नजफगढ़: हरियाणा सरकार एक के बाद एक दिल्ली से सटी अपनी सीमाएं सील कर रही है. दरअसल, दिल्ली एनसीआर से सटे हरियाणा राज्य में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज एनसीआर वाले जिलों में सामने आए हैं. इस बीच हरियाणा के गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बयान दिया है कि दिल्ली सरकार रोजाना अप डाउन कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों, पुलिस कर्मियों और सरकारी कर्मचारियों के रहने की व्यवस्था दिल्ली में ही करे. उन्होंने कहा कि दिल्ली से कोरोना कैरियर हरियाणा में ये ‘कोरोना कैरियर’ बनकर वायरस फैला रहे हैं.
अनिल विज के इस बयान के बाद सोनीपत, फ़रीदाबाद, गुरुग्राम और बहादुर गढ़ की सीमाओं को सील कर दिया गया है. मंगलवार को बहादुर गढ़- दिल्ली बोर्डर के गांवों की सड़कों पर हरियाणा पुलिस ने जेसीबी से खाई भी बना दी हैं. क्योंकि लोग हाइवे से आने-जाने की बजाय इन रास्तों के जरिए अप डाउन कर रहे थे.
दिल्ली-हरियाणा के बॉर्डर को सील करने को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस बावत बात की है और कहा है कि हम और ‘जोखिम’ नहीं उठा सकते हैं, उन्होंने केजरीवाल को यह भी कहा है कि सूबे में 28 केस ऐसे हैं जो दिल्ली के लोगों से सपंर्क में आने के बाद हरियाणा में आए हैं. प्रतिदिन इस राज्य से उस राज्य आने-जाने वालों पर सख्ती की जाए औ उन्हें दिल्ली में ही रोका जाए.’ जिसके बाद से ही हरियाणा और दिल्ली बॉर्डर को सील किए जाने का सिलसिला शुरू हो चुका है.
सोशल मीडिया पर इसका समर्थन भी हो रहा है तो विरोध भी. ट्विटर पर कैर गांव के निवासी नितिन सहरावत ने लिखा, ‘हरियाणा पुलिस ने उनके गांव की नई बनी सड़क भी खोद डाली है.’
दिप्रिंट ने इन गांवों का दौरा किया तो पाया कि पक्की सड़कों के साथ-साथ कच्ची सड़कों पर भी जगह-जगह खाई बना दी हैं. कैर गांव हरियाणा और दिल्ली को जोड़ता है. इस गांव के आसपास चार-पांच जगहों पर जेसीबी से खाई बना दी गई है. रोज दिल्ली किसी न किसी काम से आने वाले लोगों ने खाली हो चुके खेतों को रास्ता बनाना शुरू कर दिया.
@kgahlot @rohitaapsharma @poonamgaurNBT @rohitgahlot55 @ManchNajafgarh
Dear Sir see what haryana police is doing they dig the road connecting kair village to Sidipur Lowa …
these roads are built after putting great efforts from delhi government and they damaged it so easily.. pic.twitter.com/ctECSdsUCM— Nitin Sehrawat (@nitinsehrawat9) April 28, 2020
एक तरफ हरियाणा पुलिस को लेकर दिल्ली के गांवों में नाराज़गी है तो दूसरी ओर हरियाणा के गांववाले इस फैसले के समर्थन में भी हैं.
दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर ही खरक गांव निवासी मनोज कुमार ने बताया, ‘दिल्ली में नौकरी कर रहे लोग रात- बेरात वापस लौटते हैं. उनको दिल्ली में रुकना चाहिए. मंगलवार को जबसे हरियाणा पुलिस ने ये खाई खोदी हैं तबसे गाड़ियां कम हो गई हैं. ट्रैक्टर वाले खेतों से निकल जाते हैं.’
सड़क क्यों खोदी- बैरिकेटिंग भी तो कर सकते थे
लेकिन कैर गांव के नितिन सहरावत का मानना है, ‘दिल्ली पुलिस की तरह बैरिकेडिंग भी कर सकती थी. सड़कों को उखाड़ने (खोदने) का क्या मतलब था. ये एक बेवकूफाना हरकत है. अब हम किसी इमरजेंसी में फंस गए तो कैसे जाएंगे. जो एक रास्ता बचा है वो बहुत लंबा है और शहर तक पहुंचने में काफी वक्त लगता है. मेरी बीवी नौ महीने से पेट से हैं अगर मुझे उनको लेकर जाना पड़ेगा तो मैं क्या करूंगा. कच्चे रास्तों को भी नहीं छोड़ा है.’
