scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमदेशपरीक्षा पे चर्चा 2020: पीएम मोदी ने कोलकाता क्रिकेट मैच और चंद्रयान-2 के उदाहरण से छात्रों को किया प्रेरित

परीक्षा पे चर्चा 2020: पीएम मोदी ने कोलकाता क्रिकेट मैच और चंद्रयान-2 के उदाहरण से छात्रों को किया प्रेरित

पीएम ने कहा- ये नया दशक है. ये जितना छात्रों के लिए अहम है उतना ही देश के लिए. इस दशक में जो भी होगा. उसमें 10वीं-12वीं के बच्चों पर निर्भर करेगा.

Text Size:

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तालकटोरा स्टेडियम में नववर्ष की बधाई के साथ ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम की शुरुआत की. उन्होंने कहा- ये नया दशक है. ये जितना छात्रों के लिए अहम है उतना देश के लिए अहम है. इस दशक में जो भी होगा. उसमें 10वीं-12वीं के बच्चों पर निर्भर करेगा.

पीएम मोदी ने कहा- परीक्षा पे चर्चा मेरे दिल के सबसे क़रीब है. इसके ज़रिए मुझे युवा मन को जनाने का मौक़ा मिलता है. मैं परीक्षा पे चर्चा नहीं करता तो मेरे पीएम की कुर्सी पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता. परिवार वालों पर हमेशा बच्चों की पढ़ाई का बोझ रहता है. मैंने सोचा बोझ साझा करते हैं.

पीएम मोदी ने कहा- आज का फ़ैशन है हैशहैग विदाउट फ़िल्टर. हम भी बिना फ़िल्टर के बात करेंगे. इसमें किसी से गलती हो सकती है. इसमें किसी से भी गलती हो सकती है, मुझसे भी. अगर मुझसे गलती हुई तो टीवी वालों को ख़ुशी होगी.

राजस्थान की एक छात्रा ने पीएम मोदी से बोर्ड की परीक्षा की वजह से होने वाले मूड ऑफ के ख़िलाफ़ प्रेरित करने की बात कही. पीएम ने जवाब में कहा- नौजवानों का तो मूड ऑफ ही नहीं होना चाहिए. मूड ऑफ के लिए पीएम ने बाहरी परिस्थितियों को ज़िम्मेदार ठहराया और उसे कंट्रोल करने की सलाह दी.

इसके लिए उन्होंने चंद्रयान का उदाहरण देते हुए कहा कि मिशन के दौरान सब जाग रहे थे जबकि उनका इससे सीधा कोई लेना-देना नहीं था. लेकिन जब मिशन असफल हुआ तो सबको ये निजी असफलता लग रही थी. उन्होंने कहा- मिशन की असफलता का हवाला देकर मुझे नहीं जाने की सलाह दी गई, मैं फिर भी वहां गया.

इसके लिए उन्होंने चंद्रयान का उदाहरण देते हुए कहा कि मिशन के दौरान सब जाग रहे थे जबकि उनका इससे सीधा कोई लेना-देना नहीं था. लेकिन जब मिशन असफल हुआ तो सबको ये निजी असफलता लग रही थी. उन्होंने कहा- मिशन की असफलता का हवाला देकर मुझे नहीं जाने की सलाह दी गई, मैं फिर भी वहां गया.

पीएम ने 2001 में कोलकाता में हुए भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच का हवाला देते हुए कहा- भारत को इस मैच में फ़ॉलोऑन खेलना पड़ा जिसकी वजह से प्रशंसकों का मूड ऑफ हो गया. लेकिन बाद में मैच का कायापलट हो गया और सबका मूड ठीक हो गया. इन्हीं उदाहरणों से उन्होंने मूड कंट्रोल करने की सलाह दी.

पीएम मोदी ने परिवार वालों पर कटाक्ष करते हुए कहा- आज के परिवार वाले ग्लैमर ड्रिवेन एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटी के लिए बच्चों पर दबाव डालते हैं. उन्होंने बच्चों पर इस तरह के दबाव को परिवार वालों का वह सपना बताया जो अधूरा रह जाता है. 10-12वीं के बच्चों से उन्होंने कुछ एक्स्ट्रा करने की अपील की.

पीएम ने कहा, ‘अगर आप कोई एक्स्ट्रा एक्टिविटी नहीं करते हैं, तो आप रोबोट बन कर रह जाओगे. हम नहीं चाहेंगे की हमारे देश का नौजवान रोबोट बन कर रह जाए.

छात्रा भी शामिल थी जिसके बारे में चर्चा करते हुए पीएम ने कहा कि वो देश का इकलौता राज्य है जहां लोग एक-दूसरे का अभिवादन जयहिंद से करते हैं. इसकी जड़ें 1962 के युद्ध में हैं.

पीएम ने 2022 तक लोकल चीजें ख़रीदने और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने को कहा. उन्होंने कहा कि अभी तो लोग पटाखे भी बाहर से लाकर छोड़ रहे हैं.

बच्चों के जीवन में विज्ञान और तकनीक के महत्व के सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, तकनीक का भय कभी अपने जीवन में आने नहीं देना चाहिए. इसे दोस्तों के बीच शो ऑफ करने का ज़रिया भी नहीं बनाना चाहिए. ये देखना चाहिए कि ये कैसे मेरे लिए ज़रूरी है. ज़्यादातर ऐसे देखा जा रहा है कि बहुतों का समय टेक्नोलॉजी चोरी कर लेती है.

स्मार्टफ़ोन जो समय चोरी करता है उसमें से 10 मिनट निकालकर परिवार वालों के साथ बिताएं तो ज़्यादा उपकारक होगा. उन्होंने कहा, ‘हममें वो ताकत होनी चाहिए कि हम तकनीक को अपने हिसाब से इस्तेमाल करेंगे.’

सोशल मीडिया से होने वाली सोशल नेटवर्किंग को पीएम ने प्राण तत्व का तकनीक द्वारा हड़पा जाना बताया. उन्होंने कहा- पहले बर्थडे पर विश करने जाते थे अब व्हाट्सएप पर बधाई दे देते हैं. ये सही नहीं है.

मोदी ने कहा, ‘मैं तकनीक के प्रति उत्सुक रहा हूं जिसका मुझे बहुत फ़ायदा मिला लेकिन इसे जीवन का हिस्सा बनाने के प्रति आगाह किया.’

उन्होंने छात्रों से पहले अपनी मातृभाषा फिर अंग्रेज़ी और हिंदी के अलावा कोई और भाषा सीखने की सलाह दी. उन्होंने लोगों से पूर्वोत्तर का टूर करने की अपील की और फिर ये कहते हुए चुटकी ली कि लोग पहले यहा नहीं बल्कि सिंगापुर और दुबई घूमने जाते हैं.

चर्चा के दौरान नागरिक अधिकार और कर्तव्य से जुडे सवाल किए गए. सवाल करने वालों में अरुणाचल की एक छात्रा भी शामिल थी जिसके बारे में चर्चा करते हुए पीएम ने कहा कि वो देश का इकलौता राज्य है जहां लोग एक-दूसरे का अभिवादन जयहिंद से करते हैं. इसकी जड़ें 1962 के युद्ध में हैं.

पीएम ने 2022 तक लोकल चीजें ख़रीदने और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने को कहा. उन्होंने कहा कि अभी तो लोग पटाखे भी बाहर से लाकर छोड़ रहे हैं.

share & View comments