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Thursday, 31 October, 2024
होमएजुकेशनNEET-JEE परीक्षा पर सरकार अपने रुख पर कायम, विरोध के स्वर हुए तेज़-सुब्रमण्यम स्वामी से लेकर राहुल गांधी ने भी उठाई आवाज़

NEET-JEE परीक्षा पर सरकार अपने रुख पर कायम, विरोध के स्वर हुए तेज़-सुब्रमण्यम स्वामी से लेकर राहुल गांधी ने भी उठाई आवाज़

अब तक राहुल गांधी, सुब्रमण्यम स्वामी, चिराग पासवान, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जैसे कई बड़े नेता हैं जो नीट-जेईई परीक्षा स्थगित करने की मांग कर चुके हैं. बता दें कि इस परीक्षा के लिए 24 लाख से अधिक छात्रों ने आवेदन किया है.

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नई दिल्ली: सरकार द्वारा नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) और ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) की परीक्षा कराने के फ़ैसले का विरोध लगातार जारी है. विरोध के स्वर से जुड़ते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि सरकार को छात्रों की सुननी चाहिए.

रविवार को किए गए एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, ‘आज हमारे लाखों छात्र सरकार से कुछ कह रहे हैं. NEET, JEE परीक्षा के बारे में उनकी बात सुनी जानी चाहिए और सरकार को एक सार्थक हल निकालना चाहिए.’ राहुल से पहले यही बात दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया और भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी कह चुके हैं.

सिसोदिया ने शनिवार को इससे जुड़े तीन ट्वीट्स किए. इनमें उन्होंने लिखा, ‘JEE-NEET की परीक्षा के नाम पर लाखों छात्रों की ज़िंदगी से खेल रही है केंद्र सरकार. मेरी केंद्र से विनती है कि पूरे देश में ये दोनो परीक्षाएं तुरंत रद्द करें और इस साल एडमिशन की वैकल्पिक व्यवस्था करें. अभूतपूर्व संकट के इस समय में अभूतपूर्व कदम से ही समाधान निकलेगा.’

इसके अलावा उन्होंने तर्क दिया कि सिर्फ़ नीट-जेईई की परीक्षा ही एडमिशन का एकमात्र विकल्प नहीं है. दुनिया भर में शिक्षण संस्थान एडमिशन के नए नए तरीक़े अपना रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘हम भारत में क्यों नहीं कर सकते? बच्चों की ज़िंदगी प्रवेश परीक्षा के नाम पर दांव पर लगाना कहां की समझदारी है?’


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परीक्षा रुकवाने के लिए पीएम को लिखा खत

सिसोदिया से पहले शुक्रवार को ख़ुद भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस बारे में पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी.

पीएम को लिखी चिट्ठी में स्वामी ने कहा, ‘अगर ये परीक्षाएं होती हैं तो (इससे जुड़े छात्रों की) आत्महत्याएं होंगी.’ स्वामी ने कहा कि उन्होंने इस विषय पर शिक्षा मंत्री से भी बात ही है. लेकिन शनिवार को स्वामी द्वारा लिखी गई चिट्ठी के बावजूद शिक्षा मंत्रालय ने फ़ैसला लिया है इंजीनियरिंग और मेडिकल की ये परीक्षाएं तय समय से होंगी.

1 सितंबर से शुरू हो रही इन परीक्षाओं में मुश्किल से 10 दिन का समय बचा है लेकिन इसे अभ्यर्थियों ने स्थगित कराने की मांग करते हुए विरोध शुरू कर दिया है. हालांकि, इससे जु़ड़े एक बयान में इन परीक्षाओं के लिए ज़िम्मेवार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने शनिवार को कहा, ‘…परीक्षाएं पूरे एहतियात के साथ ली जाएंगी, इन्हें स्थगित नहीं किया जाएगा.’

लगातार परीक्षा का विरोध कर रहे छात्र हर दिन गाड़ी न चलने, यातायात की सुविधा न होने के साथ कोविड से जुड़े मामलों के साथ लगातार ट्वीट कर रहे हैं. हर रोज़ इन परीक्षाओं को स्थगित करने से जुड़ा कोई न कोई ट्रेंड चल रहा है रविवार को #SATYAGRAH_AgainstExamsInCovid और NEET ट्रेंड कर रहा था.  इसी ट्रेंड को देखते हुए नेताओं से लेकर, सोशल मीडिया इंफ़्लुएंसर्स और छात्र संगठनों तक ने एक सुर में इसके स्थगन की मांग की है.

स्थगन की मांग करने वाले अन्य नेताओं में भाजपा की सहियोग लोकजनशक्ति पार्टी (लोजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान, आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और यूट्यूबर भुवन बाम जैसे ना जाने कितने ही नाम शामिल है. कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई के अलावा कई लेफ़्ट छात्र संगठनों ने इसके विरोध में पीएम नरेंद्र मोदी को लिखा है. वहीं, आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी के कई कार्यकर्ताओं ने भी सोशल मीडिया पर आवाज़ उठाई है.

इसी सिलसिले में 11 राज्यों के 11 छात्रों ने इन परीक्षाओं के स्थगन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी जिसे बीते सोमवार को ख़ारिज कर दिया गया. याचिका ख़ारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि छात्रों के जीवन से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता और इसलिए इन पीक्षाओं को समय से कराया जाना ज़रूरी है.

एनटीए द्वारा 3 जुलाई को जारी किए गए एक नोटिस के मुताबिक इन परीक्षाओं में एक हफ़्ते से कम का समय बचा है. नोटिस के मुताबिक जेईई (मेन) अप्रैल की परीक्षाएं 1-6 सिंतबर और नीट यूजी 2020 की परीक्षा 13 सितंबर को होनी है. हालांकि, एनटीए ने आश्वासन दिया है कि वो अपनी तरफ़ से पूरी सतर्कता बरत रहा है और छात्रों को पूरी सहूलियत दे रहा है. बता दें कि दोनों परीक्षाओं के लिए 24 लाख से अधिक छात्रों ने आवेदन किया है.


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एनटीए द्वारा परीक्षा समय पर कराने से जुड़े शनिवार के बयान में इस टेस्टिंग एजेंसी ने कहा, ‘जेईई मेन्स के लिए इसने 99.07% बच्चों को उनके पसंद का सेंटर दिया है और नीट (यूजी) के मामले में 99.87 प्रतिशत के साथ ऐसा ही किया जाएगा. इन सबके अलावा एनटीए ने कहा, ‘सेंटर के मैनेजमेंट में लगे सभी लोगों के लिए एनटीएन ने कोविड-19 से जुड़ी व्यापक एडवाइज़री तैयार की है.’

तमाम वाद-विवाद के बीच एक तरफ़ जहां शिक्षा मंत्रालय परीक्षा कराने पड़ अड़ा हुआ, वहीं इसके लिए इतना कम समय बचने के बावजूद छात्रों की मांग यही है कि परीक्षाएं रद्द हो जाएं.

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