नई दिल्ली: देशव्यापी लॉकडाउन को नौ दिन हो गए हैं. इस दौरान पीएम शुक्रवार को देशवासियों को एक वीडियो संदेश के जरिए देशवासियों से नौ मिनट मांगे हैं. उन्होंने देशवासियों से आह्वान किया है कि पांच अप्रैल को रात नौ बजे, नौ मिनट तक घरों की लाइट बंद करके, घर के दरवाजे पर या बालकनी में, खड़े रहकर, 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं और दुनिया को एकजुटता दिखाएं.’
जिस तरह से आप सभी ने लॉकडाउन के दौरान अनुशासन का परिचय दिया है वह अभूतपूर्व है. शासन, प्रशासन, जनता जनार्दन का प्रयास किया है. जनता कर्फ्यू, थाली बजाने या घंटी बजाने का काम हो इसने देश की सामूहिक शक्ति का एहसास दिलाया है. इसने यह एहसास दिलाया है कि देशएकजुट होकर कोरोना को खिलाफ लड़ाई लड़ सकता है. दुनिया ने हमारी ताकत को पहचाना है और वह भी इसे स्वीकार कर रहा है.
पीएम ने कहा, ‘आज जब करोड़ों लोग घरों में है तो लोगों को यह लग सकता है कि वह अकेला क्या कर सकता है. आप सोच रहे होंगे कि कितने दिन और काटने होगें. लेकिन मैं फिर आपसे कुछ मांग रहा हूं. पांच अप्रैल रविवार को रात नौ बजे नौ मिनट.
प्रधानमंत्री ने अपने वीडियो संदेश में देशवासियों से यह भी कहा कि याद रखें कि इस दौरान किसी को एकत्रित नहीं होना है. पीएम ने कहा, ‘मेरी एक और प्रार्थना है कि इस आयोजन के समय किसी को भी, कहीं पर भी इकट्ठा नहीं होना है. रास्तों में, गलियों या मोहल्लों में नहीं जाना है, अपने घर के दरवाजे, बालकनी से ही इसे करना है.’
उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां माना जाता है कि जनता-जनार्दन, ईश्वर का ही रूप होती है, इसलिए जब देश इतनी बड़ी लड़ाई लड़ रहा हो, तो ऐसी लड़ाई में बार-बार जनता रूपी महाशक्ति का साक्षात्कार करते रहना चाहिए. ये साक्षात्कार हमें मनोबल देता है, लक्ष्य देता है और उसकी प्राप्ति के मार्ग की तरफ ले जाता है. जो इस कोरोना संकट से सबसे अधिक प्रभावित हैं हमारे गरीब भाई-बहन उन्हें आशा की ओर ले जाता है. हमें अनिश्चितता को खत्म कर रोशनी की तरफ बढ़ाना है.
घर की सभी लाइटें बंद करके,
घर के दरवाजे पर या बालकनी में,
खड़े रहकर,9 मिनट के लिए मोमबत्ती,
दीया,
टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं: पीएम मोदी #IndiaFightsCorona— BJP LIVE (@BJPLive) April 3, 2020
उन्होंने देशवासियों का हौंसला बढ़ाते हुए कहा कि आपने जिस प्रकार 22 मार्च रविवार के दिन कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले हर किसी का धन्यवाद किया वो भी आज सभी देशों के लिए एक मिसाल बन गया है.आज कई देश इसको दोहरा रहे हैं.