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ग़ौरतलब है कि हरियाणा का झज्जर जिला अभी भी हॉटस्पॉट बना हुआ है. बुधवार को यहां 12 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं. इन सारे केसों का दिल्ली से कनेक्शन हैं क्योंकि कुल 18 केसों में से 12 आजादपुर मंडी से जुड़े हुए हैं. कोई सब्जी बेचने वाले हैं तो कोई मजदूर. यही कारण है कि हरियाणावासी पुलिस के साथ खड़े नजर आ रहे हैं. दूधिये और सब्जी वाले जैसे तैसे नए कच्चे रास्तों के जरिए गांवों तक पहुंच रहे हैं.
बता दें कि शुक्रवार को हरियाणा में कोरोना संक्रमितों की संख्या 313 हो गई है वहीं 3 लोगों की मौत हो चुकी है.
दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर बने एक नाके पर तैनात हरियाणा पुलिस के जवान ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया, ‘जो लोग हाइवे से नहीं आ सकते वो शॉर्ट कट रास्तों के जरिए इन गांवों से होते हुए आवाजाही कर रहे थे. कोई रिश्तेदारी में जाने का बहाना लगाकर तो कोई प्रेग्नेंट बीवी या बीमार मां-बाप का बहाना बनाकर. कितनों को रोकने की कोशिश करें. इसलिए मंगलवार को जेसीबी बुलाकर ये खाई खुदाई गई हैं. दिल्ली के गांव के लोग स्वार्थी होकर बात कर रहे हैं. इस वजह से दिल्ली से कोरोना हरियाणा में भी फैल जाएगा.’
स्वास्थ्य, मीडिया और पुलिस वाले भी हुए परेशान
मंगलवार के बाद से दिल्ली से आने वाले सभी स्वास्थ्यकर्मियों, मीडियाकर्मियों और पुलिस में तैनात लोगों को भी पास की जरूरत पड़ रही है और उनकी आवाजाही पर भी नजर रखी जा रही है.
दिल्ली पुलिस में काम करने वाले एसआई बताते हैं, मंगलवार से हमें भी नहीं जाने दिया जा रहा है. टिकरी बोर्ड पर भी गड्ढे बनाए गए हैं. दिल्ली पुलिस को बिलकुल नहीं जाने दे रहे हैं. हमारे भी परिवार हैं और मजदूरों की तरह हमारा भी ड्यूटी के बाद घर जाने को दिल करता है. गुरुग्राम में पोस्टेड मेरे कई साथी बता रहे हैं कि उधर भी कई जगह सड़कों का ये ही हाल कर दिया गया है. अब दिल्ली सरकार हमारे रहने का इंतजाम कर रही है.’
दिप्रिंट ने इस मामले को लेकर झज्जर एसएसपी अशोक कुमार सें संपर्क करने की कोशिश की लेकिन रिपोर्ट छपने तक कोई जवाब नहीं आया है. हालांकि हरियाणा सरकार में कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार की तरफ से सड़कों पर गड्ढे खोदने का कोई ऑर्डर नहीं आया है. कन्टेनमेंट जोन्स में आवाजाही पर सख्ती बरतने के लिए जरूर कहा गया है.
Mera naam pankaj hai hariyana sarkar jo kar rahi hai wo sahi hai but jo lag delhi mai kaam kar k aapn ghr chala rahe hai ab un ki nokri jane ka bhi dar shata raha hai kyo ki delhi sarkar ne kaam kaj chalu kar diya hai or jo lag delhi mai kaam kar k apne pariwar ka pet pal rahe the ab wo kya kare ? Hariyana sarkar un ko border par nhi karne De rahi hai kam se kam jis insan k pass company ka I card hai un ko to jane de
Mera naam pankaj hai hariyana sarkar jo kar rahi hai wo sahi hai but jo lag delhi mai kaam kar k aapn ghr chala rahe hai ab un ki nokri jane ka bhi dar shata raha hai kyo ki delhi sarkar ne kaam kaj chalu kar diya hai or jo lag delhi mai kaam kar k apne pariwar ka pet pal rahe the ab wo kya kare ? Hariyana sarkar un ko border par nhi karne De rahi hai kam se kam jis insan k pass company ka I card hai un ko to jane de……..?…
hariyana sarkar jo kar rahi hai wo sahi hai but jo lag delhi mai kaam kar k aapn ghr chala rahe hai ab un ki nokri jane ka bhi dar shata raha hai kyo ki delhi sarkar ne kaam kaj chalu kar diya hai or jo lag delhi mai kaam kar k apne pariwar ka pet pal rahe the ab wo kya kare ? Hariyana sarkar un ko border par nhi karne De rahi hai kam se kam jis insan k pass company ka I card hai un ko to jane de……..?…