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Friday, 22 November, 2024
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कोरोनावायरस से लड़ने के लिये पीएम ने कहा- ‘आत्मसंयम बरतें, रविवार को हो जनता कर्फ्यू’

पीएम मोदी ने रविवार को देशवासियों से रविवार 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाने की गुजारिश की है. जिसमें पीएम ने देश के हर राज्य सरकार को इसमें शामिल होने के लिए कहा है.

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नई दिल्ली: कोरोनावायरस के संकट को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश वासियों से सजग रहने का आग्रह किया और ‘हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ’ का मंत्र देते हुए, लोगों से आत्म संयम बरते और सोशल डिस्टेंसिंग की सलाह देते हुए ‘जनता कर्फ्यू’ लगाने की बात कही है. पीएम ने कहा कि विश्व गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है. पीएम मोदी ने रविवार को देशवासियों से रविवार 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगाने की गुजारिश की है.

पीएम ने देशवासियों से यह भी कहा कि जबतक बहुत जरूरी न हो तब तक घर से बाहर न निकलें. पार्क में न जाएं. सड़क पर भी न जाएं.  इस जनता कर्फ्यू की गुजारिश करते हुए पीएम ने देश के हर राज्य सरकार को इसमें शामिल होने के लिए कहा. जनता कर्फ्यू के दौरान सारे देशवासियों को सुबह सात बजे से लेकर रात 9 बजे तक घर में रहने की सलाह दी है. वहीं इसी दिन शाम 5 बजे अपने घर के बाहर खड़े होकर आभार व्यक्त करने के लिए कहा है जो इस मुसीबत की घड़ी में देशवासियों और दुनिया वालों को संकट से निकालने में जुटे हैं.

पीएम ने कहा, ‘मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं. ये है जनता-कर्फ्यू. जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू. इस रविवार, यानि 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक सभी देशवासियों को जनता-कर्फ्यू का पालन करना है.’

पीएम ने कहा है कि 22 तारीख को शाम पांच बजे अपने घर के बाहर खड़े होकर ताली बजाएं, थाली बजाएं और सीटी बजाएं और उनकी हौसला हफ्जाई करें. इसे पांच मिनट तक करना है.

22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता इसके अनुभव हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे.’

पीएम ने आगे कहा, संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए. ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से हमारे लिए भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा. ये कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है ये देखने और परखने का भी समय है.

पीएम ने कहा, ‘पूरा विश्व इस समय संकट के बहुत बड़े गंभीर दौर से गुजर रहा है.आम तौर पर कभी जब कोई प्राकृतिक संकट आता है तो वो कुछ देशों या राज्यों तक ही सीमित रहता है. लेकिन इस बार ये संकट ऐसा है,जिसने विश्व भर में पूरी मानवजाति को संकट में डाल दिया है.’

राष्ट्र के संबोधन में पीएम ने कहा, ‘इन दो महीनों में भारत के 130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है. आवश्यक सावधानियां बरती हैं.लेकिन बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं सब कुछ ठीक है.’

कुछ सप्ताह और कुछ समय दे

पीएम ने लोगों से अपील करते हुए कहा,’वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है. इसलिए प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना सतर्क रहना बहुत आवश्यक है.साथियों आपसे मैंने जब भी जो भी मांगा है मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है.ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हमारे प्रयास सफल होते हैं.मैं आप सभी देशवासियों से  आपसे कुछ मांगने आया हूं. मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए आपका आने वाला कुछ समय चाहिए.’

पीएम ने कहा,’अभी तक विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है.ऐसी स्थिति में चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है.इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है.इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है.भारत सरकार इस स्थिति पर कोरोना के फैलाव के इस ट्रैक रिकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है.’

कोरोना का रोकने के लिए कर्तव्यों और निर्देशों का पालन करें

पीएम ने अपने संबोधन में कहा,’आज जब बड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा ये मानना गलत है. इसलिए इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है.पहला-संकल्प और दूसरा- संयम. आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते अपने कर्तव्य का पालन करेंगे. केंद्र सरकार व राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे.’

हम स्वस्थ तो जगह सवस्थ के मंत्र पर काम करें

पीएम ने कहा,’ आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे. साथियों,इस तरह की वैश्विक महामारी में एक ही मंत्र काम करता है-‘हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ’. ऐसी स्थिति में जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है, तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना बहुत आवश्यक है. इस बीमारी से बचने और खुद के स्वस्थ बने रहने के लिए अनिवार्य है संयम और संयम का तरीका क्या है-भीड़ से बचना, घर से बाहर निकलने से बचना.आजकल जिसे सोशल डिसटेंसिंग कहा जा रहा है. कोरोना वैश्विक महामारी के इस दौर में ये बहुत ज्यादा आवश्यक है.’

पीएम ने कहा, ‘इसलिए मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें. जितना संभव हो सके आप अपना काम चाहे बिजनेस से जुड़ा हो या ऑफिस से जुड़ा हो अपने घर से ही करें. मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन्स हों जो 65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें.’

रूटीन चेक अप के लिए अस्पताल जाने से बचे

पीएम ने कहा,’संकट के इस समय में आपको ये भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर हमारे हॉस्पिटलों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है. इसलिए मेरा आपसे आग्रह ये भी है कि रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं उतना बचें.संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत और उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आप जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें.’

आर्थिक मुश्किलों के लिए टास्ट फोर्स का गठन

पीएम ने कहा,’कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक कोविड 19 इकोनॉमी रिस्पांस टास्ट फोर्स का गठन का फैसला लिया है.ये टास्क फोर्स ये भी सुनिश्चित करेगी कि आर्थिक मुश्किलों को कम करने के लिए जितने भी कदम उठाए जाएं उन पर प्रभावी रूप से अमल हो.’

पीएम लोगों से कहा कि’ मैं देशवासियों को इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध,खाने-पीने का सामान दवाइयां और जीवन के लिए ज़रूरी ऐसी आवश्यक चीज़ों की कमी ना हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं.’

पीएम ने लगातार देश में लॉकडाउन की बढ़ रही अफवाह पर भी रोक लगाते हुए कहा कि जो चीजें जैसे मिल रही हैं वैसे ही मिलती रहेंगी.

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