नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा कि कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए अगले 21 दिनों तक पूरी तरह लॉकडाउन करने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि इससे लड़ने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए 15 हज़ार करोड़ के पैकेज का एलान किया है. उन्होंने कहा कि इस वक्त सभी राज्य सरकारों को स्वास्थ्य सेवाओं को ही पहली प्राथमिकता देनी चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए लॉकडाउन को गंभीरता से लेना चाहिए. आज रात 12 बजे से पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन होने जा रहा है. घरों से बाहर निकलने पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जा रही है. एक तरह से ये कर्फ्यू ही है. ये जनता कर्फ्यू से ज्यादा सख्त है. कोरोना से निर्णायक लड़ाई के लिए ये कदम जरूरी है. इस लॉकडाउन से देश को आर्थिक कीमत चुकानी पड़ेगी लेकिन लोगों के जीवन को बचाना इस समय मेरी, भारत सरकार की, राज्य सरकारों की सबसे बड़ी प्राथमिकता है’.
तीन सप्ताह तक रहेगा लॉकडाउन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘इस समय आप देश में जहां भी हैं वहीं रहें. देश में तीन सप्ताह का लॉकडाउन होगा. आने वाले 21 दिन हर परिवार और नागरिक के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. कोरोना के साइकिल को तोड़ने में 21 दिन बहुत महत्वपूर्ण है. अगर ये 21 दिन नहीं संभले तो कई परिवार हमेशा के लिए तबाह हो जाएंगे. ये बात मैं आपके परिवार के सदस्य के तौर पर कह रहा हूं. बाहर निकलना क्या होता है ये भूल जाएं. सिर्फ और सिर्फ घर में ही रहें’.
मोदी ने कहा, ‘आज के फैसले ने आपके घर के दरवाजे पर एक लक्ष्मण रेखा खींच दी है. घर से बाहर आपका एक कदम कोरोना जैसी गंभीर बीमारी को आपके घर में ला सकता है. कई बार कोरोना से संक्रमित व्यक्ति पहले स्वस्थ्य लगता है. अपने घरों में रहकर एहतियात बरतें’.
उन्होंने कहा, ‘जो घर में हैं वो सोशल मीडिया पर इनोवेटिव तरीके से अपनी बात कह रहे हैं.’
मोदी ने कहा, ‘एक्सपर्ट का कहना है कि जिस व्यक्ति को कोरोना है उसमें ये लक्षण दिखने में कई दिन लग सकते हैं. तब तक वो कई व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है’.
मोदी ने कहा, ‘दुनिया में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 1 लाख तक पहुंचने में 67 दिन लग गए थे. उसके बाद सिर्फ 11 दिन में ही 1 लाख नए मामले आ गए. 2 लाख संक्रमित से 3 लाख लोगों तक पहुंचने में इसे सिर्फ 4 दिन लगे. इससे अनुमान लगा सकते हैं कि ये कितनी तेज़ी से फैलता है. इसे फैलने से रोकना बहुत मुश्किल है. इटली, फ्रांस, स्पेन, जर्मनी, अमेरिका में जब ये फैला तो वहां हालात बेकाबू हो गए. बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के बावजूद ये देश इसे रोक नहीं पा रहे हैं’.
उन्होंने कहा, ‘कुछ देश महामारी से बाहर आने की तरफ बढ़ रहे हैं. ऐसे देशों के लोगों ने सरकार की बात मानी और अपने घरों से बाहर नहीं निकले. चाहे जो हो जाए हमें घर में ही रहना है. सोशल डिस्टेंसिंग प्रधानमंत्री से लेकर गांव तक के लोगों के लिए है’.
मोदी ने कहा, ‘जान है तो जहां है. धैर्य और अनुशासन की घड़ी है. जब तक देश में लॉकडाउन की स्थिति है तब तक हमें अपना वचन और संकल्प निभाना है’.
