वाराणसी: प्रवासी भारतीय दिवस की वाराणसी में शुरुआत होते ही विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल, यहां पर आयोजकों की ओर से बांटी जा रही फोटो बुकलेट में पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर की तस्वीर भी छपी है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर काफी आलोचना की जा रही है. बीजेपी के नेता एमजे अकबर पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे हैं. करीब-करीब 20 महिला पत्रकारों ने पूर्व मंत्री एमजे अकबर पर यौन शोषण और दुर्व्यवहार के आरोप लगाए थे. उसके बाद चारों तरफ से दबाव बना तो एमजे अकबर ने अपने मंत्री पद (विदेश राज्य मंत्री) से इस्तीफा दे दिया था.
सोशल मीडिया पर जमकर हो रही आलोचना..
Featuring the #MeToo accused as a star? Hasn’t he resigned?
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) January 21, 2019
सोशल मीडिया पर इस बुकलेट की तस्वीर वायरल हो रही है. इस पर तमाम विपक्षी दलों के नेता बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं.
बता दें कि इस कार्यक्रम में 85 देशों से आए एनआरआई (प्रवासी भारतीय) को आयोजकों की तरफ से बुकलेट बांटी गई. इस फोटो बुकलेट में पूर्व विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर का फोटो भी छपा हुआ है.
दुनियाभर से पहुंचे हुए प्रतिनिधिमंडल को जो बुकलेट बांटे गई उसमें केंद्र की मोदी सरकार की उपलब्धियों का ज़िक्र है. इस बुकलेट में अब भी एमजे अकबर को विदेश राज्यमंत्री बताया जा रहा है.
तीन दिन चलेगा समारोह
21 जनवरी से 23 जनवरी तक ये समारोह चलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 22 जनवरी को इसमें शिरकत करेंगे. सोमवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर समेत अन्य देश-विदेश के बड़े नेताओं की मौजूदगी में इसकी शुरुआत हुई. पहले दिन यहां कई अहम मुद्दों पर चर्चा होगी, जबकि देर रात योगी आदित्यनाथ की तरफ से सभी के लिए डिनर का आयोजन किया गया है.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी के 8 प्रवासी भारतीयों को ‘यूपी रत्नक’ से सम्माकनित करेंगे.
वाराणसी में पहली बार आयोजित हो रहे इस सम्मेलन में दुनिया के 75 देशों के करीब 3 हज़ार प्रवासी मेहमान शामिल हो रहे हैं. इनमें मॉरीशस, त्रिनिदाद, फिजी, सऊदी अरब, कनाडा, यूएसए, यूके, मलेशिया, जर्मनी, फ्रांस समेत कई देशों के ज़्यादातर प्रवासी मेहमान काशी पहुंच चुके हैं.
जानकारों का मानना है कि एमजे अकबर के यौन उत्पीड़न का मामला अदालत में जाने के बावजूद उनकी तस्वीर छाप कर सरकार एक तरह से उनके साथ खड़ी दिख रही है. आप को याद होगा कि उन पर अमरीका में पत्रकार पल्लवी गोगोई द्वारा गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद भी अकबर विदेश राज्यमंत्री के रूप में अफ्रीका का अपना दौरा पूरा कर के ही भारत लौटे थे और अपने पद से इस्तीफा दिया था. उसके बाद उन्होंने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का दावा ठोक दिया था. प्रिया रमानी अकबर पर आरोप लगाने वाली पहली पत्रकार थी.