scorecardresearch
Monday, 6 May, 2024
होमदेशसिद्धारमैया सरकार का फैसला- कर्नाटक के स्कूलों, कॉलेजों में हर दिन पढ़ी जाएगी संविधान की प्रस्तावना

सिद्धारमैया सरकार का फैसला- कर्नाटक के स्कूलों, कॉलेजों में हर दिन पढ़ी जाएगी संविधान की प्रस्तावना

सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों और शिक्षकों के लिए सुबह की प्रार्थना में संविधान की प्रस्तावना पढ़ना और संवैधानिक सिद्धांतों को अपने जीवन में अपनाने व शामिल करने की शपथ लेना अनिवार्य कर दिया है.

Text Size:

बेंगलुरु (कर्नाटक) : कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने बृहस्पतिवार को फैसला किया है कि वह सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के स्कूलों, कॉलेजों में हर दिन संविधान की प्रस्तावना पढ़ना अनिवार्य बनाएगी.

सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों और शिक्षकों के लिए सुबह की प्रार्थना के दौरान संविधान की प्रस्तावना पढ़ना और संवैधानिक सिद्धांतों को अपने रोजमर्रा के जीवन में अपनाने और शामिल करने की शपथ लेना अनिवार्य कर दिया है.

अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य की विधानसभा, विधान सौधा के करीब शुक्रवार को संविधान की प्रस्तावना के पाठ में हिस्सा लिया.

उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और उनके कैबिनेट के साथी डॉ. जी परमेश्वरा, रामलिंगा रेड्डी, ईश्वर खांडरे, केजी जॉर्ज और कांग्रेस विधायक रिज़वान अरशद भी इस संविधान की प्रस्तावना पाठ में शामिल हुए.

सामाजिक कल्याण मंत्री एचसी महादेवप्पा ने कहा, “नागरिकों को हमारे संविधान में निहित अपने मूल कर्तव्यों का पालन करने की आवश्यकता है. लिहाजा, स्कूलों और कॉलेजों में, बच्चों को संविधान के आदर्शों और सिद्धांतों के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें संवैधानिक जिम्मेदारियों के बारे में सूचित करने के लिए संविधान की प्रस्तावना पढ़ने की व्यवस्था की जा रही है.”

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

महादेवप्पा ने कहा, “संविधान सभी नागरिकों के लिए बीआर अंबेडकर का एक उपहार है. यह निष्पक्षता और समानता पर जोर देने वाली एक पवित्र कानूनी पुस्तक है. इसलिए, प्रस्तावना को पढ़ने के पीछे एक अहम उद्देश्य है. यह हमारे बच्चों को उन बुनियादी सिद्धांतों और विचारों को समझने में मदद करेगा, जिस पर हमारे देश की स्थापना हुई थी.”


यह भी पढ़ें : हमें मोदी की तस्वीरें याद हैं, घोषणा की जानकारी नहीं, G20 तमाशे में भारतीयों के लिए ज्यादा कुछ नहीं


 

share & View comments