नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में विकास की नई इबारत लिखी जा रही है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार प्रदेश को मिनी मुंबई बनाने और इंदौर को दिल्ली-मुंबई की तर्ज पर विकसित करने की योजना पर काम कर रही है. इसके तहत मेट्रोपॉलिटन कॉन्सेप्ट के आधार पर कई जिलों को जोड़कर औद्योगिक और शहरी विस्तार किया जाएगा. राजधानी भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 में इस योजना पर मंथन किया गया.
समिट के दूसरे दिन अनलॉकिंग लैंड वैल्यू इन सिटीज सेशन में मुख्यमंत्री यादव, केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर और नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शहरों के विकास को लेकर अपने विचार साझा किए. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने निवेश को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव और इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया, जिससे प्रदेश में निवेशकों का विश्वास बढ़ा है.
औद्योगिक विकास और महानगर की ओर बढ़ता मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री ने बताया कि नर्मदापुरम के मुहासा-बाबई क्षेत्र में जब रिन्यूएबल एनर्जी उपकरण निर्माण इकाई की शुरुआत हुई, तब 200 एकड़ भूमि तय थी, लेकिन मांग बढ़ते-बढ़ते 1600 एकड़ तक पहुंच गई. इससे स्पष्ट है कि छोटे शहरों में भी निवेश की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने बताया कि इंदौर को दिल्ली-मुंबई की तर्ज पर विकसित करने के साथ-साथ इंदौर-उज्जैन-देवास-शाजापुर-पीथमपुर को मिलाकर 8000 किमी क्षेत्र को औद्योगिक केंद्र बनाया जाएगा.
2047 तक विकसित भारत के लिए शहरी नीतियों की जरूरत
केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल खट्टर ने कहा कि शहरों की बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए भावी जरूरतों के लिए नीतियां बनानी होंगी. वहीं, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि दो दिन में 18 नई नीतियों को मंजूरी दी गई है, जो मध्यप्रदेश के चहुंमुखी विकास में सहायक होंगी.
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