नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचकर गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि दी. सूत्रों ने बताया प्रधानमंत्री मोदी के गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचने के दौरान ना तो कोई पुलिस बंदोबस्त किया गया और ना ही यातायात ही रोका गया.
पीएम ने ट्वीट किया और कहा आज सुबह मैंने ऐतिहासिक गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में प्रार्थना की, जहां गुरु तेग बहादुर जी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया है.
पीएम ने लिखा मैं तेगबहादुर गुरुद्वारा पहुंचकर बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं. पीएम ने लिखा मैं दुनिया भर के लाखों लोगों की तरह ही श्री तेग बहादुर जी की दया से बहुत प्रेरित हूं.
पीएम ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और उन्होंने लिखा, ‘यह गुरु साहिब की विशेष कृपा है कि हम अपनी सरकार के कार्यकाल के दौरान श्री गुरु तेग बहादुर जी के 400 वें प्रकाश पर्व मनाएंगे. आइए हम इस अवसर को ऐतिहासिक तरीके से चिह्नित करें और श्री गुरु तेग बहादुर जी के आदर्शों को मनाएं.’
गुरु तेग बहादुर सिखों के दस गुरुओं में से नौंवे थे. वे दसवें गुरु गोविंद सिंह के पिता थे. उन्होंने धर्म का प्रचार करने के लिए पूरे पूर्वी और उत्तर भारत में दौरा किया था. मुगलों के अत्याचार के खिलाफ उन्होंने आवाज बुलंद की थी और धार्मिक स्वतंत्रता और अधिकारों की रक्षा के लिए उन्होंने अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था.
This morning, I prayed at the historic Gurudwara Rakab Ganj Sahib, where the pious body of Sri Guru Teg Bahadur Ji was cremated. I felt extremely blessed. I, like millions around the world, am deeply inspired by the kindnesses of Sri Guru Teg Bahadur Ji. pic.twitter.com/ECveWV9JjR
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2020
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सिख गुरु के शहीदी दिवस पर पंजाबी में भी ट्वीट किया. साल 1621 में जन्मे सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर 1675 में दिल्ली में शहीद हो गए थे.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ‘श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन साहस और करुणा का प्रतीक है. महान श्री गुरु तेग बहादुर के शहीदी दिवस पर मैं उन्हें नमन करता हूं और समावेशी समाज के उनके विचारों को याद करता हूं.’
Some more glimpses from Gurudwara Rakab Ganj Sahib. pic.twitter.com/ihCbx57RXD
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2020
हालांकि, पीएम मोदी के गुरुद्वारा रकाबगंज जाने को प्रदर्शनकारी किसानों को साधने के तौर पर भी देखा गया है. बता दें कि पीएम रकाबगंज दौरे के दौरान थोड़ी देर रहे और उन्होंने वहां बैठकर अरदास भी किया. चद्दर भी चढ़ाई.