नई दिल्ली: पीएम मोदी ने परीक्षा पे चर्चा 2020 कार्यक्रम को लेकर सोमवार को तालकटोरा स्टेडियम में स्कूली छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें कर्तव्यों और अधिकारों को लिए महात्मा गांधी की बातों का उदाहरण दिया. उन्होंने कहा गांधी ने कर्तव्य को मूलभूत अधिकार बताए थे.
पीएम ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, अगर हम प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर जीवन जिएंगे, तो प्रकृति स्वयं आपको आगे ले जाने में सहायता करेगी. इसीलिए समय और परिस्थिति की पसंद में हमें, प्रकृति के अनुकूल समय खोजना चाहिए.
उन्होंने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि अगर आप बोझ लेकर परीक्षा हॉल में गए हैं तो सारे प्रयोग बेकार जाते हैं. आपको आत्म विश्वास लेकर जाना है. परीक्षा को कभी जिंदगी में बोझ नहीं बनने देना है. आत्मविश्वास बहुत बड़ी चीज है. साथ ही फोकस एक्टिविटी होनी जरूरी है.
उन्होंने कहा कि संभव है कि सुबह उठकर आप पढ़ते हैं तो मन और दिमाग से पूरी तरह तंदुरुस्त होते होंगे लेकिन हर किसी की अपनी विशेषता होती है, इसलिए आप सुबह या शाम जिस समय बेहतर महसूस करें, उसी समय पढ़ाई करें.
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अभिभावकों को चेताते हुए पीएम ने कहा कि जितना ज्यादा आप बच्चे को प्रोत्साहित करोगे, उतना परिणाम ज्यादा मिलेगा और जितना दबाव डालोगे उतना ज्यादा समस्याओं को बल मिलेगा. अब ये मां-बाप और अध्यापकों को तय करना है कि उन्हें क्या चुनना है.
उन्होंने छात्रों को महात्मा गांंधी के बातों से प्रेरित करते हुए कहा कि गांधी ने कहा था कि मूलभूत अधिकार नहीं बल्कि मूलभूत कर्तव्य होते हैं.
पीएम ने बच्चों को एग्जाम वॉरियर एक नहीं दो बार पढ़ने की सलाह दी. ऐसा उन्होंने बच्चों के उस सवाल के जवाब में कहा कि जिसमें बच्चों ने परीक्षा को आने वाले भविष्य से जोड़ा और कहा कि इसकी वजह से बहुत दबाव रहता है.
उन्होंने कहा एग्जाम वॉरियर ये सिखाती है कि हम बनने के सपने नहीं बल्कि कुछ करने के सपने देखें. जीवन को बनाने के बजाय कुछ करने के सपने से जोड़ना चाहिए. ऐसा करने से कोई दबाव नहीं रहेगा.