scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होमदेश'मन की बात' में बोले PM Modi- जैसे मां हमारे जीवन को गढ़ती है, वैसे हमारी मातृभाषा भी

‘मन की बात’ में बोले PM Modi- जैसे मां हमारे जीवन को गढ़ती है, वैसे हमारी मातृभाषा भी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के अपने मासिक कार्यक्रम में विदेशों से मूर्तियों को लाना, मातृ भाषा दिवस, स्टार्ट-अप्स, स्वच्छता आदि पर चर्चा की.

Text Size:

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम में देश से चोरी हुईं मूर्तियों को विदेशों से वापस लाने, मातृभाषा, स्टार्ट-अप्स, स्वच्छता आद विषयों पर चर्चा की.

गौरतलब है कि मन की बात कार्यक्रम पीएम मोदी मासिक रेडियो कार्यक्रम है. जो कि हर महीने के आखिरी सप्ताह में होता है. इसमें पीएम महीने भर देश के विषयों, मुद्दों को उठाते हैं.

विदेशों से लाई गईं चोरी की गई मूर्तियां

पीएम मोदी ने कहा, ‘इस महीने की शुरुआत में भारत, इटली से अपनी एक बहुमूल्य धरोहर को लाने में सफल हुआ है. ये धरोहर है अवलोकितेश्वर पद्मपाणि की हजार साल से भी ज्यादा पुरानी प्रतिमा. ये मूर्ति कुछ वर्ष पहले बिहार में गया जी के देवी स्थान कुंडलपुर मंदिर से चोरी हो गई थी.’

उन्होंने कहा, ‘ऐसे ही कुछ वर्ष पहले तमिलनाडु के वेल्लूर से भगवान आंजनेय्यर, हनुमान जी की प्रतिमा चोरी हो गई थी. हनुमान जी की ये मूर्ति भी 600-700 साल पुरानी थी. इस महीने की शुरुआत में, ऑस्ट्रेलिया में हमें ये प्राप्त हुई, हमारे मिशन को मिल चुकी है.’

हमारे इतिहास में, देश के कोने-कोने में एक-से-बढ़कर एक मूर्तियां हमेशा बनती रहीं, इसमें श्रद्धा भी थी, सामर्थ्य भी था, कौशल्य भी था और विवधताओं से भरा हुआ था और हमारे हर मूर्तियों के इतिहास में तत्कालीन समय का प्रभाव भी नज़र आता है.

मातृभाषा दिवस की चर्चा की, बताया इसका महत्व

प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में कहा, ‘कुछ दिन पहले ही हमने मातृभाषा दिवस मनाया. जो विद्वान लोग हैं, वो मातृभाषा शब्द कहां से आया इसकी उत्पत्ति कैसे हुई, इसे लेकर बहुत एकेडमिक इनपुट दे सकते हैं.

मातृभाषा के महत्व पर बात करते हुए पीएम ने कहा कि, ‘जैसे हमारे जीवन को हमारी मां गढ़ती है, वैसे ही मातृभाषा भी हमारे जीवन को गढ़ती है. आजादी के 75 साल बाद भी कुछ लोग ऐसे मानसिक द्वन्द में जी रहे हैं जिसके कारण उन्हें अपनी भाषा, अपने पहनावे, अपने खान-पान को लेकर एक संकोच होता है, जबकि, विश्व में कहीं और ऐसा नहीं है.
भारत में विश्व की सबसे पुरानी भाषा तमिल है.’

उन्होंने कहा कि, ‘साल 2019 में, हिन्दी, दुनिया की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में तीसरे क्रमांक पर थी.

‘आज के दिन, यानी, 27 फरवरी को मराठी भाषा गौरव दिवस भी है. ‘सर्व मराठी बंधु भगिनिना मराठी भाषा दिनाच्या हार्दिक शुभेच्छा.’


यह भी पढ़ें: ईंधन की कीमत और आर्थिक वृद्धि दर झटके देगी, कस्टमर्स की खातिर सरकार टैक्स इजाफा वापस ले


आयुष स्टार्टअप्स चैलेंज की बात

पीएम ने कहा कि पिछले सात वर्षों में देश में आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार पर बहुत ध्यान दिया गया है. इसी महीने की शुरुआत में आयुष स्टार्ट अप चैलेंज शुरू हुआ है. इस चैलेंज का लक्ष्य इस क्षेत्र में काम करने वाले स्टार्टअप्स की पहचान  करके उन्हें सपोर्ट करना है.

एक बार जब लोग मिलकर के कुछ करने की ठान लें, तो वो अद्भुत चीजें कर जाते हैं.

देश के स्वच्छता अभियानों का किया जिक्र

‘मिशन जल थल’ नाम का एक जन आंदोलन कश्मीर के श्रीनगर में चल रहा है. यह श्रीनगर की झीलों और तालाबों की साफ-सफाई और उनकी पुरानी रौनक लौटाने का एक अनोखा प्रायास है.

कोकराझार, असम में मॉर्निंग वॉकर्स के एक समूह ने ‘स्वच्छ और हरित कोकराझार’ मिशन के तहत प्रशंसनीय पहल की है.

विशाखापट्नम में पॉलीथिन के बजाए कपड़े के थैलों को बढ़ावा दिया जा रहा है.

मुंबई के सोमैया कालेज के छात्र ने स्वछता के अपने अभियान में सुन्दरता को भी शामिल कर लिया है.

महिलाओं के काम की तारीफ की

आज चाहे स्किल इंडिया हो, सेल्फ हेल्प ग्रुप हो, या छोटे बड़े उद्योग हो, महिलाओं ने हर जगह मोर्चा संभाला हुआ है.

सेना में भी बेटियां अब नई और बड़ी भूमिकाओं में ज़िम्मेदारी निभा रही हैं. गणतंत्र दिवस पर हमने देखा कि आधुनिक फाइटर प्लेन्स को भी बेटियां उड़ा रही हैं.

सीवी रमन को किया याद

पीएम ने कहा, ‘कल 28 फरवरी को नेशनल साइंस डे (‘National Science Day’) है. मैं सी.वी. रमन जी के साथ उन सभी वैज्ञानिकों को आदरपूर्वक श्रद्दांजलि देता हूं.

‘मैं, अपने स्टार्ट-अप्स को भी कहूंगा कि आप अपने कौशल और साइंटिफिक कैरेक्टर का इस्तेमाल राष्ट्र निर्माण से जुड़े कार्यों में भी करें. आज, मैं, कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारतीय वैज्ञानिकों की भूमिका की भी सराहना करना चाहूंगा.’

उनके कड़े परिश्रम की वजह से ही मेड इन इंडिया वैक्सीन का निर्माण संभव हो पाया, जिससे पूरी दुनिया को बहुत बड़ी मदद मिली है.

share & View comments