नई दिल्ली: दिल्ली गैंगरेप मामले के दोषियों में से एक मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने खारिज कर दी है. यह जानकारी गृहमंत्रालय ने दी है. एमएएचए ने राष्ट्रपति से बातचीत की है जिससे सभी को फांसी होना अब तय होता जा रहा है.
Ministry of Home Affairs (MHA) Sources: One of the convicts of 2012 Delhi gang rape case, Mukesh's mercy plea has been rejected by President Kovind, MHA has received the communication. pic.twitter.com/uwg3PMudG1
— ANI (@ANI) January 17, 2020
वहीं निर्भया की तरफ से वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि वह बहुत खुश हैं कि लड़ाई के करीब पहुंच गई हैं. खुशी की बात है कि राष्ट्रपति ने दया याचिका को खारिज कर दिया है. इसका असर देशभर के ऐसे मामलों पर पड़ेगा.
वहीं फांसी को लेकर चल रही राजनीति और इसको लेकर देरी पर निर्भया की मां ने निराशा जताई है. मामले में मनीष सिसोदिया और प्रकाश जावड़ेकर के बयान पर निर्भया की आशा देवी ने कहा कि जब 2012 में घटना हुई तो इन्हीं लोगों ने हाथ में तिरंगा लिया, खूब नारे लगाए, खूब रैली की लेकिन अब वही लोग एक बच्ची की मौत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं. एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि वह मोदी जी से हाथ जोड़कर कहना चाहती हैं कि 2014 में आपने कहा था बहुत हुआ नारी पर वार अबकी बार मोदी सरकार, प्रधानमंत्री जी एक बच्ची की मौत के साथ मजाक न होने दें. चारों दोषियों को 22 तारीख को फांसी पर लटकाएं और दिखाएं की हम नारी पर अत्याचार नहीं होने देंगे.
गृह मंत्रालय ने अस्वीकार करने की सिफारिश की थी
नयी दिल्ली, 17 जनवरी (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्रालय ने निर्भया मामले के दोषियों में से एक की दया याचिका शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजी. मंत्रालय ने याचिका को अस्वीकार करने की सिफारिश की थी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
निर्भया सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में मौत की सजा पाए चार दोषियों में से एक मुकेश सिंह ने दया याचिका कुछ दिन पहले ही दायर की थी.
एक अधिकारी ने बताया, ‘गृह मंत्रालय ने मुकेश सिंह की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी थी. मंत्रालय ने याचिका को अस्वीकार करने की दिल्ली के उप राज्यपाल की सिफारिश दोहराई है.’
दिल्ली के उप राज्यपाल ने बृहस्पतिवार को मुकेश सिंह की दया याचिका गृह मंत्रालय को भेजी थी. इसके एक दिन पहले दिल्ली सरकार ने याचिका अस्वीकार करने की सिफारिश की थी.
दिल्ली की एक अदालत ने चारों दोषियों.. मुकेश सिंह (32), विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को सुनाई गई मौत की सजा पर अमल का आदेश ‘डेथ वॉरंट’ 7 जनवरी को जारी किया था.
उन्हें 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी होनी है.
हालांकि दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय को बताया कि दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं हो पाएगी क्योंकि मुकेश सिंह ने दया याचिका दायर की है.