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Tuesday, 21 May, 2024
होमदेशनेहरू ने कहा था- हिंदू शरणार्थियों और मुस्लिम इमिग्रेंट्स के बीच फर्क करना जरूरी, तो क्या वे सांप्रदायिक थे: मोदी

नेहरू ने कहा था- हिंदू शरणार्थियों और मुस्लिम इमिग्रेंट्स के बीच फर्क करना जरूरी, तो क्या वे सांप्रदायिक थे: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में ही कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि महात्मा गांधी आपके लिए ट्रेलर हो सकते हैं लेकिन हमारे लिए वो जिंदगी हैं.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में राष्ट्रपति द्वारा दिए गए अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उन्होंने हमारी सरकार का नए दशक के लिए विज़न, दिशा देने वाला, प्रेरणा देने वाला और विश्वास पैदा करने वाला अभिभाषण पढ़ा है. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत में ही कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि महात्मा गांधी आपके लिए ट्रेलर हो सकते हैं लेकिन हमारे लिए वो जिंदगी हैं.

लगभग दो घंटे तक चले अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार द्वारा किए गए कामों को दोहराया और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने हिंदी के प्रसिद्ध कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की कविता का एक हिस्सा पढ़ा – ‘लीक पर वो चले जिनके चरण दुर्बल और हारे हैं, हमें तो हमारी यात्रा से बने ऐसे अनिर्मित पंथ ही प्यारे हैं.

मोदी ने लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो भाषण भी देते हैं और जिम भी करते हैं. मोदी ने कहा कि उनके द्वारा फिट इंडिया मूवमेंट का प्रचार प्रसार करने के लिए बधाई.

लोगों ने सरकार के साथ सरोकार भी बदले हैं

मोदी ने कहा कि लोगों ने केवल सरकार बदली है ऐसा नहीं है बल्कि सरोकार भी बदले हैं. अगर हम उसी रास्ते से चलते जिसकी आप लोगों को (कांग्रेस) आदत हो गई थी तब शायद 70 सालों के बाद भी अनुच्छेद 370 नहीं हटता. आप के ही तरीकों से चलते तो तीन तलाक की तलवार आज भी डराती रहती. नाबालिग से रेप के मामले में फांसी की सजा नहीं होती. राम जन्मभूमि आज भी विवादों में रहता. आप ही के तरीके होते तो भारत-बांग्लादेश सीमा विवाद कभी नहीं सुलझता.

उन्होंने कहा, अगर हम चुनौतियों को चुनौती नहीं देते तो देश को लंबे समय तक समस्याओं से जूझना पड़ता. अगर हम कांग्रेस के रास्ते चलते तो 28 सालों बाद भी बेनामी संपत्ति कानून लागू नहीं होता. 20 सालों के बाद भी सीडीएस की नियुक्ति नहीं होती. हमारा मकसद है कि हम एक लीक से हटकर चलें.

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मोदी ने कहा, हम इस बात को समझते हैं कि आजादी के 70 सालों बाद देश लंबा इंतजार करने के लिए तैयार नहीं है. इसलिए हमारी कोशिश है कि स्पीड, डिटरमिनेशन, सॉल्यूशन जल्दी हो. हमने तेज गति से काम किया है. जिसे देश की जनता ने देखा और हमें फिर से सेवा करने का मौका दिया है. अगर ये तेज गति नहीं होती तो 37 करोड़ लोगों के बैंक में खाते नहीं खुलते. 11 करोड़ लोगों के घरों में शौचालय नहीं बनते. 13 करोड़ लोगो के घरों में चूल्हा नहीं पहुंचता. अवैध कॉलोनियां वैध नहीं होती.

नॉर्थ-ईस्ट हमारी प्राथमिकताओं में है

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के पूर्वोत्तर भारत का उनकी सरकार के लिए महत्व बताते हुए कहा, पहले राजनीतिक तराजू से फैसले होते रहे हैं. नार्थ इस्ट हमारे लिए महत्वपूर्ण है. नार्थ ईस्ट के लोगों को पिछले पांच सालों में जो उन्हें दिल्ली दूर लगती थी आज दिल्ली उनके दरवाजे पर जाकर खड़ी हो गई है. मंत्रियों ने जाकर वहां के दौरे किए हैं. रेल की बात हो, हवाई अड्डे की बात हो, माबोइल कनेक्टिविटी की बात हो, हमने पहुंचाने का काम किया है. इस क्षेत्र में पहले जो भी किया गया वो आधे मन से किया गया. राजनीतिक तराजू पर रखकर किया गया. कागज पर किया गया.

