scorecardresearch
Tuesday, 21 January, 2025
होमदेशराजनीतिक दलों को सांसदों के लिए आचार संहिता बनानी चाहिए: ओम बिरला

राजनीतिक दलों को सांसदों के लिए आचार संहिता बनानी चाहिए: ओम बिरला

बिरला ने कहा, ‘सभी राजनीतिक दलों को विधायी निकायों की गरिमा बनाए रखने में सहयोग करना चाहिए. यह तभी संभव होगा जब राजनीतिक दलों के पास अपने सांसदों के लिए आचार संहिता होगी.’

Text Size:

पटना: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि राजनीतिक दलों को अपने सांसदों के लिए आचार संहिता बनानी चाहिए ताकि विधायी निकायों की गरिमा बनी रहे.

बिरला ने यहां आयोजित 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि इस दो दिवसीय विचार-विमर्श के बाद पीठासीन अधिकारियों ने विधायी निकायों को बहस और चर्चा का केंद्र बिंदु बनाने का संकल्प लिया है.

उन्होंने कहा, ‘‘सभी राजनीतिक दलों को विधायी निकायों की गरिमा बनाए रखने में सहयोग करना चाहिए. यह तभी संभव होगा जब राजनीतिक दलों के पास अपने सांसदों के लिए आचार संहिता होगी.’’

बिरला की टिप्पणी कई विधायी निकायों में बार-बार होने वाले व्यवधानों की पृष्ठभूमि में आई है.

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि पीठासीन अधिकारियों ने तकनीकों का उपयोग करके विधायी निकायों के कामकाज में अधिक दक्षता लाने का भी संकल्प लिया है.

बिरला ने कहा कि संसद जल्द ही 1947 से आज तक की संसदीय चर्चाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता प्राप्त 22 भाषाओं में उपलब्ध कराएगी.

उन्होंने कहा कि सभी विधानसभाओं को 1947 से आज तक की चर्चाओं को हिंदी और अंग्रेज़ी में उपलब्ध कराने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने इसके लिए संसदीय सचिवालय से तकनीकी सहायता प्रदान करने की पेशकश की.

सम्मेलन के समापन सत्र में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह एवं अन्य लोग शामिल हुए.

share & View comments