नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक दिन की अपनी मालदीव यात्रा के बाद श्रीलंका के लिए रवाना हो गए हैं. वे श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना से मुलाकात करेंगे और द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इस दौरान पीएम मोदी की विपक्ष के नेता महिंदा राजपक्षे और तमिल राष्ट्रीय गठबंधन के नेताओं से भी मुलाकात किए जाने की बात कही जा रही है. फिर देर शाम प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर के लिए रवाना होंगे, जहां वह एक और रैली को संबोधित करने के बाद भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा करेंगे. मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी भी उनके साथ मौजूद रहेंगे.
बता दें, कि 21 अप्रैल को श्रीलंका में हुए बम धमाकों के बाद मोदी वहां जाने वाले पहले विदेशी नेता हैं. श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए बम धमाकों में 11 भारतीय समेत 258 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन आईएस ने ली थी. बता दें कि यहां एकबार फिर पीएम मोदी श्रीलंका के साथ हर मुश्किल वक्त में खड़े होने का विश्वास दिलाएंगे.
मालदीव में हुए सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित
पीएम मोदी शनिवार को लोकसभा चुनाव बाद राज्य का दौरा गुरुवयूर के श्री कृष्ण मंदिर में दर्शन कर मालदीव गए जहां उन्हें सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया.
इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मुझे मालदीव के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित करके, आप सबने मुझे ही नहीं अपितु पूरे भारतवर्ष को एक नया गौरव दिया है.’
मालदीव सरकार ने शनिवार को अपने सर्वोच्च सम्मान ‘निशान इज्जुद्दीन’ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया.
प्रधानमंत्री मोदी ने माले में राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में यह सम्मान प्राप्त किया.
Male: Prime Minister Narendra Modi leaves for Sri Lanka from Maldives. He will meet Sri Lanka's President Maithripala Sirisena later in the day. pic.twitter.com/VhAzOeaftG
— ANI (@ANI) June 9, 2019
इससे पहले इन्हें भी मिल चुका है सम्मान
इससे पहले यह अवार्ड एडिनबर्ग के ड्यूक अर्ल माउंटबेटन को 1972 में, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति चुन डू ह्वान को 1984 में, राष्ट्रमंडल महासचिव श्रीदत्त रामपाल को 1989 में, सऊदी अरब के राजकुमार तलाल बिन अब्दुल्लाअजीज अल सऊद को 2009 में और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास को 2013 में प्रदान किया गया था.
दोबारा सत्ता में आने के बाद मोदी अपने पहले विदेशी दौरे पर शनिवार को दिन में ही मालदीव पहुंचे.
पीएम ने आतंकवाद के खिलाफ उठाई आवाज
पीएम मोदी ने मालदीव में सदन को संबोधित करते हुए कहा, ‘हम सामुद्रिक पड़ोसी हैं. हम मित्र हैं. और दोस्तों में कोई छोटा और बड़ा, कमज़ोर और ताकतवर नहीं होता है.’
पीएम ने कहा कि शांत और समृद्ध पड़ोस की नींव भरोसे, सद्भावना और सहयोग पर टिकी होती है. भारत अपनी शक्ति और क्षमताओं का उपयोग केवल अपनी समृद्धि और सुरक्षा के लिए ही नहीं करेगा, बल्कि इस क्षेत्र के अन्य देशों की क्षमता के विकास में, आपदाओं में उनकी सहायता के लिए, तथा सभी देशों की साझा सुरक्षा, संपन्नता और उज्ज्वल भविष्य के लिए करेगा.
‘यह बहुत बड़ा दुर्भाग्य है कि लोग अभी भी आतंकवाद को दो रूपों में गुड और बैड टेरेरिस्ट कह रहे हैं. दोनों में भेद करने की गलती कर रहे हैं. आतंकवाद का पानी अब सिर से ऊपर निकल रहा है. आतंकवाद हमारे समय की बड़ी चुनौती है.’
‘आतंकवादियों के न तो अपने बैंक होते हैं और ना ही हथियारों की फैक्टरी, फिर भी उन्हें धन और हथियारों की कभी कमी नहीं होती. आतंकवाद की स्टेट स्पॉन्सरशिप के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है.’
पीएम मोदी ने कहा कि मालदीव में स्वतंत्रता, लोकतंत्र, खुशहाली और शांति के संबंध में भारत मालदीव के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा है. भारत और मालदीव के संबंध इतिहास से भी पुराने हैं. सागर की लहरें हम दोनों देशों के तटों को पखार रही हैं. ये लहरें हमारे लोगों के बीच मित्रता का संदेश-वाहक रही हैं. हमारी संस्कृति इन तरंगों की शक्ति लेकर फली-फूली हैं
पीएम ने मालदीव की संसद को संबोधित करते हुए कहा,’आज आपके बीच मैं ज़ोर देकर कहना चाहता हूं कि मालदीव में लोकतंत्र की मजबूती के लिए भारत और हर भारतीय आपके साथ था, है और रहेगा. यहां अलग-अलग विचारधारा और दलों के सदस्य देश में लोकतंत्र, विकास और शांति के लिए सामूहिक संकल्प को सिद्धि में बदलते हैं.’
ठीक उसी तरह, जैसे कुछ महीने पहले मालदीव के लोगों ने एकजुट हो कर दुनिया के सामने लोकतंत्र की एक मिसाल कायम की है.