नई दिल्ली: पिछले महीने एक के बाद एक हुई नियुक्तियों के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में आईएफएस अधिकारियों की संख्या सात हो गई है, जो आमतौर पर 3-4 रहा करती थी. दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विदेश नीति पर फोकस ने व्यवस्था में राजनयिकों की भूमिका को महत्वपूर्ण बना दिया है.
24 नवंबर के एक आदेश में जहां एक तरफ पीएमओ ने तीन नए आईएफएस अधिकारियों को शामिल किया है, वहीं मौजूदा समय में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत एक अधिकारी का कार्यकाल भी बढ़ाया है.
मोदी के पीएमओ में काम कर चुके एक वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी ने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा, ‘मनमोहन सिंह के पीएमओ में भी पांच आईएफएस अधिकारी थे. यह कोई नई बात नहीं है. लेकिन विदेश नीति में इस सरकार की भागीदारी कई गुना बढ़ गई है. इसमें आने वाले G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी को जोड़ दें तो PMO में अधिक आईएफएस अधिकारियों की नियुक्ति तार्किक ही लगती है’. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पीएमओ में विदेश सेवा के अधिकारियों की संख्या विदेश नीति को दिए जाने वाले महत्व का पैमाना नहीं है.
लेकिन सरकारी सूत्रों की मानें तो पीएमओ में आईएफएस अधिकारियों की संख्या घटकर पांच हो सकती है क्योंकि दो अधिकारी, जो प्रतिनियुक्ति पर हैं, विदेश मंत्रालय में वापस जा सकते हैं.
नए शामिल हुए चेहरे
पीएमओ में शामिल किए गए तीन लोगों में 1998 बैच के अधिकारी दीपक मित्तल को स्पेशल ड्यूटी ऑफिसर (OSD) के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि 1999 बैच के रुद्र गौरव श्रेष्ठ का कार्यकाल फरवरी 2023 तक दो महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. दिप्रिंट को पता चला है कि मित्तल, श्रेष्ठ की जगह ले सकते हैं.
2013 बैच के अधिकारी विपिन कुमार को उप सचिव नियुक्त किया गया है, जबकि 2014 बैच की निधि तिवारी को पीएमओ में अवर सचिव बनाया गया है.
PMO में पहले से ही चार IFS अधिकारी – रुद्र गौरव श्रेष्ठ, संयुक्त सचिव, पीएम मोदी के निजी सचिव विवेक कुमार और निदेशक स्तर के अधिकारी यादव मनहरसिंह लक्ष्मणभाई, और श्वेता सिंह- प्रतिनियुक्ति पर हैं.
विवेक कुमार गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हार्दिक सतीशचंद्र शाह के साथ पीएम के दो निजी सचिवों में से एक हैं. उपरोक्त उद्धृत वरिष्ठ IFS अधिकारी ने बताया, ‘सालों से एक अनकहा नियम रहा है कि प्रधानमंत्री के पास दो निजी सचिव होंगे यानी एक IFS अधिकारी और एक IAS अधिकारी.’
दिप्रिंट से बात करते हुए 1985 बैच के IFS अधिकारी सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ‘आमतौर पर PMO में तीन से चार आईएफएस अधिकारी होते हैं, लेकिन विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय मामलों पर मौजूदा फोकस और भारत के जी20 की अध्यक्षता संभालने को देखते हुए, पीएमओ ने अधिक विदेश सेवा अधिकारियों को शामिल करने का फैसला किया होगा.’ अकबरुद्दीन संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में सेवानिवृत्त हुए हैं.
विदेश नीति पर पीएम का फोकस
यूएनजीए में मोदी का संबोधन और सितंबर 2014 में न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन में उनका भाषण विदेश नीति पर तेजी से आगे बढ़ने का संकेत था. इस फोकस को जारी रखते हुए, मोदी ने पूर्व विदेश सचिव एस जयशंकर को 2019 में विदेश मंत्री के रूप में अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था. जयशंकर 2018 में सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे.
पिछले आठ सालों में भारत ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का स्वागत किया है. देश ने 2021 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेजबानी की और अब इस साल G20 की अध्यक्षता का करने का भी मौका मिला है.
भारत इस साल एक दिसंबर से 30 नवंबर, 2023 तक जी20 की अध्यक्षता करेगा. जी20 में अब तक के सबसे बड़े प्रतिनिधिमंडल के 43 प्रमुख अगले साल सितंबर में नई दिल्ली में आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे.
भारत 2023 में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन की मेजबानी भी करेगा.
(अनुवाद: संघप्रिया मौर्या | संपादन: ऋषभ राज)
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