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Thursday, 21 November, 2024
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मेरा बूथ सबसे मजबूत में पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना, ‘महागठबंधन नहीं महाविलावट’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यकर्ताओं मे जोश भरते हुए कहा कि देश की सुरक्षा और सामर्थ्य का संकल्प लेकर हमारा जवान सीमा पर डटा है.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ के तहत देशभर में मौजूद भाजपा कार्यकर्ताओं से बात कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने ‘नमो एप’ के जरिए कार्यकर्ताओं से कहा कि आओ देश की प्रगति पथ पर आगे बढ़ें. उन्होंने कहा कि नई रीति और नई नीति के साथ देश अपनी क्षमताओं का विस्तार करने में जुटा है.

‘भारत के युवाओं में कुछ कर गुजरने का विश्वास और जोश भरा हुआ है.अब उनके लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है. देश के किसान से लेकर देश के जवान तक सभी को ये विश्वास मिला है कि नामुमकिन अब मुमकिन है.’

पीएम ने अपने भाषण के शुरुआत में एक कविता पढ़ी जिसमें उन्होंने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए इशारा किया जिंदगी एक ही बार मिलती है

इंडिया विल लिव एज वन
इंडिया विल वर्क एज वन
इंडिया विल ग्रो एज वन
इंडिया विल फाइन एज वन
इंडिया विल विन एज वन

पीएम ने कहा,’इस समय देश की भावनाएं एक अलग स्तर पर हैं. देश का वीर जवान सीमा पर और सीमा के पार भी अपना पराक्रम दिखा रहा है. पूरा देश एक है और जवानों के साथ खड़ा है. दुनिया हमारी इच्छा शक्ति को देख रही है.’
उन्होंने कार्यकर्ताओं मे जोश भरते हुए कहा, ‘देश की सुरक्षा और सामर्थ्य का संकल्प लेकर हमारा जवान सीमा पर डटा है. हम सब पराक्रमी भारत के नागरिक है, इसलिए हम सबको भी देश की समृद्धि और सम्मान के लिए दिन रात एक करना होगा. भारत को अस्थिर करने के लिए आतंकी हमले के साथ-साथ दुश्मनों का एक मकसद ये भी होता है कि हमारी प्रगति रुक जाए हमारी गति रुक जाए हमारा देश थम जाए उनके इस मकसद के सामने हर भारतीय को दीवार बन कर के खड़ा होना है.’

भाजपा का महासंवाद कार्यक्रम दिल्ली मुख्यालय से आयोजित किया जा रहा है. उन्होंने सबसे पहले उत्तर पूर्व भारत में अगरतला से संवाद किया, जहां सबसे पहले महिला कार्यकर्ता रजनी बेन ने बात की.

पीएम ने कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए कह रहे हैं:

-पीएम ने कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों से बात करते हुए कहा, ‘लोकतंत्र का मूलमंत्र है सत्ता और विपक्ष के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा. इसका पहला पाठ हम अपनी पार्टी के भीतर ही सीखते हैं. ऐसे में सभी बूथ कार्यकर्ताओं के बीच भी एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए.’

-पीएम मोदी लगातार देशभर के कार्यकर्ताओं के सवालों का जवाब दे रहे हैं. उन्होंने एक कार्यकर्ता से बात करते हुए कहा, ‘2014 से 2019 का समय आवश्यकताओं को पूरा करने का था, जबकि 2019 से 2024 का समय आकांक्षाओं की पूर्ति करने का समय है. 2014 से 2019 बुनियादी जरूरतों को हर घर पहुंचाने का समय था, जबकि 2019 से 2024 का समय तेज उन्नति के लिए उड़ान भरना होगा.’

-पीएम जमशेदपुर झारखंड के एक कार्यकर्ता के सवाल के जवाब में कहा, ‘मैं स्पष्ट कहता हूं कि 2014 का चुनाव देश की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मिला जनमत था और 2019 का चुनाव भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए मिलने वाला जनमत होगा.’

