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बुधवार, 21 मई, 2025
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कोविड के प्रकोप को रोकने के लिए, सरकार ने एयरलाइन्स को उड़ान के दौरान भोजन बंद करने का निर्देश दिया

जो उड़ाने दो घंटे से अधिक की हैं, उनमें एयरलाइन्स पहले से पैक किए हुए स्नैक्स, भोजन, और पेय पदार्थ सर्व कर सकती हैं. ऐसा इसलिए किया गया है कि सभी लोग, अपने मास्क एक साथ न उतारें.

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नई दिल्ली: देश भर में कोरोनावायरस के मामलों में आ रहे उछाल के बीच, सोमवार को विमानन मंत्रालय ने एयरलाइन्स को ऐसी उड़ानों में भोजन बंद करने का निर्देश दिया है, जिनकी अवधि दो घंटे से कम है. अपेक्षा की जा रही है कि नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए), इस आशय का आदेश जल्द ही जारी कर देगा.

संशोधित नियम ऐसे समय आए हैं, जब ये चिंता बढ़ती जा रही है, कि खाते समय मास्क उतारने से, वायरस फैल सकता है. भोजन परोसने में भी केबिन क्रू यात्री के संपर्क में आता है, जिससे कोविड-19 संक्रमण और फैल सकता है. मंत्रालय सूत्रों ने बताया कि ऐसी मांग भी की जा रही थी, कि फ्लाइट में भोजन को पूरी तरह बंद कर दिया जाए.

ये बदलाव 15 अप्रैल से प्रभावी होंगे, और इनकी नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी.

लेकिन, जो उड़ाने दो घंटे से अधिक की हैं, उनमें एयरलाइन्स अपनी पॉलिसी के अनुसार, पहले से पैक किए हुए स्नैक्स, भोजन, और पेय पदार्थ सर्व कर सकती हैं. केबिन क्रू द्वारा सर्व किए गए हर मील के साथ, डिस्पोज़ेबल ट्रे सेट-अप, प्लेट्स, कटलरी, और ग्लव्ज़ का नया सेट दिया जाएगा. आपस में सटी हुई सीटों पर इन-फ्लाइट भोजन, अलग अलग समय पर दिया जाएगा.

ये आदेश उसके बाद आया है, जब भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने आपत्ति जताई थी, कि लोग फ्लाइट्स में भोजन करने के दौरान, अपने मास्क हटा लेते हैं.

पिछले साल भी, महामारी की पहली लहर के दौरान, सरकार ने घरेलू उड़ानों में इन-फ्लाइट भोजन सेवा पर पाबंदी लगा दी थी. लेकिन, अगस्त में, एयरलाइन्स को घरेलू उड़ानों में, पहले से पैक किए हुए स्नैक्स, भोजन, और पेय पदार्थ, तथा अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों में गर्म भोजन सर्व करने की अनुमति दे दी गई.

विस्तारा के पूर्व चीफ स्ट्रैटजी एंड कमर्शियल ऑफिसर, और एविएशन वेटरन संजीव कपूर ने इस क़दम के जवाब में ट्वीट किया, ‘कोविड जोखिम कम होने के मुक़ाबले, आय का नुक़सान एक छोटी सी क़ुर्बानी होगी. एक बहुत बड़ी ख़ामी को आख़िरकार दूर कर लिया जाएगा. लंबी उड़ानों के लिए भोजन, अलग अलग समय पर दिया जा सकता है, ताकि सभी मास्क एक साथ न हटाए जाएं’.

एयरलाइन्स ने पिछले साल कोविड-19 महामारी फैलने पर, कई महीनों तक उड़ानों के बंद रहने के बाद, सामान्य स्थिति की ओर रेंगना शुरू ही किया है.

ऐसे में, जब ज़्यादा लोग फिर से उड़ाने ले रहे हैं, तो कोविड-अनुरूप व्यवहार बहुत महत्वपूर्ण हो गया है. एक महीना पहले ही, 13 मार्च को, डीजीसीए ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें एयरलाइन्स को मास्क न पहनने वाले, या ग़लत ढंग से पहनने वालों के लिए, ‘बेलगाम यात्रियों’ के लिए बने प्रोटोकोल का पालन करने की अनुमति दी गई थी- जिसमें नो-फ्लाई लिस्ट में रखे जाने पर, फ्लाइट से उतारना शामिल है.

भारत में, इस मार्च से कोविड मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है. अब भारत ब्राज़ील को पीछे छोड़ते हुए, दुनिया का दूसरा सबसे अधिक प्रभावित देश बन गया है. सोमवार को भारत में कोविड के 1.68 लाख नए मामले, और 904 मौतें दर्ज की गईं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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