उन्होंने कहा, ‘इस महामारी ने कई देशों को बेबस कर दिया है. तमाम तैयारियों के बावजूद इन देशों में चुनौती बढ़ती जा रही है. कोरोना को फैलने से अगर रोकना है तो उसके संक्रमण के साइकिल को रोकना होगा. कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि सोशल डिसटेंसिंग सिर्फ मरीज के लिए है. ये हर आदमी के लिए है. कुछ लोगों की लापरवाही और गलत सोच देश को बड़ी मुश्किल में झोंक देगी. अगर ऐसी लापरवाही जारी रही तो भारत को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है. ये कीमत कितनी बड़ी हो सकती है ये अंदाजा लगाना भी मुश्किल है’.
मोदी ने कहा, ‘जनता कर्फ्यू के दिन भारत के लोगों ने पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना योगदान दिया. हर वर्ग के लोगों परीक्षा की इस घड़ी में आगे आए. हर भारतवासी ने इसे सफल बनाया. लोगों ने दिखा दिया कि जब मानवता पर संकट आता है तब किस प्रकार सभी भारतीय कैसे एकजुट होकर मुकाबला करते हैं’.
देश में 500 से ज्यादा मामले आ चुके हैं सामने
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार अभी तक देश में 519 कोरोनावायरस से संक्रमित मामले आए हैं जिनमें से 39 लोगों को इलाज़ के बाद छुट्टी मिल चुकी है. इस वायरस के कारण अभी तक देश में 9 लोगों की मौत भी हो चुकी है. वहीं विश्व भर के 190 देशों में करीब 15 हज़ार लोगों की कोरोनावायरस से मौत हो चुकी है.
चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोनावायरस इटली और स्पेन को सबसे बुरी तरह प्रभावित कर रहा है. हर रोज़ सैकड़ों लोगों की मौत की खबरें इन दो देशों से सामने आती है.
लगभग पूरा देश लॉकडाउन, कई राज्यों में कर्फ्यू
कोविड-19 के बढ़ते मामलों और इस वायरस के खतरे को समझते हुए राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्य को लॉकडाउन कर दिया है. कुछ राज्यों ने तो लोगों द्वारा बरती जा रही लापरवाही को देखते हुए कर्फ्यू भी लगा दिया है.
कोरोनावायरस के मद्देनज़र देश के 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पूरी तरह लॉकडाउन कर दिया गया है. सभी राज्य सरकारें लोगों से अपील कर रही है कि लोग अपने घरों से बाहर न निकलें. फिर भी कई जगह देखा जा रहा है कि लोग इसका पालन नहीं कर रहे हैं.
देश में जारी लॉकडाउन को लोगों द्वारा गंभीरता से न लिए जाने पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर इस पर कहा था, ‘लॉकडाउन को अभी भी कई लोग गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. कृपया करके अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें. राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वो नियमों और कानूनों का पालन करवाएं.’
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पिछले संबोधन में मोदी ने ‘जनता कर्फ्यू’ का किया था आह्वान
कोरोनावायरस महामारी के देश में बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले एक हफ्ते में दूसरी बार राष्ट्र के नाम संबोधन दिया है.
इससे पहले 19 मार्च को राष्ट्र के नाम दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया था जिसका देश की जनता ने पालन किया.
19 मार्च को दिए संबोधन में मोदी ने सोशल डिसटेंसिंग की सलाह दी थी और लोगों को कम से कम घर से बाहर निकलने को कहा था.
मोदी ने कहा था कि वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की सोच सही नहीं है. उन्होंने प्रत्येक भारतवासी से सतर्क रहने को कहा था.
उन्होंने कहा था कि अभी तक विज्ञान कोरोना से बचने के लिए कोई उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है.
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पिछले संबोधन में उन्होंने कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों के मद्देनज़र वित्त मंत्री के नेतृत्व में कोविड-19 आर्थिक रिस्पांस टास्क फोर्स गठन करने का फैसला किया था.
मोदी ने देशवासियों को आश्वस्त किया था कि दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां और जीवन के लिए ज़रूरी ऐसी आवश्यक चीज़ों की कमी ना हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं.