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Tuesday, 17 December, 2024
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छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही कोरोना की भेंट चढ़ी, भाजपा विधायकों ने किया जोरदार विरोध

विधानसभा सत्र स्थगन के बाद सदन के बाहर विपक्ष ने सत्तापक्ष के प्रस्ताव पर प्रश्नकाल स्थगित किए जाने को संसदीय इतिहास का काला दिन बताया.

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रायपुर : कोरोनावायरस का कोहराम एक ओर जहां मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ दल के लिए एक वरदान साबित होते दिखा तो वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार के लिए भाजपा विधायकों के पुरजोर विरोध के बीच यह बजट सत्र स्थगित करने का एक अहम कारण बन गया.

सोमवार को सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होते ही स्वास्थ्य एवं संसदीय कार्यमंत्री टीएस सिंह देव द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण के बचाव के मद्देनजर सत्र का स्थगन प्रस्ताव लाया गया. प्रश्नकाल के दौरान अचानक सरकार द्वारा लाये गए स्थगन प्रस्ताव से नाराज भाजपा विधायकों ने उसका जोरदार विरोध किया. भाजपा विधायकों ने अध्यक्ष से प्रश्नकाल को विधिवत सम्पन्न कराने के बाद कोरोना को लेकर चर्चा कराने की मांग की.

पार्टी के विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि प्रश्नकाल के स्थगन की सदन में गलत परंपरा की शुरुआत हो रही है. वहीं भाजपा के ही दूसरे विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा कि संसदीय कार्य मंत्री द्वारा सारी परंपराओं को तोड़ा जा रहा है. वहीं छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के विधायक धर्मजीत सिंह ने आरोप लगाया कि अफसरों में से किसी ने मास्क नहीं लगाया जो साबित करता है कि वे कोरोना को लेकर जरा भी गंभीर नहीं हैं.

लेकिन सत्तापक्ष पर इसका कोई असर नहीं हुआ. विपक्ष के हंगामे के बीच अध्यक्ष ने कई बार उन्हें शांत कराने का प्रयास किया गया. लेकिन भाजपा विधायक भी अपने इरादों में अटल नजर आए. जेसीसीजे विधायकों के हंगामे से सदन की कार्यवाही निरंतर बाधित होते देख अध्यक्ष ने पहले प्रश्नकाल को 12 बजे तक स्थगित कर दिया. लेकिन विपक्षी विधायक इसके बावजूद भी सदन से अंदर ही बैठे रहे.

दोपहर 12 बजे सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो अध्यक्ष ने 25 मार्च तक सदन स्थगित करने की घोषणा कर दी. अध्यक्ष के इस फैसले से नाराज भाजपा विधायकों ने कार्यसूची फाड़कर स्पीकर की ओर फेंका और गर्भगृह में धरने पर बैठ गए. भाजपा विधायकों के विरोध के समर्थन में अजीत जोगी की जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसीजे) के सदस्य भी सदन में ही जमे रहे. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल, पुन्नूलाल मोहले, शिवरतन शर्मा, अजय चंद्राकर, कृष्णमूर्ति बांधी, सौरभ सिंह, रंजना साहू, रजनीश सिंह के साथ जोगी कांग्रेस के विधायक भी मौजूद रहे.


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विधानसभा सत्र स्थगन के बाद सदन के बाहर विपक्ष ने सत्तापक्ष के प्रस्ताव पर प्रश्नकाल स्थगित किए जाने को संसदीय इतिहास का काला दिन बताया. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक समेत भाजपा के विधायकों ने कहा कि सरकार के इस कार्यवाही में विधानसभा अध्यक्ष की पूर्ण सहभागिता थी जिसका विपक्ष को खेद है.

अजीत जोगी का कहना था कि जब देश की संसद चल रही है, मध्यप्रदेश की विधानसभा भी चल रही है तो यहां सदन चलाने में क्या हर्ज है. सरकार का बचाव करते हुए संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क देशों के प्रमुखों से कोरोना को लेकर बात कर रहें है वहीं सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित मंत्रिमंडल के सभी सदस्य मास्क लगाकर विधानसभा पहुंचे थे. चौबे ने कहा सरकार ने तीन दिन पहले ही 25 मार्च तक विधानसभा स्थगित करने की घोषणा की थी और केंद्र सरकार बार-बार एडवाइजरी जारी कर रही है. संसदीय कार्यमंत्री ने आगे कहा कि स्वास्थ्य मंत्री द्वारा सदन की कार्यवाही स्थगित करने के प्रस्ताव का हम समर्थन करते हैं, उसे स्वीकार किया जाना चाहिए.’

स्पीकर के खिलाफ विपक्ष ने दिया अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस

विपक्ष के हंगामें के बीच छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत द्वारा सदन में प्रश्नकाल की जगह कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए सरकार द्वारा लाये गए सत्र स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार कर 25 मार्च तक के लिए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित किये जाने से नाराज विपक्ष ने सोमवार को महंत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे दिया. हालांकि की इस प्रस्ताव से सत्तारूढ़ दल और विधानसभा अध्यक्ष को किसी प्रकार का विशेष नुकसान होने की उम्मीद नही है लेकिन छत्तीसगढ़ के संसदीय कार्यप्रणाली के लिए विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एक अभूतपूर्व घटना है.

विधानसभा स्थगन प्रस्ताव पारित होने के बाद नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि उनके द्वारा लिया गया फैसला सरकार के हित में है. कौशिक का कहना था स्पीकर का सदन के अंदर व्यवहार इरादतन सरकार को फायदे वाला था. कौशिक ने आरोप लगते हुए कहा, ‘सोमवार का दिन छत्तीसगढ़ के संसदीय प्रणाली के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में लिया जाएगा. कौशिक ने बताया कि हमने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा सचिव को दे दिया है. जब समय मिलेगा विपक्ष के प्रस्ताव पर चर्च होगी.’

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