पीएम से आज देशभर के कार्यकर्ता एक साथ एक समय में बात कर रहे हैं. पीएम ने कहा कि

-‘आने वाला चुनाव दो राजनीतिक संस्कृतियों के बीच का है. एक संस्कृति भाजपा की है, जहां हर काम लोकतांत्रिक तरीके से होता है. दूसरी संस्कृति कांग्रेस समेत अन्य दलों की है, जहां हर काम वंशवाद के आधार पर तय होता है.

-हमारी पार्टी एक कैडर बेस्ड पार्टी है, इसलिए पार्टी और सरकार दोनों के लिए कार्यकर्ताओं का फीडबैक बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसी के आधार पर सरकारी योजनाओं को जमीन पर साकार करना भी आसान होता है, जो हम मौजूदा कार्यकाल में लगातार करते आए हैं.

-कॉन्फिडेंस मेरे स्वाभाव का हिस्सा है. आपको बताना चाहूंगा कि मीडिया का हमारे लिए एक सुनिश्चित चक्र है. जो समय समय पर हमारे लिए भविष्यवाणी करता है. चुनाव से पहले मीडिया कहती है कि भाजपा के लिए यह चुनौती है, लेकिन हमें भी मीडिया को कोसने से ज्यादा इसे चुनौती के रुप में स्वीकार करना चाहिए.

-प्रधानमंत्री से संवाद के दौरान पश्चिम बंगाल के एक कार्यकर्ता ने उनकी दृढ़ इच्छा शक्ति के बारे में पूछा तो उन्होंने भी अपने जाने पहचाने अंदाज में कहा ‘कॉन्फिडेंस मेरे स्वाभाव का हिस्सा है, वहीं उन्होंने महागठबंधन और विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा, ‘ये महागठबंधन नहीं, महामिलावट है.

-खुद का अस्तित्व बचने के लिए कांग्रेस छोटे-छोटे दलों का सहारा ढूंढ रही है. छोटे-छोटे दलों की बिखरी हुई ताकत के भरोसे वो फिर से अपनी जिंदगी ढूंढ रही है. ये मिलावट सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि कांग्रेस को जीवित रखने के लिए हो रही है.’

-‘इस महा मिलावट का हिस्सा कौन हैं? वो लोग जो कभी एक दूसरे की आंख से आंख नहीं मिलाते थे और आज वे एक दूसरे के साथ मंच साझा कर रहे हैं, गले मिल रहे हैं .

वहीं उन्होंने कार्यकर्ताओं को अगाह भी किया और कहा कि विपक्ष आपको नकारात्मक दिशा की ओर ले जाने की कोशिश करेगा, लेकिन आपको उनके बहकावे में नहीं आना है. हमेशा सकारात्मक बातें ही करें. हमारे पास सकारात्मक बातें करने के लिए बहुत कुछ है.

-जब दुश्मन भारत पर आतंकी हमला करता है, तो उसका एक मकसद यह भी होता है कि हमारी गति और प्रगति रुक जाए. उसके इस मकसद के सामने हमें दीवार बनकर दिखा देना है कि न ये देश रुकेगा, न ही देश की प्रगति थमेगी.

-इस बार कुम्भ की स्वच्छता को लेकर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है. जब मैं वहां गया तो मेरा मन हुआ कि जिन सफाई कामगारों ने कुम्भ को ऐतिहासिक बना दिया, मैं भी उनके पैर धोकर सम्मान करूं, इसलिए मैंने ऐसा किया और ये हमारे संस्कार है.

-मन में इच्छा शक्ति हो, दृढ़ संकल्प हो, कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है. जब सरकार के लिए जन-जन का महत्त्व हो, जन सहभागिता को प्राथमिकता मिलती हो, तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है.

पीएम ने इसके साथ अपने बूथ कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कार्यक्रम का अंत भी एक कविता से किया.

देश चल पड़ा है प्रगति पथ पर बस यूं ही चलते रहना है
बहुत कुछ मजबूत किया है बहुत कुछ मजबूत करना है
तो आओ अब ये ठान लें ये बात गांठ बांध लें
बड़ी मुश्किल से घूमा है प्रगति का पहिया
प्रगति के इस पहिए को अब रुकने नहीं देंगे

पीएम मोदी के साथ इस समय भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद हैं.

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