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Sunday, 22 December, 2024
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रक्षा मंत्रालय के नए भवनों का जल्द उद्घाटन करेंगे PM मोदी, खाली की गई जगह पर बनेगा पीएम आवास

रक्षा मंत्रालय के कार्यालयों को अफ्रीका एवेन्यू और कस्तूरबा गांधी मार्ग स्थित दो नए कार्यालय परिसरों में स्थानातरित किया जाएगा. गुरुवार को इस नए कार्यालय परिसर का उद्घाटन स्वयं पीएम करेंगे.

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नई दिल्ली: स्वतंत्रता के बाद से ही साउथ ब्लॉक के पास स्थित डलहौजी रोड पर बने बैरकों से काम कर रहे रक्षा मंत्रालय के कार्यालय आखिरकार अफ्रीका एवेन्यू और कस्तूरबा गांधी मार्ग में बने दो नए कार्यालय परिसरों में चले जाएंगे, जिनका उद्घाटन स्वयं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस गुरुवार को करेंगे. इनके द्वारा खाली की गई जगह पर सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के एक हिस्से के रूप में प्रधानमंत्री के नए आवास और कार्यालय को बनाया जाएगा.

वर्तमान में डलहौजी रोड क्षेत्र में काम कर रहे रक्षा मंत्रालय के करीब 7,000 कर्मचारियों को अगले दो महीनों के दौरान कई चरणों में में नए कार्यालय तक स्थानांतरित किए जाएंगे.

एक ओर जहां अफ्रीका एवेन्यू पर बने सात मंजिला कार्यालय परिसर में केवल रक्षा मंत्रालय के कार्यालय होंगे, वहीं कस्तूरबा गांधी मार्ग पर बने आठ मंजिला कार्यालय का उपयोग- रक्षा मंत्रालय के कार्यालयों के अलावा- परिवहन भवन और श्रम शक्ति भवन में वर्तमान में स्थित कार्यालयों को भी अस्थायी रूप से तब तक के लिए समायोजित करने के लिए किया जाएगा जब तक कि केंद्रीय सचिवालय परिसर में उनके नए कार्यालय तैयार न हो जाएं.

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, जो सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना को क्रियान्वित कर रहा है, के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि साउथ ब्लॉक के पास इस प्रकार खाली की गई 50 एकड़ से अधिक जगह का इस्तेमाल सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के ‘एक्जिक्यूटिव एन्क्लेव’ को विकसित करने के लिए किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री के आवास और कार्यालय (पीएमओ) के अलावा कैबिनेट सचिवालय का कार्यालय भी होगा.

इस अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, ‘इन दोनों को मिलाकर इसे एक्जिक्यूटिव एन्क्लेव का नाम दिया जाएगा.’

हालांकि, खाली की गई जगह पर पीएम आवास और अन्य कार्यालयों के निर्माण का काम शुरू होने में अभी कुछ वक्त लगेगा.

ऊपर जिक्र किए गये अधिकारी ने बताया कि ‘मौजूदा कार्यालयों को पूरे साजो-समान के साथ स्थानांतरित करने में लगभग दो महीने लगेंगे. उसके बाद ही कोई अन्य प्रक्रिया जैसे कि परियोजना के लिए अस्थायी निविदाएं, बोलीदाताओं का चयन, आदि शुरू होगी. वास्तविक निर्माण कार्य के शुरू होने से पहले अभी भी एक लंबा रास्ता तय किया जाना है.’


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दिल्ली के पावर कॉरिडोर का नवनिर्माण/ पुनर्विकास

वर्तमान में सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत राजपथ पर एक नये संसद परिसर और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू को बनाने का काम चल रहा है. हालांकि नये संसद भवन के भारत की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के जश्न से पहले ही 2022 तक तैयार हो जाने की उम्मीद है, सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के 26 जनवरी 2022 तक तैयार होने की उम्मीद है.

आवास मंत्रालय के निर्माण कार्य से संबंधित शाखा, सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (सीपीडब्ल्यूडी) अथवा केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, ने उस स्थान पर तीन नये कार्यालय परिसरों के निर्माण के लिए निविदाएं भी जारी कर दी हैं जहां पहले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र स्थित था.

परियोजना से जुड़े एक सूत्र का कहना है, ‘सीपीडब्ल्यूडी जल्द ही अंतिम रूप से निविदा प्रदान कर देगा.‘

दिल्ली के पावर कॉरिडोर की शक्लो सूरत को पूरी तरह से बदल डालने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना में भारत के उपराष्ट्रपति के लिए नए आवास तथा शास्त्री भवन, निर्माण भवन, उद्योग भवन, कृषि भवन और वायु भवन सहित अन्य सरकारी कार्यालयों को समायोजित करने के लिए 10 नए बिल्डिंग ब्लॉक (इमारतों के खंड) भी शामिल किए जाएंगे.

केंद्रीय सचिवालय परिसर के पहले तीन कार्यालय भवन उस भूखंड पर बनेंगे जहां पहले इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र स्थित था. इसे 2023 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है.

सीपीडब्ल्यूडी द्वारा इस परियोजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा. गुजरात स्थित वास्तुकार बिमल पटेल की फर्म एचसीपी डिजाइन ने अक्टूबर 2019 में सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के डिजाइन को तैयार करने के लिए लगाई गयी बोली में सफलता हासिल की थी.

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