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Saturday, 23 November, 2024
होमदेश'प्रत्येक राष्ट्र आपदाओं का सामना करता है', PM मोदी ने आपदा से निपटने में देशों की एकता को महत्व दिया

‘प्रत्येक राष्ट्र आपदाओं का सामना करता है’, PM मोदी ने आपदा से निपटने में देशों की एकता को महत्व दिया

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक राष्ट्र और क्षेत्र विभिन्न प्रकार की आपदाओं का सामना करता है और इन परिस्थितियों में समाज बुनियादी ढांचे से संबंधित स्थानीय ज्ञान विकसित करता है.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि दुनिया में आपदाओं का प्रभाव केवल स्थानीय नहीं होता है, ऐसे में सभी देशों को एक साथ मिलकर काम करना चाहिए न कि अलग अलग.

‘कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर’ (सीडीआरआई) की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को वीडियो संदेश के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने आपदा की स्थिति में स्थानीय अंतर्दृष्टि के महत्व पर भी प्रकाश डाला.

उन्होंने कहा, “निकटता से जुड़ी दुनिया में आपदाओं का प्रभाव केवल स्थानीय नहीं होगा, बल्कि एक क्षेत्र में आपदा का अलग क्षेत्र में बड़ा प्रभाव पड़ सकता है. इसलिए हमारी प्रतिक्रिया एकीकृत होनी चाहिए अलग-थलग नहीं.”

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक राष्ट्र और क्षेत्र विभिन्न प्रकार की आपदाओं का सामना करता है और इन परिस्थितियों में समाज बुनियादी ढांचे से संबंधित स्थानीय ज्ञान विकसित करता है.

उन्होंने बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण करते समय, इस तरह के ज्ञान का बुद्धि से उपयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया.

उन्होंने कहा, “स्थानीय अंतर्दृष्टि के साथ आधुनिक तकनीक लचीलेपन के लिए बहुत अच्छी हो सकती है. इसके अलावा, यदि अच्छी तरह से इनका उपयोग किया जाता है तो स्थानीय ज्ञान एक वैश्विक सर्वोत्तम अभ्यास बन सकता है.”

भारत की अगुवाई वाला सीडीआरआई नई दिल्ली में आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे पर दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है.

उन्होंने कहा, “उन्नत अर्थव्यवस्थाएं और विकासशील अर्थव्यवस्थाएं, छोटे देश और बड़े देश, वैश्विक उत्तर और वैश्विक दक्षिण इस मंच पर एक साथ आ रहे हैं. यह भी उत्साहजनक है कि केवल सरकारें ही इसमें शामिल नहीं हैं, बल्कि वैश्विक संस्थान और निजी क्षेत्र भी एक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं.”

पीएम ने आगे कहा कि कुछ ही वर्षों में, 40 से अधिक देश सीडीआरआई का हिस्सा बन गए हैं. इस प्रकार यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बनता जा रहा है. उन्नत अर्थव्यवस्थाएं, विकासशील अर्थव्यवस्थाएं, छोटे और बड़े देश, वैश्विक उत्तर और वैश्विक दक्षिण देश सभी इस मंच पर एक साथ आ रहे हैं.


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