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Monday, 23 December, 2024
होमदेशपीएम मोदी के प्रमुख सलाहकार पीके सिन्हा ने 'व्यक्तिगत कारण' बताकर दिया इस्तीफा

पीएम मोदी के प्रमुख सलाहकार पीके सिन्हा ने ‘व्यक्तिगत कारण’ बताकर दिया इस्तीफा

इस बात की संभावना है कि सिन्हा को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा दिल्ली या पुडुचेरी के उपराज्यपाल जैसे संवैधानिक पद के लिए चुन लिया जाए. उन्होंने 'निजी कारणों' का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री का प्रमुख सलाहकार नियुक्त किए जाने के डेढ़ साल बाद सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी पीके सिन्हा ने प्रधानमंत्री कार्यालय से इस्तीफा दे दिया है. सूत्रों ने इस बात की जानकारी दिप्रिंट को दी है.

सूत्रों ने कहा कि इस बात की संभावना है कि सिन्हा को नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा दिल्ली या पुडुचेरी के उपराज्यपाल जैसे संवैधानिक पद के लिए चुन लिया जाए. उन्होंने ‘निजी कारणों’ का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया है.

पीएमओ ज्वाइन करने से पहले 1977 बैच के उत्तर प्रदेश काडर के अधिकारी सिन्हा, आईएएस के इतिहास में सिर्फ एक ही ऐसे अधिकारी थे, जिन्हें इस सेवा के शीर्ष पद कैबिनेट सचिव के पद पर तीन बार एक्सटेंशन दिया गया.

बाद में सिन्हा को पीएमओ में समायोजित करने के लिए विशेष रूप से पीएम के प्रमुख सलाहकार का नया पद सृजित किया गया. वे प्रमुख सचिव पीके मिश्रा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को विशेष रूप से आवंटित किए गए मामलों के अलावा सभी मंत्रालयों/विभागों/एजेंसियों/निकायों से संबंधित नीतिगत मुद्दों और मामलों को देखते थे.

लेकिन मिश्रा और डोभाल के उलट सिन्हा को कैबिनेट रैंक नहीं दिया गया था. सूत्रों ने बताया कि सिन्हा ने बिना किसी आधिकारिक रैंक के अपने कार्यकाल के दौरान पीएमओ में अपना काम जारी रखा.

सिन्हा का इस्तीफा इससे करीब एक महीने पहले एक और हाई प्रोफाइल इस्तीफे के बाद आया है. इससे पहले अतिरिक्त सचिव एके शर्मा ने त्यागपत्र देकर उत्तर प्रदेश बीजेपी को ज्वाइन कर लिया था.

मोदी सरकार के दौरान सिन्हा की खास बातें

2014 से पहले प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस वक्त सिन्हा को उनके साथ काम करने का कोई अनुभव नहीं था. सिन्हा ने यूपीए के 10 साल के शासन काल में तीन प्रमुख मंत्रालयों को संभाला था, लेकिन 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने एक साल से अधिक समय ऊर्जा मंत्रालय में सचिव के पद पर बनाए रखा.

मोदी सरकार के पहले साल के दौरान, सिन्हा के कार्यकाल में, बिजली मंत्रालय ने रिकॉर्ड 22,566 मेगावाट क्षमता का उछाल देखा और ट्रांसमिशन लाइन के साथ ही सब-स्टेशन दोनों क्षमताओं में सबसे अधिक वृद्धि देखा.

कैबिनेट सचिव के रूप में अपने वर्षों के दौरान, उन्होंने व वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कानून तैयार करने, राज्य के अधिकारियों को इसके कामकाज के बारे में जागरूक करने और वित्त अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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