नई दिल्ली : अगले साल यानि 2020 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सूबे में ‘पोस्टर वार’ जारी है. इसी सिलसिले में बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के दफ्तर के बाहर वो पोस्टर लगा दिया गया है जिसके बाद ये ‘युद्ध’ शुरू हुआ था.
ट्वीट में नज़र आ रहे तीसरे नंबर के पोस्टर में नीतीश की पार्टी ने अपने कैम्पेन संदेश में लिखा- ‘क्यों करें विचार, ठीके तो हैं नीतीश कुमार.’ इसके जवाब में राज्य के पूर्व सीएम लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने नारा दिया- ‘क्यों न करें विचार, गड़बड़ हैं नीतीश कुमार.’
Bihar: New poster (pic 1) of Janata Dal (United) seen outside its office in Patna following controversy over its previous poster (pic 3). RJD also releases a new poster in response (pic 2), picture 4 being the poster it released earlier. pic.twitter.com/eUWrornAnw
— ANI (@ANI) September 8, 2019
आरजेडी ने तो नीतीश के ख़िलाफ़ विचार किए जाने से जुड़ी पूरी कविता लिख दी थी जिसे आप दूसरी तस्वीर में देख सकते हैं. हालांकि, अपने इस पोस्टर कैंपेन से कदम पीछे न खींचते हुए नीतीश की पार्टी ने पोस्टर को सीधे अपने पटना मुख्यालय पर लगवा दिया.
इसके बाद आरजेडी ने भी नया पोस्टर जारी किया हैं जिसमें लिखा है- ‘क्यों न करें विचार, बिहार जो है बीमार.’ आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में जेडीयू और आरजेडी ने महागठबंधन के बैनर तले साथ चुनाव लड़ा था और इस महागठबंधन का हिस्सा कांग्रेस भी थी.
243 विधानसभा सीटों वाले बिहार में उस चुनाव के बाद लालू यादव की पार्टी 81 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. 70 सीटों के साथ नीतीश की जदयू दूसरे और 53 सीटों के साथ भाजपा तीसरे नंबर पर थी, वहीं कांग्रेस को कुल 27 सीटें मिली थीं. जीत के बाद महागठबंधन ने नीतीश कुमार आपना सीएम बनाया था.
लेकिन 2017 के मध्य में ये गठबंधन टूट गया. दरअसल, लालू यदाव के परिवार पर लगे कथित घोटाले के आरोपों के बाद नीतीश ने महागठबंधन से नाता तोड़ लिया. इसके बाद उन्होंने एक बार फिर से भाजपा के साथ मिलकर एनडीए के बैनर तले सरकार बना ली.
हालांकि, 2019 आम चुनाव के बाद एनडीए के इन सहयोगियों के बीच फिर से खटास आ गई है. दरअसल, 16 लोकसभा सीटें जीतने वाले नीतीश कुमार दो मंत्रालयों की मांग कर रहे थे जबकि भाजपा बाकी सहयोगी पार्टियों की तरह इन्हें भी महज़ एक मंत्रलाय देने पर अड़ी रही, जिसके बाद नीतीश ने ऐलान किया कि एनडीए का हिस्सा रहेंगे लेकिन सरकार में शामिल नहीं होंगे.
इसके बाद से राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम तरह की अटकलें जारी हैं और देखने वाली बात होगी कि इस चुनाव में गठबंधन का ऊंट किस करवट बैठता है. फिलहाल तो मामला पोस्टर तक ही सीमित नज़र आ रहा है.