करने के लिए न्यायालय से अनुमति और अनापत्ति मांग रहा है.’
राहुल गांधी के अधिवक्ताओं ने दलील दी थी कि आवेदक के खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही लंबित नहीं है और विदेश यात्रा एक मौलिक अधिकार है. लोकसभा के सदस्य के रूप में अपनी अयोग्यता के बाद आवेदक इस वर्ष मार्च में संसद सदस्य नहीं रहे. उन्हें सूरत की एक अदालत में आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी ठहराया गया था. उन्होंने अपने राजनयिक पासपोर्ट को सरेंडर कर दिया और नए साधारण पासपोर्ट के लिए आवेदन करने का फैसला किया है.
राहुल गांधी के वकीलों ने कहा था कि, वर्तमान आवेदन के माध्यम से, आवेदक एक नया साधारण पासपोर्ट जारी करने के लिए अदालत से अनुमति और अनापत्ति मांग रहा है.
उन्होंने यह भी कहा था कि यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के शिकायतकर्ता के अनुरोध को 2015 में खारिज कर दिया गया था. इसके अलावा, जमानत आदेश के बाद से आवेदक ने बिना अनुमति के कई बार यात्रा की है क्योंकि इजाजत की कोई जरूरत नहीं थी और यात्रा को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं था.
2015 में, कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड मामले में आवेदक राहुल गांधी को जमानत देते हुए, यात्रा को लेकर आवेदक व अन्य पर कोई शर्त नहीं लगाई थी.
राहुल गांधी ने 24 मई को बिना आपत्ति के साधारण पासपोर्ट जारी करने की मांग के लिए राउज एवेन्यु कोर्ट का रुख किया था.
गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड केस की सुनवाई दिल्ली की एक कोर्ट में हो रही है और इस मामले में सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और उनसे जुड़े कुछ लोगों के खिलाफ केस फाइल किया है.
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