नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए वित्त वर्ष 2020-21 के बजट को महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा, ‘मैं इस दशक के पहले बजट के लिए, जिसमें विजन भी है, एक्शन भी है, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं.’
उन्होंने कहा, ‘बजट में जिन नए रीफॉर्म्स का ऐलान किया गया है, वो हमारी अर्थव्यवस्था को गति देने, देश के प्रत्येक नागरिक को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और इस दशक में अर्थव्यवस्था की नींव को मजबूत करने का काम करेंगे.’
मोदी ने कहा, ‘रोजगार के प्रमुख क्षेत्र होते हैं, एग्रीकल्चर, इंफास्ट्रक्चर, टेक्सटाइल और टेक्नोलॉजी. इम्प्लॉयमेंट जनरेशन को बढ़ाने के लिए इन चारों बिंदुओं पर इस बजट में बहुत जोर दिया गया है.’
उन्होंने कहा, ‘किसान की आय दोगुनी हो, इसके प्रयासों के साथ ही, 16 एक्शन प्वाइंट्स बनाए गए हैं जो ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार को बढ़ाने का काम करेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘बजट में कृषि क्षेत्र के लिए समग्रता अपनाई गई, जिससे परंपरागत तौर तरीकों के साथ ही हॉर्टिकल्चर, फिशरीज, एनीमल हस्बेंड्री में वैल्यू एडिशन बढेगा और इससे भी रोजगार बढ़ेगा.’
मोदी ने कहा, ‘आयुष्मान भारत योजना ने देश के हेल्थ सेक्टर को नया विस्तार दिया है. इस सेक्टर में मानव संसाधन- डॉक्टर, नर्स, अटेनडेंट के साथ ही मेडिकल डिवाइस मैन्यूफैक्चरिंग का बहुत स्कोप बना है. इसे बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा नए निर्णय लिए गए हैं. टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में रोज़गार बढ़ाने के लिए इस बजट में हमने कई प्रयास किए हैं.’
उन्होंने कहा, ‘नए स्मार्ट सिटीज, इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग, डेटा सेंटर पार्क्स, बायो टेक्नोलॉजी और क्वांटम टेक्नोलॉजी, जैसे क्षेत्रों के लिए अनेक पॉलिसी बनाई गई हैं.’
मोदी ने कहा, ‘स्टार्ट अप्स और रीयल एस्टेट के लिए भी टैक्स बेनिफिट्स दिए गए हैं. ये सभी फैसले अर्थव्यवस्था को तेज गति से बढ़ाने और इसके जरिए युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएंगे. अब हम इनकम टैक्स की व्यवस्था में, विवाद से विश्वास के सफर पर चल पड़े हैं. आज सरकारी नौकरी के लिए युवाओं को कई अलग-अलग परीक्षाएं देनी होती हैं.’
‘इस व्यवस्था को बदलकर, अब नेशनल रिक्रूटमेंट एजेंसी द्वारा लिए गए ऑनलाइन कॉमन एक्जाम के माध्यम से नियुक्तियां की जाएंगी.’
‘उन्होंने कहा, ‘मुझे पूर्ण विश्वास है कि ये बजट इनकम और इन्वेस्टमेंट को बढ़ाएगा. ये बजट देश की वर्तमान आवश्यकताओं के साथ ही इस दशक में भविष्य की अपेक्षाओं की पूर्ति करेगा.’