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Tuesday, 5 November, 2024
होमदेशकेंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सरकार के खिलाफ कोयला संकट की बात पर राहुल गांधी को 'फर्जी ज्योतिषी' बताया

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सरकार के खिलाफ कोयला संकट की बात पर राहुल गांधी को ‘फर्जी ज्योतिषी’ बताया

भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बारे में अपने आरोपों का खंडन करते हुए, जोशी ने कहा कि केंद्र देश में कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार कई कदम उठा रहा है. भारत का कोयला उत्पादन बढ़कर 777 मीट्रिक टन और वित्तीय वर्ष 2021-22 में 818 मीट्रिक टन हो गया है.

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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को भारत के कोयला संकट पर अपनी हालिया टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला किया और कहा कि वह इन दिनों एक ‘नकली ज्योतिषी’ बन गए हैं.

जोशी ने शुक्रवार को कहा कि राहुल गांधी इन दिनों नकली ज्योतिषी बन गए हैं. देश में कोयले की कमी के कारण क्या होने वाला है, यह बताने के बजाय उन्हें देश को बताना चाहिए कि उनकी सरकार के दौरान कितना बड़ा कोयला घोटाला हुआ और देश को कितना नुकसान हुआ.

गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ’20 अप्रैल, 2022 को मैंने मोदी सरकार से कहा कि नफरत का बुलडोजर चलाना बंद करो और देश में बिजली संयंत्र शुरू करो. आज कोयले और बिजली संकट ने पूरे देश में तबाही मचा दी है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मैं फिर कह रहा हूं – यह संकट छोटे उद्योगों को नष्ट कर देगा, जिससे बेरोजगारी और बढ़ेगी. छोटे बच्चे इस भीषण गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर सकते. अस्पतालों में भर्ती मरीजों की जिंदगी दांव पर है. इससे आर्थिक नुकसान होगा. रेल और मेट्रो सेवाओं में बाधा आएगी.

भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बारे में अपने आरोपों का खंडन करते हुए, जोशी ने कहा कि केंद्र देश में कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार कई कदम उठा रहा है, भारत का कोयला उत्पादन बढ़कर 777 मीट्रिक टन और वित्तीय वर्ष 2021-22 में 818 मीट्रिक टन हो गया है.

जोशी ने आगे कहा, ‘वित्त वर्ष 2013-14 में देश का कोयला उत्पादन सिर्फ 566 मीट्रिक टन था, जबकि मोदी सरकार के तहत यह बढ़कर 777 मीट्रिक टन और वित्त वर्ष 2021-22 में 818 मीट्रिक टन हो गया है. लेकिन राहुल गांधी इन आंकड़ों को नहीं समझते हैं. अगर उन्हें भविष्यवाणियां करने का इतना शौक है, तो उसे कम से कम एक बार अपनी पार्टी का भविष्य बता देना चाहिए!

देश में कोयला संकट के कारण भारत के कई राज्य बिजली कटौती से जूझ रहे हैं. कोयला मंत्रालय ने शुक्रवार को एक साल पहले की अवधि की तुलना में कोल इंडिया लिमिटेड ने अप्रैल 2022 में अपने उत्पादन में 27.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है.

कोयला मंत्रालय ने आगे बताया कि सीआईएल के पास वर्तमान में 56.7 मीट्रिक टन कोयले का भंडार है, जबकि सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) में स्टॉक 4.3 मीट्रिक टन है और कैप्टिव कोयला ब्लॉकों में लगभग 2.3 मीट्रिक टन स्टॉक है.

गर्मी की वजह से अप्रैल में बिजली की मांग बढ़ी है और देश के विभिन्न हिस्सों में लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण आयातित कोयले की कीमतों में भारी वृद्धि और कुछ बिजली संयंत्र अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर रहे हैं, इस समस्या को और बढ़ा दिया गया है.

थर्मल प्लांट के पास कोयले के स्टॉक में गिरावट की खबरों के बीच जोशी ने कहा है कि देश के थर्मल प्लांट में करीब 22 मिलियन टन कोयला है जो 10 दिनों के लिए पर्याप्त है और इसकी भरपाई लगातार की जाएगी.


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