नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न सरकारी विभागों और मंत्रालयों से कहा है कि वे ‘मिशन मोड’ में काम करते हुये अगले डेढ़ साल में दस लाख लोगों की भर्ती करें. प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी.
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि सभी सरकारी विभागों एवं मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा के बाद प्रधानमंत्री का यह निर्देश आया है.
बेरोजगारी के मसले पर विपक्ष की ओर से की जा रही लगातार आलोचना के बीच सरकार ने यह फैसला किया है.
पीएमओ ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने सभी सरकारी विभागों एवं मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की और सरकार द्वारा मिशन मोड में अगले डेढ़ साल में दस लाख लोगों की भर्ती करने का निर्देश दिया.’
पीएमओ ऑफिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया, ‘PM @narendramodi ने सभी विभागों और मंत्रालयों में मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि सरकार द्वारा अगले 1.5 सालों में मिशन मोड में 10 लाख लोगों की भर्ती की जाए.’
इसी के साथ ही केंद्र ने दस लाख भर्तियों के लिए दिसंबर 2023 की डेडलाइन सेट की है, इसका मतलब है कि भर्ती के लिए सिर्फ 18 महीने का समय बचा है.
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने इस साल 2 मार्च को कहा था, ‘रोजगार और बेरोजगारी पर डेटा 2017-18 से राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ), सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) द्वारा आयोजित आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) से इकट्ठा किया जाता है.
सरकारी आंकड़ों में कहा गया है कि रोजगार पैदा करने के साथ रोजगार क्षमता में सुधार सरकार की प्राथमिकता है. इसलिए भारत सरकार ने देश में रोजगार पैदा करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं.
भारत सरकार ने व्यवसायों को प्रोत्साहन प्रदान करने और COVID-19 के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए आत्मानिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की है. जिसके तहत सरकार 27 लाख करोड़ रुपये ती प्रोत्साहन राशि खर्च कर रही है.
इस पैकेज में देश को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए विभिन्न दीर्घकालिक योजनाएं / कार्यक्रम / नीतियां शामिल हैं.
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