नई दिल्ली : श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के साथ हुए द्विपक्षीय वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्रीलंका सरकार तमिलों की समानता, न्याय, शांति और सम्मान की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, रिकन्सिलीएशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा दोनों देश आपसी सुरक्षा के लिए और आतंकवाद के विरुद्ध आपसी सहयोग को और मजबूत करने के लिए काम करेंगे. श्रीलंका में सत्ता संभालने के बाद भारत दौरे पर आने के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को धन्यवाद भी किया.
गोटाबाया के हाल ही में श्रीलंका के राष्ट्रपति चुने जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आपको प्राप्त जनादेश एक संगठित, मजबूत और समृद्ध श्रीलंका और लोगों की आकांक्षाओं को अभिव्यक्त करता है. इस संबंध में भारत की शुभेच्छा और सहयोग हमेशा श्रीलंका के साथ है. उन्होंने कहा, मेरी सरकार की ‘नेबरहुड फर्स्ट नीति’ नीति और सागर सिद्धांत के अनुरूप हम श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देते हैं.
प्रधानमंत्री ने आपसी बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि मछुआरों की आजीविका को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर भी चर्चा की. पीएम ने कहा, ‘हमारे बीच सहमति है कि हम इस मामले में रचनात्मक और मानवीय दृष्टिकोण जारी रखेंगे. मुझे विश्वास है कि श्रीलंका सरकार तमिलों की समानता, न्याय, शांति और सम्मान की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए, रिकन्सिलीएशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी.’
PM:We exchanged our views on reconciliation in Sri Lanka. President Rajapaksa told me of his inclusive political point of view on ethnic harmony.I believe Sri Lanka govt will take forward procedure of reconciliation to fulfill ambitions of equality,justice,peace&respect of Tamils pic.twitter.com/PwH0ZLDCuf
— ANI (@ANI) November 29, 2019
प्रधानमंत्री ने कहा, आपसी सुरक्षा और आतंकवाद के विरुद्ध आपसी सहयोग और मजबूत करने पर उन्होंने राष्ट्रपति राजपक्ष के साथ विस्तार से चर्चा की है. प्रमुख भारतीय संस्थानों में श्रीलंका के पुलिस अधिकारी आतंकवाद की रोकथाम की ट्रेनिंग प्राप्त कर रहे हैं. उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए उनके साथ पांच करोड़ डॉलर का समझौता करने का भी ऐलान किया. मोदी ने कहा कि भारत की 40 करोड़ अमेरिकी डॉलर की ऋण सुविधा श्रीलंका के विकास को आगे बढ़ाएगी. साथ ही सुरक्षा संबंधी मसलों से निपटने के लिए श्रीलंका को पांच करोड़ डॉलर देने का ऐलान भी किया.
President of Sri Lanka Gotabaya Rajapaksa: We will take steps to release the boats belonging to India in our custody. pic.twitter.com/yW0U7S6C6o
— ANI (@ANI) November 29, 2019
वहीं श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे ने कहा, हम अपनी हिरासत में लिए गए भारत की नौकाओं को छोड़ने के लिए कदम उठाएंगे. उन्होंने कहा, आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम उठने के लिए श्रीलंका भारत का साथ देगा. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री को श्रीलंका आने का न्यौता भी दिया.