नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जलियांवाला बाग के पुनर्निर्मित परिसर का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया.
इसके साथ ही उन्होंने अमृतसर में जलियांवाला बाग स्मारक स्थल पर विकसित कुछ संग्रहालय दीर्घाओं का भी उद्घाटन किया. लंबे समय से बेकार पड़ी और कम उपयोग वाली इमारतों का दोबारा अनुकूल इस्तेमाल सुनिश्चित करते हुए चार संग्रहालय दीर्घाएं निर्मित की गई हैं.
There would rarely be any village in Punjab that lacks the saga of bravery and gallantry. Following the path shown by Gurus, the sons and daughters of Punjab stand like a rock in the path of those who look at Mother India with crooked eyes: PM Narendra Modi pic.twitter.com/CyErsK1KqX
— ANI (@ANI) August 28, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, देश के राष्ट्र नायकों से जुड़े स्थानों को आज संरक्षित करने के साथ ही वहां नए आयाम भी जोड़े जा रहे हैं. जलियांवाला बाग की तरह आज़ादी से जुड़े दूसरे राष्ट्रीय स्मारकों का भी नवीनीकरण जारी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,’विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ आने वाली पीढ़ियों को भी याद दिलाएगी कि कितनी बड़ी कीमत चुकाकर हमें स्वतंत्रता मिली है. वो उस दर्द और तकलीफ़ को भी समझ सकेंगे जो विभाजन के समय करोड़ों भारतीयों ने सही थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, जलियांवाला बाग जैसी ही एक और विभीषिका हमने भारत विभाजन के समय भी देखी. पंजाब के परिश्रमी और जिंदादिल लोग तो विभाजन के बहुत बड़े भुक्तभोगी रहे हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक यह दीर्घाएं उस अवधि के दौरान पंजाब में घटित विभिन्न घटनाओं के विशेष ऐतिहासिक महत्व को दर्शाती हैं. इन घटनाओं को दिखाने के लिए श्रव्य-दृश्य प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रस्तुति की व्यवस्था है जिसमें मैपिंग और थ्री डी चित्रण के साथ-साथ कला एवं मूर्तिकला अधिष्ठापन भी शामिल हैं.
पीएमओ के अनुसार जालियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को घटित विभिन्न घटनाओं को दर्शाने के लिए एक साउंड एंड लाइट शो की व्यवस्था की गई है.
उसने जानकारी दी कि इस परिसर में विकास से जुड़ी कई पहल की गई हैं. पंजाब की स्थानीय स्थापत्य शैली के अनुरूप धरोहर संबंधी विस्तृत पुनर्निर्माण कार्य किए गए हैं. शहीदी कुएं की मरम्मत की गई है और नवविकसित उत्तम संरचना के साथ इसका पुनर्निर्माण किया गया है.
पीएमओ के अनुसार इस बाग का केंद्रीय स्थल माने जाने वाले ‘ज्वाला स्मारक’ की मरम्मत करने के साथ-साथ इसका पुनर्निर्माण किया गया है और वहां स्थित तालाब को एक ‘लिली तालाब’ के रूप में फिर से विकसित किया गया है तथा लोगों को आने-जाने में सुविधा के लिए यहां स्थित मार्गों को चौड़ा किया गया है.
पीएमओ के अनुसार इस परिसर में अनेक नई और आधुनिक सुविधाओं को जोड़ा गया है जिनमें लोगों की आवाजाही के लिए उपयुक्त संकेतकों से युक्त नव विकसित मार्ग, महत्वपूर्ण स्थानों को रोशन करना, देशी वृक्षारोपण के साथ बेहतर भूदृश्य एवं चट्टानों युक्त निर्माण कार्य, इत्यादि पूरे बगीचे में ऑडियो नोड्स लगाना शामिल हैं.
इसके अलावा मोक्ष स्थल, अमर ज्योति और ध्वज मस्तूल को समाहित करने के लिए अनेक नए क्षेत्रों का विकास किया गया है.
इस कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी किशन रेड्डी, कई केंद्रीय मंत्री, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सहित हरियाणा, उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए.