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Friday, 22 November, 2024
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बिहार से पीएम नरेंद्र मोदी ने शुरू की गरीब कल्याण योजना, श्रमिकों के लिए ख़र्च होंगे 50,000 करोड़ रुपए

श्रमिकों को भरोसा दिलाते हुए पीएम ने कहा कि जब कोरोना का संकट बढ़ना शुरु हुआ था, तो राज्य और केंद्र सरकार को उनकी चिंता बनी हुई थी. उन्होंने कहा, 'हमने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं.'

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नई दिल्ली: बिहार के खगड़िया से गरीब कल्याण योजना को वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए लॉन्च करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है. आज गरीब कल्याण के लिए, उसके रोजगार के लिए एक बहुत बड़ा अभियान शुरू हुआ है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘ये अभियान समर्पित है हमारे श्रमिक भाई-बहनों के लिए, हमारे गांवों में रहने वाले नौजवानों-बहनों-बेटियों के लिए. गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत आपके गांवों के विकास के लिए, आपको रोजगार देने के लिए 50 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं.’

उन्होंने ये जानकारी भी दी कि इस राशि से गांवों में रोजगार के लिए, विकास के कामों के लिए करीब 25 कार्यक्षेत्रों की पहचान की गई है. सभी श्रमिकों के हुनर की मैपिंग की भी शुरुआत की गई है. ताकि लोगों के कौशल के मुताबिक उनको काम मिल सके.

उन्होंने कहा, ‘आप जो काम करना जानते हैं, उस काम के लिए जरूरतमंद खुद आपके पास पहुंच सकेगा. आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना से हुई थी. इस योजना पर कुछ ही सप्ताह के भीतर करीब पौने 2 लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए.’

पीएम ने ये भी कहा कि इन तीन महीनों में 80 करोड़ गरीबों तक राशन-दाल पहुंचाने का काम हुआ है. इनमें से ज्यादातर वो श्रमिक हैं जो लॉकडाउन के दौरान अपने घर वापस लौटे हैं. उन्होंने कहा, ‘बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, मध्यप्रदेश और राजस्थान के 116 जिलों में ये अभियान पूरे जोर-शोर से चलाया जाएगा.’

इस योजना के ज़़रिए सरकार का प्रयास है कि श्रमिकों को उनके घर के पास ही रोजगार मिल सके. पीएम ने कहा, ‘मुझे इस कार्यक्रम की प्रेरणा कुछ श्रमिक साथियों से ही मिली. मैंने मीडिया में लॉकडाउन में एक उन्नाव की एक खबर देखी. वहां एक स्कूल को क्वारेंटाइन सेंटर बनाया था. वहां रहने वाले श्रमिकों की रंगाई पुताई में मास्टरी थी.’

पीएम ने कहा कि इन श्रमिकों ने स्कूल का अपने-अपने हुनर से कायाकल्प कर दिया. उन्होंने कहा, ‘कितना ही टैलेंट इन दिनों वापस अपने गांव लौटा है. देश के हर शहर को गति और प्रगति देने वाला श्रम और हुनर जब खगड़िया जैसे ग्रामीण इलाकों में लगेगा, तो इससे बिहार के विकास को भी कितनी गति मिलेगी.’

श्रमिकों को भरोसा दिलाते हुए पीएम ने कहा कि जब कोरोना का संकट बढ़ना शुरु हुआ था तो राज्य और केंद्र सरकार को उनकी चिंता बनी हुई थी. उन्होंने कहा, ‘हमने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाईं. आज आपकी बातों में जो सम्मान का भाव था, वो मैं महसूस कर रहा था.’

पीएम ने ये भी कहा कि भारत के गावों में तो कोरोना का जिस तरह मुकाबला किया है, उसने शहरों को भी बहुत बड़ा सबक दिया है. उन्होंने कहा, ‘6 लाख़ से ज्यादा गांवों वाला हमारा देश, जिनमें भारत की दो-तिहाई से ज्यादा आबादी, करीब 80-85 करोड़ लोग जहां रहते हैं, उस ग्रामीण भारत में कोरोना के संक्रमण को आपने बहुत ही प्रभावी तरीके से रोका है.’

इस दौरान उन्होंने ग्राउंड पर काम करने वाले ग्राम प्रधान, आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर्स, जीविका दीदी के काम की भी तारीफ़ की. इस दौरान उन्होंने पहले की सरकारों पर हमला करते हुए कहा, ‘पहले का समय तो आपको याद ही होगा. पैसा ऊपर से चलता तो था, आपके नाम से ही चलता था, लेकिन आप तक आता नहीं था.’

उन्होंने कहा कि अब ये सब बदल रहा है. सरकारी दुकान से अनाज की दिक्कत न हो इसके लिए ‘एक देश एक राशन कार्ड योजना’ भी शुरू की गई है. उन्होंने कहा, ‘हमने किसानों से भेदभाव वालों नियमों को खत्म कर दिया है. अब किसान अपने राज्य के बाहर भी अपनी फसल बेच सकता है और किसी भी बाज़ार में बेच सकता है.’

इस दौरान हाल में गलवान में शहीद हुए जवानों को याद करते हुए पीएम ने कहा, ‘लद्दाख में हमारे वीरों ने जो बलिदान दिया है, मैं गौरव के साथ इस बात का जिक्र करना चाहूंगा कि ये पराक्रम बिहार रेजीमेंट का है. हर बिहारी को इसका गर्व होता है. जिन सैनिकों ने अपना बलिदान दिया है उन्हें मैं श्रद्धांजलि देता हूं.’

आपको बता दें कि इस साल के अंत में बिहार में चुनाव होने वाले हैं.

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