नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को 11वें डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन किया. यह आयोजन लखनऊ के वृंदावन इलाके में हो रहा है. अब तक का यह सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपो है.
प्रत्येक दो साल पर आयोजित होने वाले इस एक्सपो में भारत के रक्षा निर्माण के वैश्विक हब के तौर पर उभारने की क्षमता को प्रदर्शित किया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत की विशालता, उसकी व्यापकता, उसकी विविधता और विश्व में उसकी विस्तृत भागीदारी का जीता जागता सबूत है. ये एक्सपो सिर्फ डिफेंस से सबंधित उद्योग में ही नहीं बल्कि समग्र रूप से भारत के प्रति दुनिया के विश्वास को प्रकट करता है. आज का ये अवसर भारत की रक्षा-सुरक्षा की चिंता करने वालों के साथ-साथ पूरे भारत के युवाओं के लिए भी बड़ा अवसर है. मेक इन इंडिया से भारत की सुरक्षा बढ़ेगी, वहीं डिफेंस सेक्टर में रोज़गार के नए अवसर भी बनेंगे.’
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि आज का ये अवसर भारत की रक्षा-सुरक्षा की चिंता करने वालों के साथ-साथ पूरे भारत के युवाओं के लिए भी बड़ा अवसर है. मेक इन इंडिया से भारत की सुरक्षा बढ़ेगी, वहीं डिफेंस सेक्टर में रोज़गार के नए अवसर भी बनेंगे.
उन्होंने कहा कि आज भारत में दो बड़े डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है. जिसमें से एक तमिलनाडु में और दूसरा यहीं उत्तर प्रदेश में हो रहा है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के बनने से डिमांड और मैन्यूफैक्चरिंग की प्रक्रिया और आसान होने वाली है. इसका निश्चित लाभ डिफेंस सेक्टर्स से जुड़े उद्योगों को होगा और इस सेक्टर में इन्वेस्ट करने के इच्छुक आप सभी इन्वेस्टर्स को होगा.
उन्होंने कहा, हमारी सरकार, डिफेंस सेक्टर में एफडीआई नियमों को भी आसान किया गया है. अब डिफेंस सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई का रास्ता साफ हुआ है जिसमें से 49 प्रतिशत ऑटोमेटिव रूट से संभव हो सकता है. बीते 5 वर्षों डिफेंस सेक्टर में 1700 करोड़ के एफडीआई आने का रास्ता साफ हुआ है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, अब हमारा लक्ष्य ये है कि आने वाले पांच वर्ष में डिफेंस एक्सपोर्ट को 5 बिलियन डॉलर यानि करीब 35 हज़ार करोड़ रुपए तक बढ़ाया जाए.
डिफेंस एक्सपो में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, इस एक्सपो में 23 एमओयू उत्तर प्रदेश सरकार के साथ होने जा रहे हैं जिससे 50,000 करोड़ से अधिक का निवेश उत्तर प्रदेश के अंदर संभावित होने जा रहा है. इसके माध्यम से 3 लाख से अधिक रोज़गार की संभावनाएं उत्तर प्रदेश के अंदर पैदा होंगी.
डिफेंस एक्सपो 2020 के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे.
डिफेंस एक्सपो 2020
प्रत्येक दो साल पर आयोजित होने वाले इस एक्सपो में भारत के रक्षा निर्माण के वैश्विक हब के तौर पर उभारने की क्षमता को प्रदर्शित किया जाएगा.
इस एक्सपो में 70 देशों और 172 विदेशी आयुध उपकरण निर्माता कम्पनियों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. वहीं, एक्सपो में 100 से ज्यादा कम्पनियां अपने हथियारों की नुमाइश करेंगी.
एक्सपो में पांचवीं भारत—रूस मिलिट्री उद्योग कांफ्रेंस का आयोजन भी किया जाएगा.
‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन आफ डिफेंस’ थीम पर होने वाला यह एक्सपो हर लिहाज से अब तक का सबसे बड़ा ऐसा आयोजन होगा. उम्मीद जतायी जा रही है कि इस एक्सपो के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग और एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग में दुनिया का महत्वपूर्ण स्थल बन जाएगा. यह एक्सपो देश के एयरोस्पेस, रक्षा और सुरक्षा सम्बन्धी हितों के सम्पूर्ण फलक को सहेजेगा. एक्सपो में पहली बार भारत-अफ्रीका डिफेंस कॉन्क्लेव का भी आयोजन किया जाएगा.
लखनऊ में पहली बार आयोजित होने वाला यह एक्सपो प्रदर्शनी लगाने वालों की संख्या, आयोजन क्षेत्र और राजस्व प्राप्ति के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी रक्षा प्रदर्शनी होगी. एक्सपो में 150 से अधिक विदेशी समेत 1000 से ज्यादा आयुध निर्माता कम्पनियां अपने उत्पादों का प्रदर्शन करेंगी. वर्ष 2018 में चेन्नई में हुए एक्सपो में यह संख्या 702 थी.
चेन्नई में प्रौद्योगिकी अंतरण के 40 एमओयू हुए थे, वहीं लखनऊ में 65 एमओयू होने की सम्भावना है. निजी क्षेत्र को जोड़ लें तो यह संख्या और भी अधिक होने की उम्मीद है. एक्सपो की थीम ‘डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन आफ डिफेंस’ है. इसमें करीब 70 देश भाग लेंगे. करीब 40 देशों के रक्षामंत्रियों ने इसमें शिरकत के लिये सहमति दी है.
इससे पहले वर्ष 2018 में चेन्नई में एक्सपो का आयोजन 80 एकड़ क्षेत्र में हुआ था मगर लखनऊ में यह 200 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में हो रहा है. इसका एक भाग यहां गोमती रिवर फ्रंट पर भी आयोजित किया जाएगा.
11वें डिफेंस एक्सपो के दौरान 19 सेमिनार आयोजित करने की योजना है. इनमें से 15 सेमिनार एसोचैम, सीआईआई और पीएचडी चैम्बर आफ कॉमर्स समेत विभिन्न उद्योग मण्डलों द्वारा आयोजित किये जाएंगे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, इंटरनेट आफ थिंग्स, ड्रोन आदि इनके प्रमुख विषय होंगे.