नई दिल्ली: पूरा देश आज 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. तमाम झांकियों के बीच आज नारी शक्ति की झलक देखने को मिली जिसे देख हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. राफेल उड़ाने वाली एक मात्र महिला फाइटर शिवांगी सिंह ने जब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सलामी दी तो हर भारतीय के मन में सिर्फ गर्व का भाव था. ये पल दिल को छूने वाला था.
परेड में भारतीय वायु सेना की झांकी ‘भविष्य के लिए भारतीय वायु सेना के परिवर्तन’ विषय को प्रदर्शित करती हुई दिखी. इसमें मिग-21, Gnat, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH), अश्लेषा रडार और राफेल विमान के स्केल-डाउन मॉडल प्रदर्शित किए गए हैं. फाइटर शिवांगी सिंह ने इसकी अगुवाई की थी. बता दें कि वह IAF की झांकी का हिस्सा बनने वाली केवल दूसरी महिला फाइटर जेट पायलट हैं.
The first woman fighter pilot on the Rafale combat aircraft, Flight Lieutenant Shivangi Singh at the Indian Air Force (IAF) tableau today.#RepublicDayParade pic.twitter.com/vXDFVlAI12
— ANI (@ANI) January 26, 2022
पिछले साल, फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कंठ IAF की झांकी का हिस्सा बनने वाली पहली महिला फाइटर जेट पायलट बनीं थी. शिवांगी सिंह वाराणसी की रहने वाली है और 2017 में ही वायु सेना में शामिल हुई थी. और IAF के महिला फाइटर पायलटों के दूसरे बैच में शामिल हुईं.
वह राफेल उड़ाने से पहले मिग-21 बाइसन विमान उड़ा रही थीं. वह पंजाब के अंबाला में स्थित IAF के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा हैं.
वायु सेना की झांकी में राफेल फाइटर जेट के छोटे मॉडल, स्वदेश में विकसित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) और 3D सर्विलांस रडार अस्लेशा MK-1 फ्लोट का हिस्सा थे. इसमें मिग -21 विमान का एक छोटा मॉडल भी दिखाया गया था जिसने 1971 के युद्ध में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी जिसमें भारत ने पाकिस्तान को हराया था, जिससे बांग्लादेश का निर्माण हुआ, साथ ही साथ भारत के पहले स्वदेशी रूप से विकसित विमान Gnat का एक मॉडल भी बना.
भारत द्वारा फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 विमान खरीदने के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के लगभग चार साल बाद, राफेल लड़ाकू विमानों का पहला बैच 29 जुलाई, 2020 को भारत आया था. अब तक 32 राफेल जेट IAF को दिए जा चुके हैं और चार इस साल अप्रैल तक आने की उम्मीद है.
2017 में, द हिंदू ने रिपोर्ट किया था कि पायलट बनना फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिंह के लिए बचपन का सपना था, जो “एक स्वतंत्र पक्षी की तरह उड़ना” चाहते थे.
वह फ्लाइंग ऑफिसर मोहना सिंह, भावना कंठ और अवनी चतुर्वेदी से प्रेरित हैं, जो 2016 में शामिल हुई IAF की पहली महिला फाइटर पायलट हैं.
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के स्नातक फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिंह, राष्ट्रीय कैडेट कोर में 7 यूपी एयर स्क्वाड्रन के कैडेट भी थे. IAF ने 2016 से अब तक 10 महिला लड़ाकू पायलटों को प्रशिक्षण में शामिल किया है. शिवांगी सिंह वीर चक्र सम्मानित कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साथ भी काम कर चुकी है.
(स्नेहेश एलेक्स फिलिप के इनपुट्स के साथ)
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