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Monday, 6 May, 2024
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रायबरेली में कांग्रेस का डैमेज कंट्रोल- अदिति के चचेरे भाई को पार्टी में किया शामिल, अब अमेठी पर नजर

कांग्रेस से जुड़े एक सूत्र की मानें तो पार्टी को आशंका है कि अदिति अगले चुनाव से पहले पाला बदल सकती हैं. इसी कारण उनके चचेरे भाई को कांग्रेस में शामिल किया गया.

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लखनऊ : गांधी परिवार का गढ़ माने जाने वाले रायबरेली में विधायक अदिति सिंह के बगावती तेवर को देखते हुए कांग्रेस पार्टी अब डैमेज कंट्रोल के प्रयास में है. इसी कारण बुधवार को पूर्व सांसद अशोक सिंह के बेटे और अदिति सिंह के चचेरे भाई मनीष सिंह को कांग्रेस में शामिल किया गया. वह बसपा के टिकट पर रायबरेली के हरचंदपुर से चुनाव भी लड़ चुके हैं. बता दें कि गांधी जयंती के मौके पर आयोजित यूपी असेंबली के विशेष सत्र में पार्टी द्वारा बहिष्कार के बावजूद अदिति विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने चली गईं थीं. इसके बाद पार्टी की ओर से उन्हें नोटिस दिया गया था जिसका फिलहाल उन्होंने जवाब नहीं दिया है.

कांग्रेस से जुड़े एक सूत्र की मानें तो पार्टी को आशंका है कि अदिति अगले चुनाव से पहले पाला बदल सकती हैं. इसी कारण उनके चचेरे भाई को कांग्रेस में शामिल किया गया. बता दें कि पिछले दिनों अदिति के पिता व पूर्व विधायक अखिलेश सिंह की मृत्यु हो गई थी. उनकी रायबरेली में मजबूत पकड़ मानी जाती थी. अब अदिति के सामने उनकी विरासत को आगे बढ़ाने की चुनौती है. 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में अदिति ने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. इसके बाद वह गांधी परिवार के करीबियों में गिनी जाने लगीं. ऐसे में अदिति के बागी सुरों ने पार्टी के होश उड़ा दिए  जिसके डैमेज कंट्रोल में अब कांग्रेस जुट गई है. उनके चचेरे भई मनीष सिंह को महासचिव प्रियंका गांधी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता दिलाई गई.


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अब अमेठी जाएंगी प्रियंका

कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी गुरुवार को अमेठी जाएंगी. यहां वह नए जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंघल को शपथ दिलाएंगी और कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगी. बीते दिनों अमेठी के राजा व कांग्रेस से राज्यसभा सांसद रहे संजय सिंह व अमिता सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी थी ऐसे में अब अमेठी में कांग्रेस के सामने डैमेज कंट्रोल की चुनौती है क्योंकि बीते लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को यहां शिकस्त झेलनी पड़ी थी.

वर्कशॉप में आगे की रणनीति पर हुई चर्चा

रायबरेली के भुएमऊ में टीम प्रियंका की वर्कशॉप चल रही है. तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सरदार पटेल, सुभाषचंद्र बोस, विनोबा भावे, छत्रपति शाहू जी, ज्योतिबाफुले, सन्त रैदास, कबीर समेत देश के तमाम महापुरुषों के विचारों साथ ही प्रशिक्षण में तमाम राजनीतिक दर्शनों पर गम्भीर चर्चा परिचर्चा हुई.

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गांधी पर बनी फिल्म भी दिखाई गई

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की मानें तो नई टीम ने देश की आर्थिक स्थिति पर गहन चर्चा की. भाजपा के जनविरोधी आर्थिक नीतियों- जीएसटी के गलत क्रियान्वयन, नोटबंदी, कालाधन, आर्थिक मंदी के नुकसान को जनता के बीच बेहतर तरीके से ले जाने का प्रशिक्षण लिया. प्रशिक्षण में बेरोजगारी, किसान समस्या, कानून व्यवस्था, महिला हिंसा, उत्पीड़न, शिक्षा, स्वास्थ्य, बाढ़ जैसे ज्वलंत मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई. जनता से संवाद, कुशल नेतृत्व, जनसंचार माध्यमों के उपयोग, सोशल मीडिया की ट्रेनिंग दी गई. कार्यशाला में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित फिल्म दिखाई गई.

आगामी आंदोलनों पर बनी रणनीति

वर्कशॉप में हिस्सा लेने वाले एक सूत्र ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्यशाला में संगठन को मजबूत करने और आगामी आंदोलनों पर रणनीति बनी. कार्यशाला में उपस्थित पदाधिकारियों की जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की गई. साथ ही साथ उत्तर प्रदेश में विभिन्न मुद्दों पर आंदोलन करने की रूपरेखा तैयार की गई.

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