हाल ही में हुए बोडो समझौते पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि इससे पूरे नार्थ ईस्ट के साथ-साथ पूरे देश को फायदा होगा. मोदी ने कहा कि इस समझौते से नया उजाला और रोशनी आई है. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि जब आप चश्मा बदलोगे तब आपको ये नजर आएगा.

योजनाओं की सफलता पर मोदी ने दिया जोर

केंद्र सरकार की योजनाओं की सफलताएं गिनाते हुए मोदी ने कहा, किसानों के लिए डेढ़ गुना एमएसपी का वादा हमने पूरा कर दिया. सिंचाई के क्षेत्र में हमने काम किया. पीएम फसल यजना से किसानों में एक विश्वास पैदा हुआ. प्राकृतिक आपदा से जो नुकसान हुआ उसके तहत 56 हज़ार करोड़ रुपए बीमा के जरिए दिया गया. पहले 7 लाख टन दाल औऱ तिलहन की खरीद थी. हमारे कार्यकाल में 100 लाख टन की खरीद हुई. ई-नाम के जरिए किसान अपना माल बेच सकता हैं. पौने दो करोड़ किसान इससे जुड़े हैं. हमने किसान क्रेडिट कॉर्ड का काम किया. सोलर पंप का काम किया जो कि नया था.

उन्होंने बताया, 2014 में हमारे आने से पहले कृषि मंत्रालय का बजट 27 हजार करोड़ से पांच गुना बढ़कर डेढ़ लाख करोड़ हो गया है. मोदी ने कहा, आज हम कहां हैं इसका पता तब चलता है जब हम देखते हैं कि कल हम कहां थे.

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘मैं आपकी बातों को प्रेरणा मानता हूं. आपकी बातों से मुझे मार्गदर्शन मिलता है. हम एक काम न करेंगे और न होने देंगे वो हैं आपकी बेरोजगारी नहीं हटने देंगे.’

मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना से लोग पैसा कमाने लगे हैं और लोगों को भी रोजगार देने लगे हैं. इस योजना से जुड़े लोग अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में मदद कर रहे हैं. 22 करोड़ से ज्यादा ऋण दिया गया है. ईपीएफओ में एक करोड़ से ज्यादा लोग जुड़े हैं. यह आंकड़ा 2017 से 2020 के बीच का है.

मोदी ने कहा कि बदली हुई वैश्विक परिस्थितियों के साथ हमें आगे बढ़ना होगा. उन्होंने कहा इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत जरूरी है. किसान, व्यवसायी, स्कूल के लिए ये बहुत जरूरी है. लोगों को लोगों से जोड़ने का काम भी इंफ्रास्ट्रक्चर से होता है.

मोदी ने कहा कि 2009 में यूपीए सरकार का संकल्प था कि ईस्टर्न पेरिफेरल को पूरा कर लिया जाएगा लेकिन इसे हमारी सरकार ने पूरा किया. दिल्ली को प्रदूषण से बचाने की दिशा में हमने काम किया है. अब 40 हजार से ज्यादा ट्रक दिल्ली से बाहर होकर जाते हैं.

संविधान के जरिए कांग्रेस पर हमला

मोदी ने कहा कि संविधान बचाना कांग्रेस के लिए मंत्र होना चाहिए क्योंकि ये इसका महत्व समझते तो उनका वो हश्र नहीं होता. आप जितनी बार इसका जिक्र करोगे आपको अपनी गलतियों की याद आएगी. जिन लोगों ने जीवन का अधिकार छीनने की कोशिश की थी उन्हें इसे पढ़ना चाहिए. दर्जनों बार राज्य सरकारों को बर्खास्त कर दिया वो संविधान के बारे में बात कर रहे हैं. उन लोगों को संविधान बचाने की शिक्षा लेनी बहुत जरूरी है. पीएम और पीएमओ के ऊपर नेशनल एडवाइजरी काउंसिल, रिमोट कंट्रोल से सरकार चलाने वालों को संविधान का महत्व समझना बहुत जरूरी है.

मोदी ने कहा कि संविधान के नाम पर दिल्ली में क्या हो रहा है इसे पूरा देश देख रहा है. हर कोई इस बात को समझ रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जैसी बात कही गई है वो ठीक नहीं है. कांग्रेस के समय में संविधान और लोगों के अधिकारों की क्या स्थिति थी. पीएम ने कहा, ‘मैं इन लोगों से पूछना चाहता हूं. अगर आप लोग इसके बारे में सोचते तो आप जम्मू-कश्मीर के लोगों को वंचित करने की कोशिश नहीं करते.’

मोदी ने कहा, कश्मीर भारत का मुकुटमणि है. कश्मीर की पहचान बम, बंदूक से बना दी गई थी. 1990 में कुछ लोगों ने उसकी पहचान को दफना दिया था. कश्मीर की पहचान सूफी से है, सर्व धर्म संभाव की संस्कृति से है.

