नई दिल्ली : क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग (क्वाड) ने एक मुक्त और खुले इंडो-पैसिफिक का समर्थन करने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की और खतरों या बल प्रयोग और नेविगेशन व ओवरफ्लाइट का सहारा लिए बिना विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का पुरजोर समर्थन किया.
Our meeting today reaffirms the Quad’s steadfast commitment to supporting a free and open Indo-Pacific, which is inclusive and resilient: Joint Statement- Quad Foreign Ministers’ Meeting pic.twitter.com/66fmy36Tsg
— ANI (@ANI) March 3, 2023
क्वाड विदेश मंत्रियों ने इंडो-पैसिफिक से लेकर आसियान तक विभिन्न मुद्दों की व्यापक समीक्षा की. बैठक की अध्यक्षता विदेश मंत्री एस जयशंकर, ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग, जापानी समकक्ष योशिमासा हयाशी और अमेरिकी विदेश विभाग के सचिव एंटनी ब्लिंकन ने की.
क्वाड द्वारा जारी बयान के अनुसार, ‘हमारी आज की बैठक एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक का समर्थन करने के लिए क्वाड की दृढ़ प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है, जो समावेशी और लचीला है. बिना खतरे का सहारा लिए, विवादों का शांतिपूर्ण समाधान के लिए ताकत या बल का प्रयोग और नेविगेशन व ओवरफ्लाइट के बिना हम स्वतंत्रता, कानून के शासन, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का दृढ़ता से समर्थन करते हैं. हम वह सभी जो भी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र और उससे आगे की शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए जरूरी, स्वतंत्रता और यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का विरोध करते हैं.’
ये बयान इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे की पृष्ठभूमि में आए हैं.
बैठक में, विदेश मंत्रियों ने कहा कि क्वाड, क्षेत्रीय और वैश्विक भलाई के लिए एक बल के रूप में, अपने सकारात्मक और रचनात्मक एजेंडे के जरिए इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की प्राथमिकताओं को लेकर काम करेगा.
क्वाड विदेश मंत्रियों ने स्वास्थ्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ एनर्जी ट्रांजिशन, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे व कनेक्टिविटी जैसी समकालीन चुनौतियों पर व्यावहारिक सहयोग के जरिए क्षेत्र के लिए समर्थन की मांग की.
विदेश मंत्रियों ने ऋण संकट, अंतरिक्ष सहयोग, साइबर सुरक्षा, मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर), समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद का मुकाबला को लेकर भी बात की.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों के बारे में बात करते हुए, क्वाड ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के लिए अपने अटूट समर्थन को दोहराया, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय संगठन में स्थायी और गैर-स्थायी सीटों का विस्तार भी शामिल है.
बयान के मुताबिक, ‘हम इस बात से सहमत हैं कि नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर, और संप्रभुता, राजनीतिक स्वतंत्रता, और सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांत अंतर्राष्ट्रीय कानून में निहित हों. हम संयुक्त राष्ट्र को एकतरफा नष्ट करने के प्रयासों पर अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली, हमारे भागीदारों के सलाह-मशविरे से और बहुपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्मों के माध्यम से बात व सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
इसमें कहा गया है, ‘हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर, इसके तीन स्तंभों के लिए अपने अटूट समर्थन को दोहराते हैं, और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी और गैर-स्थायी सीटों में विस्तार सहित एक व्यापक सुधार एजेंडे के जरिए संयुक्त राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को मजबूत करने की हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हैं. इस संबंध में, हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अधिक प्रभावी, प्रतिनिधि और विश्वसनीय बनाने के समग्र उद्देश्य के साथ सुरक्षा परिषद सुधारों पर अंतर-सरकारी वार्ता (IGN) प्रक्रिया में सक्रिय और रचनात्मक जुड़ाव के लिए प्रतिबद्ध हैं.’
2-4 मार्च तक रायसीना डायलॉग के आठवें संस्करण का उद्घाटन बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था और मुख्य अतिथि, इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने मुख्य भाषण दिया था.
‘प्रोवोकेशन, अनसर्टेनिटी, टर्बुलेंस: लाइटहाउस इन द टेम्पेस्ट?’ थीम के तहत आयोजित इस सम्मेलन में 100 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.
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