महबूबा मुफ्ती से लेकर फारूक अब्दुल्ला पर साधा निशाना

मोदी ने महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि भारत ने कश्मीर के साथ धोखा किया है. मोदी ने कहा कि क्या ऐसी भाषा को स्वीकार किया जा सकता है. फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि 370 को हटाना कश्मीर की आजादी का मार्ग प्रशस्त करेगा. क्या इस भाषा से, इस भावना से कोई भी भारतीय इसे स्वीकार कर सकता है क्या. इन लोगों को कश्मीर के लोगों पर विश्वास नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘हमारे मंत्री लगातार जनता से संवाद करके उनकी बातों को सुनने का काम कर रहे हैं. वहां के लोगों की आशा-अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.’

पाकिस्तान भारत के मुसलमानों को भड़का रहा है

मोदी ने कहा कि इस सदन ने जो कानून पारित किया उस पर कुछ लोग कह रहे हैं कि सीएए लाने की इतनी जल्दी क्या थी. उन्होंने कहा, ‘लोग कह रहे हैं कि हमारी सरकार हिंदू-मुस्लिम कर रही है. हम लोग देश के टुकड़े करने की कोशिश कर रहे हैं. ये वो लोग कह रहे हैं जो देश के टुकड़े-टुकड़े करने वाले लोगों के साथ खड़े होते हैं.’

पीएम ने कहा कि पाकिस्तान भारत के मुसलमानों को भड़का रहा है. इस दिशा में वो हर खेल औऱ रंग दिखा रहा है. पाकिस्तान की बात बढ़ नहीं पा रही है. उन्होंने कहा, ‘मैं हैरान हूं कि जिनको हिंदुस्तान की जनता ने सत्ता से घर भेज दिया वो ही ये काम कर रहे हैं.’

मोदी ने कहा कि कांग्रेस की नजर में ये लोग सिर्फ मुसलमान हैं लेकिन हमारे लिए ये सब भारतीय हैं. मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि लड़कपन में खान अब्दुल गफ्फार खान के पैर छूने का मुझे मौका मिला था.

नेहरू-लियाकत समझौते के जरिए कांग्रेस को घेरा

मोदी ने कहा कि अगर कांग्रेस विरोध नहीं करती, इतना हो-हल्ला नहीं करती तो देश को इनका असल रूप नहीं दिखता. उन्होंने पंडित नेहरू पर निशाना साधते हुए कहा, ‘किसी को प्रधानमंत्री बनना था इसलिए देश पर एक लकीर खींच दी गई.’

मोदी ने कहा कि 1950 में नेहरू-लियाकत समझौता हुआ. भारत-पाकिस्तान में रहने वाले अल्पसंख्यकों की स्थिति के बारे में यह समझौता हुआ. मोदी ने कहा कि कांग्रेस को जवाब देना पड़ेगा कि नेहरू जैसे विचारक और सेक्युलर व्यक्ति थे तो उन्होंने उस समय अल्पसंख्यक की जगह सभी लोगों की बात क्यों नहीं की. मोदी ने कहा कि नेहरू ने इस समझौते से एक साल पहले असम के मुख्यमंत्री गोपीनाथ जी को लिखा था- आपको हिंदू शर्णाथियों और मुस्लिम इमिग्रेंट्स के बीच फर्क करना ही होगा. देश को इनकी जिम्मेदारी लेनी ही होगी.

मोदी ने कहा, समझौते के कुछ दिनों के बाद नेहरू ने संसद में 5 नवंबर 1950 को कहा था कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि जो लोग भारत आए हैं वो नागरिता पाने के हकदार है और अगर कानून में बदलाव करना पड़ा तो वो भी किया जाएगा. 1963 में लोकसभा में इसी सदन में कॉल अटेंशन मोशन में नेहरू ने कहा था कि पूर्वी पाकिस्तान में वहां की अथॉरिटी जबर्दस्त दबाव बना रही है. मोदी ने कहा कि दस्तावेजों औऱ स्टैडिंग कमिटी भी इसी तरह के कानून की वकालत करते रहे हैं.

मोदी ने कांग्रेस से सवाल पूछा कि क्या पंडित नेहरू कम्युनल थे, क्या वे हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते थे. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस सिर्फ झूठे वादे करती है और उसे वर्षों तक टालती रहती है. जब हमारी सरकार फैसले ले रही है तो उन्हें दिक्कत हो रही है. मोदी ने कहा सीएए से हिंदुस्तान के किसी भी नागरिक पर किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है.

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